यह उस समय वनडे क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर भी था. इंग्लैंड की पारी में डेनिस एमिस (137) ने शतकीय और कीथ फ्लेचर (68) ने अर्धशतकीय योगदान दिया. इसके बाद क्रिस ओल्ड ने केवल 30 गेदों पर शानदार पचासा जड़ा.
लेकिन भारतीय पारी की शुरुआत करने वाले सुनील गावस्कर तो उस दिन बस अपनी ही धुन में थे. वो वनडे को टेस्ट की भांति खेलने लगे.
गावस्कर की इस पारी के पीछे क्या कारण था यह किसी को समझ नहीं आया. उस समय टीम इंडिया के मैनेजर जीएस रामचंद ने डेली एक्सप्रेस न्यूजपेपर से कहा, ‘मैंने आज तक जितने भी मैच देखे उनमें से यह सबसे शर्मनाक प्रदर्शन है.
उसका कहना था कि विकेट शॉट लगाने के लिए बहुत स्लो थी. लेकिन इंग्लैंड ने इसी पिच पर 334 रन बनाए तो ऐसा कहना बेवकूफी है. टीम में निराशा है. देश की प्रतिष्ठा बहुत महत्वपूर्ण है जिसे इस तरह नहीं गंवाया जा सकता.’