टीम इंडिया के वनडे उपकप्तान रोहित शर्मा की बल्लेबाजी को देखते हुए भले ही लगे कि वह कितनी सहजता से खेल रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि चोट के कारण छह महीने क्रिकेट से दूर रहने के बाद वापसी करना इतना आसान नहीं होता.
रोहित चोट के कारण अक्तूबर 2016 से अप्रैल 2017 तक छह महीने तक क्रिकेट से दूर रहे थे. लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान वनडे में वापसी के बाद वह 10 मैचों में कुछ अर्धशतकों के अलावा तीन शतक भी जड़ चुके हैं. उन्होंने कहा, वापसी करना बिलकुल भी आसान नहीं होता.
टीम इंडिया के स्टार ओपनर ने कहा बड़ी सर्जरी के बाद सबसे मुश्किल काम अपने अंदर के भय को जीतना होता है. यह सब दिमागी होता है. मेरी बल्लेबाजी भले ही देखने में आसान दिखती हो लेकिन यह इतना आसान नहीं है.
जब रोहित से पूछा गया कि दौड़ने के लिए स्ट्रेच करते हुए या स्पिनर का सामना करते हुए उन्हें यह डर लगा कि वह चोटिल हो सकते हैं तो इस पर रोहित ने मुस्कुराते हुए कहा, मेरे लिए सबसे अच्छी चीज यह रही कि जैसे ही मैंने अपना रिहैबिलिटेशन पूरा किया तो आईपीएल शुरू हो गया.
रोहित ने कहा, मुंबई इंडियंस की कप्तानी करते हुए और मैदान पर फैसले लेते हुए मुझे याद ही नहीं रहा कि मैं सोचूं कि अगर मैं चोटिल हो गया तो क्या होगा. रोहित ने कहा, और जब मैं भारत के लिए खेल रहा था तो बल्लेबाजी करते हुए मुझे कोई विचार नहीं आते. नकारात्मक बातों का कोई स्थान नहीं होता.
इसके अलावा रोहित को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, 'मेरी तैयारी विपक्षी टीम के आधार पर नहीं, हालात के अनुरूप होती है. जब हम ऑस्ट्रेलिया का सामना करेंगे, तो भी यह कुछ अलग नहीं होगा.'
रोहित ने कहा, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कोर ग्रुप सभी टीमों का एक समान रहता है इसलिए आप जानते हो कि क्या उम्मीद की जा रही है, लेकिन वे भी विभिन्न हालात में प्रदर्शन करते हैं. इसलिए परिस्थितियों के अनुसार मेहनत करना ही अहम है. आपको यह जानने की जरुरत होती है कि आप विशेष पिचों पर ऐसे शॉट खेल सकते हो और आप अपनी पारी किस तरह खेलना चाहते हो.