2013 का आईपीएल सीजन अपने अंतिम चरण में था, लेकिन तभी स्पॉट फिक्सिंग की खबर से खलबली मची. पांच साल पहले आज ही के दिन (16 मई 2013) एस. श्रीसंत और राजस्थान रॉयल्स के उनके दो अन्य साथी खिलाड़ी (अजित चंदीला और अंकित चव्हाण) गिरफ्तार हुए थे. आईपीएल-6 में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप दिल्ली पुलिस ने इन तीनों को मुंबई में गिरफ्तार किया था.
श्रीसंत का नाम आने से मचा था हड़कंप
वैसे तो उस दिन 'संजय दत्त का कोर्ट में होने वाले सरेंडर' की खबर पर सबकी नजर थी, तभी गुरुवार सुबह आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग की खबर आ गई. फिक्सिंग में श्रीसंत का नाम आने से हड़कंप मचा था. इसी कड़ी में एक हफ्ते बाद एक और बड़ा नाम शामिल हो गया, जब बीसीसीआई चीफ श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को आईपीएल में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग कांड में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार कर लिया गया.
श्रीनि ने इस्तीफा देने से किया था इनकार
श्रीनिवासन पर बीसीसीआई अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए दबाव बढ़ता गया, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया. जबकि बोर्ड सचिव, कोषाध्यक्ष और आईपीएल अध्यक्ष ने अपने-अपने इस्तीफे सौंप दिए. हालांकि श्रीनिवासन अस्थायी रूप से पद छोड़ने के लिए राजी हुए थे. बोर्ड ने गड़बड़ी की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया. लेकिन जांच शुरू होने से पहले, दिल्ली पुलिस ने घोषणा की कि राजस्थान रॉयल्स फ्रेंचाइजी राज कुंद्रा के मालिक ने आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी कबूल कर ली है.
इसके बाद क्या हुआ..?
-10 जून 2013 को इन तीनों (श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चव्हाण) को जमानत मिल गई. दिल्ली पुलिस की करीब 6000 पेज की चार्जशीट में इन खिलाड़ियों के साथ 39 दूसरे लोगों को भी आरोपी बनाया गया. दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर नीरज कुमार ने दावा किया था कि ये खिलाड़ी न सिर्फ सट्टेबाजी, बल्कि स्पॉट फिक्सिंग में भी लिप्त थे.
-25 जुलाई 2015 को आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस में दिल्ली पुलिस को झटका देते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चव्हाण पर लगे पुलिस के सभी आरोपों को खारिज कर दिया. कोर्ट ने सबूतों के अभाव में आरोपियों को बरी किया.
-18 अप्रैल 2017 को भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने एस श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध की समीक्षा की. उसने इस तेज गेंदबाज की अपील को खारिज कर दिया. बीसीसीआई का दो टूक कहा कि वह भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति से कोई समझौता नहीं करेगा. श्रीसंत को पत्र लिखकर अपने फैसले की सूचना दे दी गई.
अब इस मामले में क्या हुआ..?
केरल उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने पिछले साल सात अगस्त को श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटा लिया था, लेकिन उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने बीसीसीआई की अपील पर श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध फिर से बहाल कर दिया. श्रीसंत ने केरल उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत सहित कई खिलाड़ियों को आरोप मुक्त करने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर अपील का जुलाई के अंत तक फैसला किया जाए.