अपनी तूफानी गेंदबाजी के कारण ‘टाइफून’ के उप नाम से विख्यात कभी दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज रहे फ्रैंक टायसन की मौत हो गई. केवल 17 टेस्ट खेल सके इस गेंदबाज ने 18.56 की औसत से 76 विकेट लिए. टायसन 85 वर्ष के थे. उनकी पूर्व काउंटी नार्थम्पटनशर ने रविवार को इसकी घोषणा की. नार्थम्पटनशर ने अपनी वेबसाइट पर घोषणा की कि टायसन पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उनका ऑस्ट्रेलिया के एक अस्पताल में निधन हुआ. वह संन्यास लेने के बाद ऑस्ट्रेलिया में बस गए थे.
टायसन ने 1954-55 में ऑस्ट्रेलिया में खेली गई एशेज सीरीज में पांच मैचों में 28 विकेट लिए थे. इंग्लैंड ने यह सीरीज 3-1 से जीती थी. लंकाशर में जन्में टायसन ने 244 प्रथम श्रेणी मैचों में 767 विकेट भी चटकाए. उन्होंने नार्थम्पटनशर की तरफ से 170 मैचों में 525 विकेट हासिल किए थे.
टायसन काफी पढ़े लिखे थे. वो डरहम विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक थे. यही वजह थी कि क्रिकेट के मैदान में अन्य क्रिकेटरों की तुलना में वो स्लेजिंग की जगह जेफ्री चॉसर, विलियम वर्ड्सवर्थ और शेक्सपियर को उद्धरित किया करते थे. चोटों से जूझने के कारण उन्होंने 30 साल की उम्र में ही संन्यास ले लिया था.
इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया जाकर एक स्कूल के हेडमास्टर बन गए. कुछ समय के लिए उन्होंने मेलबर्न में अंग्रेजी, फ्रेंच और इतिहास पढ़ाया. इसके अलावा वो लंबे समय तक रेडियो और मशहूर चैनल 9 पर कमेंटेटर भी रहे. गोल्ड कोस्ट में शिफ्ट होने से पहले उन्होंने विक्टोरिया टीम को कोचिंग भी दी. उन्होंने पत्रकार और लेखक के रूप में भी काम किया.
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया, नार्थम्पटनशायर ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.