आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप के शुरू होने से होने ठीक एक महीने पहले सभी को चौंकाते हुए विराट कोहली ने टी-20 फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ने का ऐलान कर दिया. हालांकि वह बतौर कप्तान टी-20 वर्ल्ड कप में शामिल होंगे. अचानक से कप्तानी छोड़ने के ऐलान ने इस पर बहस छेड़ दिया है कि आखिर किन वजहों ने कोहली को इस फैसले के लिए मजबूर किया होगा.
कप्तानी छोड़ने का ऐलान करते हुए कोहली ने कहा, "वर्कलोड को समझना एक बहुत ही अहम बात है और पिछले 8-9 सालों में सभी 3 फॉर्मेट्स में खेलने और पिछले 5-6 सालों से नियमित रूप से कप्तानी करने पर काफी वर्कलोड को देखते हुए, मुझे लगता है कि टेस्ट और वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम की अगुवाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार होने के लिए खुद को स्थान देने की जरुरत है."
कोहली के कप्तानी छोड़ने की कई वजहें हो सकती हैं. नवंबर 2019 से पहले तक वह भले ही टीम को खिताबी जीत दिलाने में नाकाम रहे हों लेकिन उनके बल्ले से रन लगातार निकल रहे थे और शतक भी जड़ रहे थे, लेकिन करीब 22 महीने से उनके बल्ले ने शतक का स्वाद नहीं चखा है. आइए, जानते हैं कुछ अहम वजहों पर.
वर्ल्ड कप 2019 में सेमीफाइनल में शिकस्त
विराट कोहली की अगुवाई में टीम इंडिया वनडे क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रही थी और इंग्लैंड में हुए वर्ल्ड कप 2019 में भारतीय टीम बेहद शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में पहुंच भी गई थी.
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खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही टीम इंडिया का वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से मुकाबला हुआ, लेकिन बारिश से बाधित मुकाबले में 240 रन का लक्ष्य टीम इंडिया हासिल नहीं कर सकी और उसे हार का सामना करना पड़ा.
2017 के चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में हार
विराट कोहली के कप्तान बनने के बाद वनडे वर्ल्ड कप से पहले 2017 में टीम इंडिया आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी खेलने उतरी. टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में पहुंची और खिताबी जंग में उसका मुकाबला चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से होना था.
लेकिन 18 जून, 2017 को हुए खिताबी जंग में टीम इंडिया का प्रदर्शन बिखरा सा नजर आया और पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 4 विकेट पर 338 रन बना डाले. 339 रनों के लक्ष्य के जवाब में टीम इंडिया बिखर गई और 31वें ओवर में ही 158 रन पर आउट हो गई और उसे 180 रन से हार का सामना करना पड़ा. आईसीसी के टूर्नामेंट में तब किसी भी टीम की रनों के मामले में ये सबसे बड़ी हार थी जबकि आईसीसी के किसी खिताबी जंग में कोहली की पहली हार थी.
नवंबर 2019 के बाद एक भी शतक नहीं
विराट कोहली लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कोई शतक नहीं लगा सके हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आखिरी बार नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट में शतक जड़ा था.
तब उन्होंने कोलकाता टेस्ट में 136 रनों की शानदार पारी खेली थी, लेकिन तब से लेकर अब तक उनके बल्ले से क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट से एक भी शतक नहीं निकला है. तब से लेकर अब तक 50 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय पारियां खेल चुके हैं, लेकिन वह अभी भी शतक से दूर हैं.
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में मिली हार
कोरोना संकट के बीच इस साल जून में पहली आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप खेली गई. विराट कोहली की कप्तानी में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची और जहां उसका मुकाबला न्यूजीलैंड की टीम से हुआ.
साउथम्पटन में जून में खेले गए आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में न्यूजीलैंड ने एकतरफा मुकाबले में भारत को 8 विकेट से हरा दिया और इस हार के साथ ही कोहली का आईसीसी खिताब जीतने का सपना तीसरी बार टूट गया. न्यूजीलैंड की जीत में काइल जेमीसन और केन विलियम्सन की अहम भूमिका रही. जबकि इस मुकाबले में कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया संघर्ष करते नजर आई.
आईपीएल में भी खिताब नहीं
विराट कोहली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में शुरुआत से ही खेल रहे हैं और 2008 से ही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (RCB) की टीम के साथ जुड़े हुए हैं. डैनिएल विटोरी के रिटायरमेंट के बाद कोहली 2013 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के कप्तान बने. लेकिन वह टीम को अब तक कोई खिताब नहीं दिला सके.
2013 में उनकी कप्तानी में आरसीबी पांचवें स्थान पर रही थी. 3 साल बाद कोहली की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू 2016 के लीग में फाइनल में पहुंची थी लेकिन तब खिताब नहीं जीत सकी. कोहली बल्ले से लगातार रन बनाते रहे लेकिन टीम को खिताब नहीं दिला सके. इसके बाद टीम फिर कभी फाइनल में नहीं पहुंच सकी.