भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक से बढ़कर एक बल्लेबाज हुए. विजय मर्चेंट भी उन्हीं में से एक थे, जिनका जन्म साल 1911 में आज ही के दिन (12 अक्टूबर) मुंबई में हुआ था. व्यापारी परिवार में जन्मे विजय मर्चेंट भारत की तरफ से टेस्ट में शतक लगाने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं. साल 1951 में इंग्लैंड के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में उन्होंने 40 साल 21 दिन की उम्र में शतक (154 रन) लगाया था.
विजय मर्चेंट की काबिलियत का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने 150 प्रथम श्रेणी मैचों में 71.64 की औसत से रन बनाए. यह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डॉन ब्रैडमैन के बाद सबसे बेस्ट एवरेज है. ब्रैडमैन का फर्स्ट क्लास एवरेज 95.14 का रहा था. अगर हम केवल रणजी ट्रॉफी के मैचों को शामिल करें तो उनका रिकॉर्ड और भी बेहतर है. रणजी ट्रॉफी में विजय मर्चेंट ने 98.75 की औसत से 3639 रन बनाए थे.
1933 में किया टेस्ट डेब्यू
विजय मर्चेंट को सबसे पहले यूनिवर्सिटी लेवल के से प्रसिद्धि मिली, बाद में जाकर उन्होंने रणजी ट्रॉफी में मुंबई (तब बॉम्बे) का प्रतिनिधित्व किया. रणजी ट्रॉफी में शानदार खेल दिखाने के बाद दिसंबर 1933 में इंग्लिश टीम के खिलाफ वह अपना टेस्ट डेब्यू करने में कामयाब रहे. हालांकि डेब्यू टेस्ट मैच में मर्चेंट कुछ खास नहीं कर पाए और दोनों इनिंग्स को मिलाकर महज 53 रन बना सके.
साल 1936 में विजय मर्चेंट ने इंग्लैंड का दौरा किया जहां मैनचेस्टर टेस्ट में उन्होंने भारत की दूसरी पारी में 114 रन बनाए. यह उनके टेस्ट करियर का पहला शतक था. उस इनिंग के दौरान मर्चेंट ने मुश्ताक अली (112) के साथ पहले विकेट के लिए 203 रनों की साझेदारी की थी. दोनों की शतकीय पारी के चलते भारत वह टेस्ट मैच ड्रॉ करवाने में सफल रहा था.
इंग्लैंड के खिलाफ खेले सभी 10 टेस्ट मैच
देखा जाए तो दाएं हाथ के बल्लेबाज विजय मर्चेंट का टेस्ट करियर वैसे तो 18 साल तक चला, लेकिन वह सिर्फ 10 टेस्ट मैच ही खेल पाए. इसके पीछे की वजह द्वितीय विश्व युद्ध था. खास बात यह है कि ये सभी टेस्ट इंग्लैंड टीन के ही खिलाफ थे. इन 10 मैचों की 18 पारियों में मर्चेंट ने 47.72 की औसत से 859 रन बनाए, जिसमें 3 शतक और 3 अर्धशतक शामिल रहे. टेस्ट क्रिकेट में मर्चेंट का बेस्ट स्कोर 154 रन रहा.
फर्स्ट क्लास में बनाए 45 शतक
विजय मर्चेंट ने 150 फर्स्ट क्लास मैच खेले जिसमें उन्होंने 71.64 की औसत से 13470 रन बनाए. फर्स्ट क्लास करियर में मर्चेंट के नाम पर 45 शतक और 52 अर्धशतक दर्ज हैं. खास बात यह है कि इन 45 शतकों में से 11 तो दोहरे शतक रहे और उनका बेस्ट स्कोर नाबाद 359 रन रहा. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में गेंदबाजी के मोर्चे पर मर्चेंट ने हैट्रिक समेत 65 विकेट चटकाए थे.
साल 1987 में कहा दुनिया को अलविदा
विजय मर्चेट ने रिटायमेंट के बाद भारतीय टीम के सेलेक्टर की भूमिका भी निभाई थी. बतौर सेलेक्टर उन्होंने नवाब पटौदी जूनियर की जगह अजित वाडेकर को भारतीय टीम का कप्तान बनाया था. वह एक अच्छे लेखक और कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता भी थे. 27 अक्टूबर 1987 को 76 साल की उम्र में विजय मर्चेंट का निधन हो गया. उनकी याद में बीसीसीआई ने विजय मर्चेंट ट्रॉफी की शुरुआत की थी.