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धोनी चुपचाप तो विराट हैं आक्रामक कप्तानः डैरेन सैमी

टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी और नए टेस्ट कप्तान बने विराट कोहली का कप्तानी का तरीका बिल्कुल अलग-अलग है. कैरेबियाई टी-20 कप्तान डैरेन सैमी ने दोनों की कप्तानी को करीब से देखा है और इस अंतर का ब्यौरा दिया है.

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डैरेन सैमी और विराट कोहली
डैरेन सैमी और विराट कोहली

टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी और नए टेस्ट कप्तान बने विराट कोहली का कप्तानी का तरीका बिल्कुल अलग-अलग है. कैरेबियाई टी-20 कप्तान डैरेन सैमी ने दोनों की कप्तानी को करीब से देखा है और इस अंतर का ब्यौरा दिया है.

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कोहली को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) की अगुआई करते हुए करीब से देखने वाले सैमी का मानना है कि इस स्टार बल्लेबाज को उदाहरण के साथ अगुआई करना पसंद है जबकि इसके धोनी चुपचाप अपना काम करते हैं. पिछले आईपीएल के आरसीबी की टीम का हिस्सा रहे सैमी ने कहा, 'विराट को खेल के हर पल का हिस्सा बनना पसंद है जबकि धोनी के काम करने का तरीका चुपचाप बिना अधिक बोले अपना काम करना है.'

सैमी को आरसीबी के साथ बिताए सात हफ्तों के दौरान कोहली का जुनून पसंद आया जो इस भारतीय को अन्य खिलाड़ियों से अलग करता है. उन्होंने कहा, 'सभी को पता है कि विराट शानदार बल्लेबाज है और उसके अंदर उदारहण के साथ अगुआई करने की क्षमता है. उसका रवैया आक्रामक है और वह मैच जीतना चाहता है. अगर वह आरसीबी जैसा जज्बा और इच्छाशक्ति भारतीय टीम की कप्तानी में भी ला पाया तो यह शानदार होगा.'

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सैमी ने कहा, 'लेकिन यह तय है कि वह अपनी अलग शैली लेकर आएगा. मैं बांग्लादेश के खिलाफ मौजूदा सीरीज के लिए उसे शुभकामनाएं देता हूं.' सैमी के लिए आईपीएल काफी अच्छा नहीं रहा और उन्हें सिर्फ दो मैच खेलने को मिले लेकिन अब वह आगामी कैरेबियाई प्रीमियर लीग में सेंट लूसिया जाउक्स की अगुआई करने की तैयारी कर रहे हैं.

सैमी ने कहा, 'यह निराशाजनक था (आईपीएल में सिर्फ दो मैच खेलना) उस समय मैं कंधे की चोट से परेशान था लेकिन इसके बाद मैंने इंग्लिश टी-20 चैंपियनशिप में नाटिंघमशर की ओर से कुछ मैच खेले और अब मैं सीपीएल में खेलने को लेकर बेताब हूं. टीम में केविन (पीटरसन) जैसे खिलाड़ी के होने के कारण हमें पिछली बार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है.'

पिछले साल टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले सैमी ने कहा कि उन्हें खेल के लंबे फॉरमैट से 30 वर्ष की उम्र में संन्यास लेने का कोई दुख नहीं है. उन्होंने कहा, 'मुझे कोई मलाल नहीं है. मैं अपने फैसले से बेहद खुश हूं. वैसे भी काफी लोग सोचते हैं कि मैंने जो 37 टेस्ट खेले वे काफी अधिक हैं.'

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