आईपीएल-8 समाप्त हो चुका है. मुंबई इंडियंस की टीम ट्रॉफी पर कब्जा भी जमा चुकी है. कुछ खिलाड़ियों के लिए यह सीजन बेहद शानदार और यादगार रहा तो कुछ ने खासा मायूस किया. आइए एक नजर डालते हैं कि कौन-कौन से खिलाड़ियों ने आईपीएल-8 की फिसड्डी टीम जगह बनाई है.
वीरेंद्र सहवाग:
आईपीएल 2015 में वीरू ने बहुत निराश किया. किंग्स इलेवन पंजाब के लिए सहवाग का फॉर्म इतना खराब रहा कि उन्हें आखिर में टीम में अपनी जगह गंवानी पड़ गई. वीरू ने अपनी 8 पारियों में इस साल मात्र 99 रन बनाए.
मुरली विजय:
किंग्स इलेवन पंजाब की नाकामी की एक वजह यह भी रही कि पंजाब के सलामी बल्लेबाज बिल्कुल नहीं चले. विजय ने कई बार स्टार्ट तो लिया लेकिन उसे बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाए. मुरली विजय ने आईपीएल-8 के 11 मैचों में सिर्फ 251 रन बनाए.
सुरेश रैना:
चेन्नई सुपर किंग्स के लिए सुरेश रैना हर सीजन काफी कंसिस्टेंट रहे. लेकिन इस साल रैना का बल्ला वो चमक नहीं छोड़ सका जो पहले था. रैना ने हर सीजन चेन्नई के लिए 400 से ज्यादा रन बनाए लेकिन इस सीजन उनके बल्ले से मात्र 374 रन निकले तो जरूर, लेकिन वह चेन्नई को अपने दम पर एक भी मैच नहीं जिता सके.
युवराज सिंह:
युवराज सिंह को दिल्ली डेयरडेविल्स ने 16 करोड़ की मोटी रकम देकर अपनी टीम में शामिल किया. लेकिन इन रुपयों के बदले युवराज ने दिल्ली की टीम को मात्र 248 रन दिए. इन आंकड़ों से साफ़ है कि युवराज सिंह न सिर्फ इस फिसड्डी टीम का हिस्सा बनने के लायक हैं, बल्कि इस टीम की कप्तानी भी इन्हीं के कन्धों पर दी जानी चाहिए.
ग्लेन मैक्सवेल:
आईपीएल-7 में किंग्स इलेवन को फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले ग्लेन मैक्सवेल का बल्ला इस बार बिलकुल खामोश रहा. मैक्सवेल ने इस सीजन 11 मैचों में मात्र 145 रन बनाए.
एंजेलो मैथ्यूज:
श्रीलंका के कप्तान एंजेलो मैथ्यूज दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में तीसरे सबसे महंगे खिलाड़ी थे. लेकिन इनके प्रदर्शन में कभी एकरुपता दिखी ही नहीं. मैथ्यूज ने दिल्ली के लिए 11 मैचों में मात्र 144 रन बनाए. गेंदबाजी में भी इन्होंने निराश करते हुए सिर्फ 7 विकेट ही हासिल किए.
जेम्स फॉकनर:
वर्ल्ड कप के फाइनल में मैन ऑफ द मैच का खिताब जीतकर आईपीएल खेलने आए फॉकनर से काफी उम्मीदें थीं. लेकिन राजस्थान रॉयल्स के लिए इनका प्रदर्शन भी बेहद औसत दर्जे का रहा. फॉकनर के बल्ले से जहां मात्र 144 रन निकले वहीं गेंदबाजी में भी उन्होंने निराश किया और कुल 8 विकेट ही ले सके.
दिनेश कार्तिक:
इन फिसड्डियों की जमात में विकेट कीपर की भूमिका में दिनेश कार्तिक सबसे फिट बैठते हैं. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने कार्तिक को 10.5 करोड़ की कीमत देकर अपनी टीम में शामिल किया था. लेकिन इन्होंने 16 मैचों में मात्र 141 रन बनाए.
मिशेल जॉनसन:
पंजाब की दुर्दशा के लिए कोई नहीं बल्कि इनके खिलाड़ी ही जिम्मेदार रहे. जॉनसन जो कि पंजाब के मुख्य अस्त्र थे लेकिन वह पूरी तरह से मिसफायर कर गए. उन्होंने 9 मैचों में मात्र 9 विकेट लिए. सबसे अजीब बात यह रही कि उनकी जमकर धुनाई हुई और उन्होंने 9.37 की औसत से प्रति ओवर रन खर्च किए.
इशांत शर्मा:
आईपीएल-8 में सनराइजर्स हैदराबाद की गेंदबाजी काफी मजबूत मानी जा रही थी. लेकिन गेंदबाजों ने निराश किया. इशांत शर्मा उस फेहरिस्त में सबसे ऊपर हैं. इशांत ने 4 मैचों में मात्र 1 विकेट हासिल किया और उनकी इकॉनमी 11.35 की रही.
डेल स्टेन:
डेल स्टेन भी इशांत शर्मा से पीछे नहीं हैं. उन्होंने 6 मैचों में 8.94 की इकॉनमी के साथ सिर्फ 3 विकेट हासिल किए.