एस श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटाने के खिलाफ अपील करने के बीसीसीआई के फैसले पर श्रीसंत ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. बीसीसीआई ने श्रीसंत के ऊपर लगा आजीवन प्रतिबंध हटाने के खिलाफ केरल हाईकोर्ट की खंड पीठ में अपील करने करने का फैसला किया है. बोर्ड के इस बावजूद श्रीसंत क्रिकेट में वापसी का भरोसा जताया है.
नाराज श्रीसंत ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा 'बीसीसीआई, मैं तुमसे भीख नहीं मांग रहा हूं, मैं अपना हक मांग रहा हूं. बीसीसीआई भगवान से ऊपर नहीं है. मैं दोबारा जरूर खेलूंगा.
@bcci I'm not begging ,I'm asking to give my livelihood back .its my right. U guys are not above God. I will play again..🏏✌🏻💒👍🏻
— Sreesanth (@sreesanth36) August 11, 2017
श्रीसंत ने कहा, ‘‘बीसीसीआई यह आप किसी के साथ सबसे बदतर चीज कर सकते हो और वह भी उसके प्रति जो एक बार नहीं बल्कि बार बार निर्दोष साबित हुआ हो. नहीं पता कि आप ऐसा क्यों कर रहे हो.’’
C mon @bcci this is worst u can do to anyone that too who is proven innocent not just once but again and again..don't know why u doing this?
— Sreesanth (@sreesanth36) August 11, 2017
श्रीसंत ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, जो शख्स बेगुनाह साबित हो चुका है, उसके खिलाफ तुम (बीसीसीआई) बहुत गलत कर रहे हो, मुझे नहीं पता बोर्ड ऐसा क्यों कर रहा है? इसके बाद श्रीसंत ने भ्रष्टाचार और मैच फिक्सिंग के मामले पर दोहरी नीति का आरोप लगाया और ट्वीट किया, ‘अगर बीसीसीआई भ्रष्टाचार और मैच फिक्सिंग के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी रखता है तो चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स की वापसी क्यों हो रही है?’
"the board is firm on its zero tolerance policy on corruption and match-fixing," he added.@bcci office?? Then what about csk and Rajasthan?
— Sreesanth (@sreesanth36) August 11, 2017
श्रीसंत को बीसीसीआई ने आईपीएल 2013 स्पॉट फिक्सिंग मामले में बैन कर दिया था. सोमवार को केरल हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच ने श्रीसंत के ऊपर से लाइफ बैन हटा दिया था. हालांकि बीसीसीआई ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला किया. बीसीसीआई के इस फैसले से अब श्रीसंत क्रिकेट के मैदान पर तुरंत वापसी नहीं कर पाएंगे. श्रीसंत ने टीम इंडिया के लिए 27 टेस्ट मैच, 53 वनडे और 10 टी20 मैच खेले हैं. श्रीसंत ने आखिरी बार अगस्त 2011 में टीम इंडिया के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था.