टीम इंडिया के मुख्य स्पिनर और श्रीलंका में सीरीज जीत के हीरो रहे रविचंद्रन अश्विन ने कहा है कि कप्तान विराट कोहली ने हमेशा अपने साथियों को बाधा पार करने में मदद की है. श्रीलंका में तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 21 विकेट के साथ भारत की 2-1 की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले अश्विन ने कहा कि कप्तान के उनकी क्षमता पर भरोसा करने से उन्हें फायदा मिला.
अश्विन ने कहा, ‘मैं जो भी करूं उसमें सर्वश्रेष्ठ होना चाहता हूं. मैंने हमेशा से यह दोहराया है. अगर मैं बस कंडक्टर या ड्राइवर हूं तो मैं चाहता हूं कि मैं दुनिया में सर्वश्रेष्ठ रहूं. इसलिए इस तथ्य से काफी मदद मिली कि मैं और वह (विराट की) एक ही लक्ष्य के लिए काम करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘वह जब भी गेंद देता है तो मैं आश्वस्त होता हूं कि मुझे वह मिलेगा जो मैं चाहता हूं और हमेशा मेरा समर्थन किया जाएगा और यह सिर्फ मेरे और उसके बीच ही नहीं है. मुझे लगता है कि उसने टीम के प्रत्येक सदस्य के साथ ऐसा किया है. उसने जिसका भी समर्थन किया, पूरा समर्थन किया और बाधा पार करने में उसकी मदद की.’ भारत की युवा टीम ने पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए श्रीलंका में 22 साल के बाद सीरीज जीती और अश्विन आलोचकों से खुश नहीं हैं जो एंजेलो मैथ्यूज की अगुआई वाली टीम को कमजोर बताकर श्रेय छीनने का प्रयास कर रहे हैं.
अश्विन ने कहा, ‘जब भी आप श्रेय के हकदार हो तो मुझे लगता है कि यह दिया जाना चाहिए और जब आप आलोचना के हकदार हो तो आपको इसे भी स्वीकार करना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘अगर आप दोनों टीमों को देखो तो यह काफी समान थीं. दोनों टीमों ने समान संख्या में क्रिकेट मैच खेले हैं. इसलिए मुझे कोई कारण नजर नहीं आता कि आप 0-1 से पिछड़ने के बाद सीरीज जीतने के शानदार प्रयास का श्रेय छीनना चाहते हैं.’ तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा की गैरजरूरी आक्रामकता के बारे में काफी कुछ कहा जा रहा है जिसके कारण उन पर एक टेस्ट का प्रतिबंध लगा. अश्विन ने हालांकि टीम के अपने साथी का बचाव किया और कहा कि वह और मजबूत बनकर वापसी करेगा.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि सभी को वही बने रहते की जरूरत है जो वह है. जो भी क्रिकेट खेल रहा है वह आक्रामक बनना चाहता है. कुछ लोग अंदर से ही आक्रामक होते हैं, कुछ लोग खुद को अधिक जाहिर कर पाते हैं. लेकिन जीवन में जो भी हो, सबक सीखने की जरूरत है और ईशांत आक्रामक है, उसने हमारे लिए टेस्ट मैच जीता.’
अश्विन ने कहा, ‘उससे श्रेय नहीं छीना जा सकता. उसने भले ही सीमा लांघ दी हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम उसके पीछे पड़ जाएं. मुझे लगता है कि वह इस अनुभव से सीखेगा और मुझे विश्वास है कि वह आक्रामकता के साथ वापसी करेगा. नियंत्रित आक्रामकता के साथ और हमारे लिए कहीं अधिक मैच जीतेगा.’