ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर विराट कोहली के मैदान पर व्यवहार को लेकर बहुत बातें हो रही हैं, कुछ लोग उनके अग्रेशन को सही बता रहे हैं तो वहीं कुछ दिग्गज ऐसे भी हैं जो इससे प्रभावित नहीं हैं. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि उनकी आक्रामकता ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में उल्टी भी पड़ सकती है.
इस मैच के दौरान कोहली और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के बीच मैदान पर झड़प हुई. भारतीय खिलाड़ी ने बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी स्टीवन स्मिथ के साथियों की आलोचना की. गावस्कर से पूछा गया कि क्या कोहली ईट का जवाब पत्थर से दे रहे है तो उन्होंने कहा कि यह बल्लेबाज इसके बिना भी अच्छा प्रदर्शन कर सकता है.
गावस्कर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस मैदान पर क्या हुआ इसके बजाय केवल क्रिकेट तक सीमित होना चाहिए. मैदान पर जो कुछ हुआ उसे मैदान तक सीमित रखा जाना चाहिए. मैं इसको लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि यह समझबूझ भरा कदम है या नहीं.’
उन्होंने कहा, ‘इससे भले ही उसमें जोश भरा और उसने सेंचुरी जड़ी लेकिन इससे बाकी टीम पर कैसा प्रभाव पड़ा. क्या आप यह जता रहे हो कि सचिन (तेंदुलकर), (राहुल) द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण में जोश नहीं था. वे भी कड़ी क्रिकेट खेलते थे.’
'विराट को खुद नहीं शुरू करनी चाहिए बहस'
गावस्कर ने कहा कि कोहली को जब उकसाया जाता है तो उन्हें उसका जवाब देने का अधिकार है, लेकिन भारतीय उप कप्तान को ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ बहस की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि उसने क्या कहा और क्यों कहा. लेकिन सभी को इस नजरिए से देखना चाहिए कि क्या इससे टीम प्रभावित हो रही है. उन्होंने जॉनसन को निशाना बनाया और देखिए कि एडिलेड में क्या हुआ. आपको यह भी देखना होगा कि कहीं इसका हमें उलटा परिणाम तो नहीं मिल रहा है. हमें इंतजार करना होगा कि क्या इसका उलटा प्रभाव पड़ा.’
'ऑस्ट्रेलियाई बनने के लिए परफेक्ट है'
हालांकि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डीन जोन्स का मानना है कि कोहली का रवैया गलत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह हास्यपूर्ण है. वह जिस तरह से खेलता है मुझे वह पसंद है. वह विरोधी को उसके मुंह के सामने करारा जवाब देता है और मुझे इसमें कोई परेशानी नजर नहीं आती. वह जो कहता है मुझे उससे दिक्कत नहीं है. वह ऑस्ट्रेलियाई बनने के लिए काफी अच्छा है.’
इनपुट भाषा से