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वर्ल्ड टी20 में दमदार प्रदर्शन से विराट कोहली नई बुलंदियों पर

वर्ल्ड टी20 में अपने शानदार प्रदर्शन से टीम इंडिया के पोस्टर ब्वॉय विराट कोहली ने खुद को महान क्रिकेटर्स की जमात में शामिल करते हुए नई ऊंचाइयों को छुआ लेकिन टॉप गेंदबाजों के खराब प्रदर्शन के कारण मेजबान टीम सेमीफाइनल से बाहर हो गई.

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विराट कोहली ने 2016 वर्ल्ड टी20 में 136.50 की औसत से 273 रन बनाए
विराट कोहली ने 2016 वर्ल्ड टी20 में 136.50 की औसत से 273 रन बनाए

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वर्ल्ड टी20 में अपने शानदार प्रदर्शन से टीम इंडिया के पोस्टर ब्वॉय विराट कोहली ने खुद को महान क्रिकेटर्स की जमात में शामिल करते हुए नई ऊंचाइयों को छुआ लेकिन टॉप गेंदबाजों के खराब प्रदर्शन के कारण मेजबान टीम सेमीफाइनल से बाहर हो गई.

टर्निंग विकेट पर भारतीय स्पिनर्स फ्लॉप
खिताब से कम पर संतोष नहीं करने वाले भारतीय क्रिकेटप्रेमियों को सेमीफाइनल में टीम की हार नागवार गुजरी होगी. महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली टीम से उम्मीद थी कि अपनी सरजमीं पर वह दूसरी बार ताबड़तोड़ क्रिकेट में बादशाहत साबित करेगी. कोहली ने अकेले दम पर जहां भारत को सेमीफाइनल तक पहुंचाया, वहीं रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की गेंदबाजी औसत रही. दोनों ने पांच मैचों में कुल आठ विकेट ही लिए. टर्निंग विकेटों पर वे गेंद को टर्न नहीं करा सके और बल्लेबाजों की ऐशगाह वानखेड़े की पिच पर तो उनकी जमकर धुनाई हुई.

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वर्ल्ड टी20 विराट के नाम रहा
सकारात्मक पहलुओं की बात करें तो कोहली ने खुद को सचिन तेंदुलकर का वारिस साबित कर दिया जो करोड़ों भारतवासियों की उम्मीदों का बोझ कंधे पर लेकर खेलते रहे. कोहली ने पांच मैचों में 273 रन बनाए लेकिन रनों के आंकड़ों से ज्यादा उनकी बल्लेबाजी का कौशल देखकर लोगों ने दांतों तले उंगलियां दबा ली. टर्निंग पिच पर पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 55 रन बनाने के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसने नाबाद 82 रन बनाए. सेमीफाइनल में भी उसने नाबाद 89 रन बनाकर टीम को बड़ा स्कोर दिया लेकिन नतीजा भारत के पक्ष में नहीं आया. कोहली के 29 चौके बेहतरीन शॉट्स थे चाहे वह कवर ड्राइव हो या स्क्वेयर कट.

फ्लॉप रहे रोहित, शिखर और रैना
कोहली को हटा दिया जाए तो वर्ल्ड टी20 में भारत का कोई दूसरा नायक नहीं दिखता. विकेटों के बीच धोनी की दौड़ शानदार रही और उतना ही यादगार रहा बांग्लादेश के खिलाफ मुस्तफिजुर रहमान को दौड़कर आउट करना. कोहली के बाद सर्वाधिक रन बनाने वाले भारतीय धोनी रहे जिन्होंने पांच मैचों में 89 रन बनाए. रोहित शर्मा, शिखर धवन, सुरेश रैना अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके. रोहित ने हालांकि सेमीफाइनल में बेहतर प्रदर्शन किया.

नेहरा और बुमराह की चली गेंदबाजी
अंतिम चार में रहना भले ही प्रभावी दिखे लेकिन कई मौकों पर ऐसा लगा कि धोनी अपने गेंदबाजी आक्रमण में बदलाव कर सकते थे. जामथा हो या ईडन गार्ड्न्स, हरभजन सिंह के रूप में तीसरे स्पिनर को उतारा जा सकता था. इस साल भज्जी ने एकमात्र टी20 मैच संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ खेला है जो टेस्ट मैचों में भारत के लिए सर्वाधिक विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज के साथ नाइंसाफी है. गेंदबाजी में भारत के लिए आशीष नेहरा ने अच्छा प्रदर्शन किया. युवा जसप्रीत बुमरा ने बांग्लादेश के खिलाफ बेहतरीन 19वां ओवर फेंका जबकि हार्दिक पंड्या ने दिखाया कि अभी सुधार की गुंजाइश है.

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