टीम इंडिया को लंबे समय से जिस फास्ट बोलिंग ऑलराउंडर की तलाश थी, वो हार्दिक पंड्या के रूप में खत्म होती नजर आ रही है. श्रीलंका के खिलाफ धमाकेदार शतक लगाने के बाद हार्दिक पंड्या की हर जगह तारीफ हो रही है. लेकिन अपने टेस्ट में ही दमदार तरीके से बल्लेबाजी करते हुए खुद को शांत रखने का श्रेय हार्दिक ने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को दिया है.
शतक ने करीब आकर दबाव नहीं लिया दबाव
हाल ही में मीडिया से बात करते हुए टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर पंड्या ने कहा, अपने क्रिकेटिंग करियर में पहली बार 90s में पहुंचने के बावजूद मैं बिल्कुल आसानी से बल्लेबाजी कर पा रहा था, मुझे याद नहीं लेकिन इससे पहले खेली गई शतकीय पारियों में या 90s में अकसर मैं दबाव में आ जाता था. अब जब मैं बल्लेबाजी करता हूं तो मैं एक अलग दुनिया में रहता हूं. मैं खुद के स्कोर या उपल्बधियों के बारे में नहीं सोचता.'
पंड्या ने धोनी को दिया जीत का श्रेय
पंड्या ने धोनी को क्रेडिट देते हुए कहा, 'जो चीज मैंने माही भाई से सीखी है वो ये है कि हमेशा अपनी टीम को सबसे आगे रखो, स्कोरबोर्ड को देखकर उसके हिसाब से खेलो. इस सोच ने मुझे दबाव और इन सब चीजों से बाहर निकलने में मदद की.'
चीफ सेलेक्टर और कप्तान ने भी की तारीफ
फर्स्ट क्लास में कुछ खास रिकॉर्ड्स नहीं होने के बावजूद भारतीय टेस्ट टीम में चुने गए हार्दिक पंड्या को लेकर पहले कुछ आलोचनाएं भी हुई थीं. लेकिन टीम मैनेजमेंट ने उनके अंदर भरोसा दिखाया और पंड्या ने उसे बिल्कुल सही भी साबित कर दिखाया है. खुद चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद ने भी हार्दिक की शतकीय पारी के तारीफ करते हुए उन्हें भविष्य का कपिल देव बताया. जबकि खुद कप्तान विराट कोहली भी हार्दिक पंड्या की तुलना बेन स्टोक्स से कर चुके हैं.
अपने करियर के पहले 3 टेस्ट मुकाबलों में निचले क्रम में बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने एक शतक, एक अर्धशतक और एक ओवर में 26 रन बनाने का बड़ा कारनामा किया है. इसके अलावा उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में बहुमूल्य 5 विकेट भी चटकाए हैं.