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उछल-कूदकर आक्रामकता न दिखाएं विराट, लाखों बच्चों के हैं आदर्श: बेदी

बेदी ने कहा, 'विराट को लाखों बच्चे अपना आदर्श मानते हैं. ऐसे में मैदान के अंदर या बाहर अपशब्दों का प्रयोग उन्हें शोभा नहीं देता.'

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विराट कोहली
विराट कोहली

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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी का मानना है कि टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली अपने शानदार खेल के दम पर देश और दुनिया के लाखों बच्चों के लिए आदर्श बन चुके हैं, लिहाजा मैदान के अंदर और बाहर उन्हें अपने बर्ताव और शब्दों के चयन को लेकर संयम बरतना चाहिए.

बेदी ने अपने कोचिंग ट्रस्ट के 25 साल पूरे होने पर आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में कहा, 'विराट को लाखों बच्चे अपना आदर्श मानते हैं. ऐसे में मैदान के अंदर या बाहर अपशब्दों का प्रयोग उन्हें शोभा नहीं देता.'

बेदी ने हालांकि कहा कि विराट की मौजूदा आक्रामकता मीडिया की देन है. उनके मुताबिक विराट इसका आनंद ले रहें हैं क्योंकि मीडिया इसका आनंद ले रहा है.

उन्होंने कहा, 'विराट की आक्रामकता मीडिया की देन है. वह इसका आनंद ले रहें हैं क्योंकि मीडिया इसका आनंद ले रहा है, लेकिन मीडिया कभी भी पैंतरा बदल सकता है. विराट से ऐसा नहीं किया जाएगा.'

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विराट की कप्तानी में पिछले कुछ वर्षो में भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है. उनकी कप्तानी में टीम एक इकाई की तरह खेल रही है और एक आकर्षक खिलाड़ी के रूप में उनकी तुलना पूर्व कप्तान मंसूर अली खान 'टाइगर' पटौदी से भी की जाती है.

इस पर बेदी ने कहा, 'पटौदी एक आकर्षक खिलाड़ी थे. वह काफी आक्रामक भी थे, लेकिन वह मैदान में उछल-कूदकर आक्रामकता नहीं दिखाते थे, जैसा विराट करते हैं. वह एक सज्जन व्यक्ति की तरह बर्ताव करते थे. उन्होंने कभी मैदान पर अपशब्द का उपयोग नहीं किया. वह शांत रहकर बल्ले एवं गेंद से आक्रामकता दिखाते थे.'

बेदी ने आगे कहा, 'विराट एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं. उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है. उन्हें अपशब्द कहने और उछल-कूद करने की बजाय बल्ले एवं गेंद से आक्रामकता दिखानी चाहिए. यह सबसे अच्छा तरीका हो सकता है. आखिरकार विराट एक पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं.'

अपनी फिरकी के दम पर दुनिया के शीर्ष बल्लेबाजों को पेरशान करने वाले बेदी ने यह भी माना कि विराट में भारत का सबसे बेहतरीन कप्तान बनने की क्षमता है. बेदी ने कहा, 'विराट में क्षमता है कि वह भारत के अब तक के सबसे बेहतरीन कप्तान बन सकते हैं और उनके पक्ष में सबसे बड़ी बात यह है कि उनकी उम्र काफी बची हुई है. वह काफी समय तक टीम को अपनी सेवाएं दे सकते हैं और इसे उन्हें सकारात्मक रूप से लेना चाहिए.'

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