ऑकलैंड में खेले गए इस वर्ल्ड कप के सबसे धमाकेदार मैच के बाद जब जीत की खुशी और हार की गर्द बैठी, तो हमने पता लगाया कि दक्षिण अफ्रीका की हार की सबसे बड़ी वजह फील्डिंग बनी. वही फील्डिंग, जो उसकी सबसे अहम ताकत मानी जाती थी.
ओवर 2.2
स्टेन के सामने गप्टिल. कवर पर शॉट खेलकर गप्टिल सिंगल लेने के लिए दौड़े, पर ड्यूमिनी विकेट पर निशाना लगाने से चूक गए. गप्टिल क्रीज़ लौट आए. रन आउट मिस हुआ और ओवरथ्रो के रन बने, सो अलग.
ओवर 31.3
स्टेन के सामने एलियट. पॉइंट की तरफ खेले शॉट पर एंडरसन की कॉल, पर एलियट ने लौटाया. थ्रो भी सही था, लेकिन हाफ वॉली पर उसे लपकने में ए बी डीविलियर्स नाकाम रहे. जब विकेट उड़ाई, तो बॉल हाथ में नहीं थी. दोबारा कोशिश में विकेट उखाड़ने की ज़रूरत थी, पर ऐसा दो कोशिशों के बाद भी नहीं हो पाया. क्या दक्षिण अफ्रीका यहीं मैच हार गई?
ओवर 40.3
स्टेन के सामने एलियट. धीमी गेंद और सधे हाथों से उसे लेग साइड में खेल दिया. तेज़ी से दूसरा रन लेने दौड़े. विकेटकीपर डे कॉक स्टम्प पर मुस्तैद और रोरू की थ्रो भी ज़बरदस्त. डे कॉक ने जल्दबाज़ी कर दी और बॉल ग्लव्स में नहीं आई. विकेट उड़ाई पर गेंद हाथ में नहीं थी. एलियट कोसों दूर थे, पर किस्मत ने साथ दिया
ओवर 41.2
मॉर्कल के सामने एलियट. न्यूज़ीलैंड की किस्मत आज अपने चरम पर थी. एलियट ने दबाव में एक शॉट खेला. बाउंसर मिली और एलियट ने बल्ला घुमा दिया. बॉल हवा में उछली, पर फासला तय नहीं कर सकी. मिडविकेट पर खड़ा फील्डर पीछे की तरफ दौड़ा और बाउंड्री से दो फील्डर आगे की तरफ. पर बॉल उनके बीच में गिरी
ओवर 41.6
मॉर्कल के सामने एलियट. तेज़ बल्ला घूमा, इस बार फिर हवा में बॉल. ऐसा लग रहा था कि इस बार एलियट पवेलियन लौट आएंगे और बहरदीन बॉल के नीचे पहुंचकर आसान सा कैच लेने की तैयारी में. तभी दाहिनी और से ड्यूमिनी दौड़ते हुए और कैच से ऐन पहले दोनों टकरा गए. गेंद गिरी मैदान पर और दक्षिण अफ्रीकी टीम के ख़्वाब भी उसके आसपास बिखरे थे.
ओवर 42.4
डेल स्टेन के सामने विटोरी. बाउंसर. विटोरी ने पुल मिस किया. एलियट स्ट्राइक की तरफ दौड़े, ताकि बाई का रन मिल जाएए. डे कॉक ने स्ट्राइक छोर पर विकेट चूकी, पर बॉल कलेक्ट करने के बाद स्टेन ने नॉन-स्ट्राइक की तरफ गेंद मारी, वहां भी कामयाबी नहीं मिली .