कोई बल्लेबाज अगर शतक या अर्धशतक के करीब पहुंचता है तो उसके खेल की शैली में अक्सर अपने आप बदलाव आ जाता है. क्योंकि बल्लेबाज पर्सनल रिकॉर्ड को ज्यादा तरजीह देते हैं. दरअसल एक अध्ययन के मुताबिक क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलोजी (क्यूयूटी) के प्राध्यापक लियोनेल पेज ने कहा है कि बल्लेबाजों का व्यवहार अक्सर उनके शतक या अर्धशतक के करीब पहुंचते ही बदल जाता है.
पेज के मुताबिक उन्होंने इस अध्ययन के लिए 1971 से 2014 के बीच के 3,500 से ज्यादा एकदिवसीय मैचों के आंकड़े लिए. जिसके मुताबिक खिलाड़ी शतक या अर्धशतक के पास पहुंचने के साथ ही ज्यादा रक्षात्मक हो जाता है. एक बार शतक के पार हो जाने के बाद बल्लेबाज के स्ट्राइक रेट में 40 फीसदी से भी ज्यादा का उछाल आ जाता है. इससे कई बार खेल के नतीजे पर भी फर्क पड़ता है.
प्राध्यापक पेज ने 1880 से 2014 के बीच खेले गए 2,000 से ज्यादा टेस्ट मैचों का आकलन करते हुए यह भी देखा कि जब कोई खिलाड़ी शतक के करीब होता है तो अक्सर टीम का कप्तान पारी की घोषणा नहीं करता और व्यक्तिगत कीर्तिमान को ज्यादा तरजीह देता है.
इस अध्ययन का प्रकाशन अमेरिकन इकोनॉमिक रिव्यू पत्रिका में होना है.
- इनपुट IANS