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Virat Kohli, Ind Vs Sa: नई पीढ़ी की शब्दावली में ‘कम्फर्ट ज़ोन’ का ज़िक्र बार-बार आता है. हर कोई अपने आप को खुद के कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकालने की कोशिश करता है, ये कोशिश अधिकतम बार असफल हो जाती है. लेकिन इसे जो पार कर जाए वही असली सिकंदर है. भारतीय टीम के टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने केपटाउन में खेले जा रहे तीसरे और सीरीज़ के आखिरी टेस्ट में कुछ ऐसा ही किया है.
विराट कोहली ने तमाम बंदिशों को तोड़ा और खुद के नैचुरल गेम से अलग खेल खेला. यही वजह है कि शतक से चूक जाने के बावजूद भी विराट कोहली की इस पारी को उनके करियर में खेली गई सबसे बेहतरीन पारियों में से एक माना जा रहा है.
साल 2019 के बाद से ही विराट कोहली के बल्ले से कोई शतक नहीं निकला है. 11 जनवरी को जब टीम इंडिया बल्लेबाजी करने उतरी तो हर किसी को उम्मीद थी कि विराट कोहली इस सूखे को अब खत्म कर ही देंगे. 11 जनवरी को ही उनकी बेटी वामिका का बर्थडे था, ऐसे में इससे बढ़िया मौका क्या हो सकता था. टीम इंडिया की ओपनिंग जोड़ी लड़खड़ाई तो विराट कोहली ने मोर्चा संभाला, लेकिन इसके बाद जो हुआ वह यादगार साबित हुआ.
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नैचुरेल गेम से तौबा...
विराट कोहली एग्रेसिव बल्लेबाज हैं, वनडे-टी20 के अलावा टेस्ट क्रिकेट में भी उनकी ये झलक दिखाई पड़ती है. लेकिन लगातार सवालों का सामना कर रहे विराट कोहली ने केपटाउन टेस्ट की पहली पारी में ऐसा नहीं किया. अपने नैचुरल गेम (जिस कम्फर्ट ज़ोन की बात हम कर रहे हैं) से अलग हटकर विराट कोहली ने बिल्कुल डिफेंस वाला गेम खेला. अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विराट ने शुरुआत की 15 बॉल पर एक भी रन नहीं बनाया था, 16वीं बॉल पर खाता खेला तो चौके के साथ ही खोला. 11 जनवरी को ही राहुल द्रविड़ का जन्मदिन था, ऐसे में विराट ने डिफेंसिव खेल दिखाकर अपने कोच को भी एक तोहफा दे ही दिया.
केपटाउन टेस्ट की पहली पारी में विराट कोहली
• रन – 79
• गेंद – 201
• मिनट – 273
• चौके – 12
• छक्का – 1
• स्ट्राइक रेट – 39.30
कवर ड्राइव का लालच...
हर बल्लेबाज के पास अपने ऐसे शॉट होते हैं, जो उस तरह की बॉल देखते ही खुद ब खुद निकल ही जाते हैं. हल्की-सी बाउंस आते ही रोहित शर्मा का पहला रिएक्शन पुल का रहता है, ऑफ साइड की तरफ बाउंस आई तो वीरेंद्र सहवाग अपर कट खेलने की कोशिश करते थे. विराट कोहली के साथ भी ऐसा ही है, कवर ड्राइव विराट कोहली का फेवरेट शॉट है और मौजूदा वक्त में विराट से बेहतर ये शॉट काफी कम ही लोग खेलते हैं.
विराट कोहली का ये शॉट ही पिछले कुछ वक्त से उनके पीछे पड़ा हुआ था, क्योंकि बाहर जाती गेंद पर ड्राइव लगाने के चक्कर में विराट कोहली कई बार अपना विकेट गंवा बैठे. पिछले एक-दो साल में ये काफी ज्यादा बार देखने को मिला, जब विराट की फॉर्म उनके साथ नहीं है. ऐसे में विराट कोहली को बार-बार सलाह मिली कि वह सचिन तेंदुलकर से बात करें और सिडनी में खेली गई ऐतिहासिक 241 रनों की पारी पर चर्चा करें जिसमें उन्होंने एक भी कवर ड्राइव नहीं मारी थी.
हालांकि, केपटाउन की पहली पारी में विराट कोहली ने अपने ऊपर संयम रखा. ऑफ स्टम्प से बाहर जाती हुई कई बॉल को विराट कोहली ने जाने दिया, माहौल ऐसा बना कि सोशल मीडिया पर विराट कोहली के फैन्स इसका जश्न मनाने लगे और मीम्स भी बने. लेकिन खास बात ये रही कि विराट कोहली ने कवर ड्राइव से परहेज़ नहीं किया और अपनी पारी में उन्होंने ड्राइव भी लगाई.
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ये पारी शतक से बढ़कर है...
विराट कोहली के शतक का इंतज़ार हर कोई कर रहा है, खुद विराट, उनके फैन्स और क्रिकेट को चाहने वाला हर कोई शख्स. नवंबर 2019 के बाद से विराट ने कोई शतक नहीं लगाया है, लेकिन केपटाउन में खेली गई 79 रनों की पारी किसी शतक से बढ़कर है. जहां विराट कोहली ने अपनी हर उस चुनौती से सामना किया, जिससे वह पिछले दो-तीन साल से जूझ रहे हैं.
यही वजह है कि क्रिकेट के पंडित भी विराट कोहली के इस हौसले की तारीफ कर रहे हैं. सिर्फ 21 रनों से विराट कोहली अपने 71वें अंतरराष्ट्रीय शतक, 28वें टेस्ट शतक से चूक गए लेकिन टीम इंडिया जिस वक्त मुश्किल में थी उस वक्त विराट कोहली ने कप्तानी पारी खेलकर अपने हर आलोचक को जवाब दे दिया.