क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में टीम की सफलता उसके खिलाड़ियों के फिटनेस और फॉर्म पर निर्भर करता है. जब क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट आईसीसी वर्ल्ड कप सामने हो तो टीमें खुद को और बेहतर बनाने की जुगत में लगी रहती हैं. विराट कोहली के नेतृत्व में वर्ल्ड कप के लिए रवाना होने वाली टीम इंडिया भी क्रिकेट के इस महासंग्राम के लिए कमर कस चुकी है. लेकिन सवाल यह है कि क्या टीम इंडिया फिट है और अगर हां तो दुनिया के अन्य खिलाड़ियों के मुकाबले कितने फिट हैं हमारे खिलाड़ी?
फिटनेस को आंकने के लिए क्रिकेट जगत में एक टेस्ट लिया जाता है, जिसे यो-यो टेस्ट कहते हैं. इस टेस्ट में जिसका स्कोर जितना ज्यादा होता है उसे उतना ज्यादा फिट माना जाता है. बात करें टीम इंडिया की तो कप्तान विराट कोहली को टीम का सबसे फिट खिलाड़ी माना जाता है, लेकिन वो भी दुनिया के कई खिलाड़ियों, बल्कि कई टीमों से बहुत पीछे हैं.
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कोच ग्रान लुडेन ने हाल ही में आईसीसी से बातचीत में कहा कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने यो-यो टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया है. टीम इंडिया को फिटनेस के मामले में पीछे छोड़ दिया है. यह यकीन करना मुश्किल है कि टीम इंडिया के सबसे फिट खिलाड़ी कोहली से भी फिट क्रिकेटर वर्ल्ड कप में खेलने के लिए उतरेंगे. इनमें पाकिस्तान के भी कई खिलाड़ी शामिल हैं.
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के 26 वर्षीय खिलाड़ी मोहम्मद रिजवान ने यो-यो टेस्ट में 21 का स्कोर प्राप्त किया है. वहीं, 24 वर्षीय तेज गेंदबाज हसन अली का यो-यो टेस्ट में स्कोर 20 है. वहीं, वनडे क्रिकेट में दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज और टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का यो-यो टेस्ट का स्कोर 19 है. कोहली टीम में सबसे फिट खिलाड़ी माने जाते हैं.
बता दें कि भारत की सीनियर और ए टीम के लिए यो-यो टेस्ट को पास करने के लिए मौजूदा मानक 16.1 है. जबकि, पाकिस्तान की टीम के लिए यो-यो टेस्ट को पास करने का मानक 17:4 है.
दुनिया में भारत सबसे पीछे?
यो-यो टेस्ट के मामले में ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा अंक लाना पड़ता है, क्योंकि वहां इस टेस्ट के लिए 20.1 अंक लाना अनिवार्य है. ऑस्ट्रेलिया के बाद यो-यो टेस्ट के स्कोर के मामले में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड की टीम का नंबर आता है जिनके खिलड़ियों को टेस्ट में 19 अंक को छूना पड़ता है. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ियों को 18 अंक, श्रीलंका के खिलाड़ियों को 17.4 अंक, पाकिस्तान के खिलाड़ियों को 17.4 अंक और भारतीय खिलाड़ियों को 16.1 अंक लाना अनिवार्य है.
आखिर क्या है यो-यो टेस्ट..?
अब जरा 'यो-यो' परीक्षण को भी समझ लें. कई 'कोन' की मदद से 20 मीटर की दूरी पर दो पंक्तियां बनाई जाती हैं. एक खिलाड़ी रेखा के पीछे अपना पांव रखकर शुरुआत करता है और निर्देश मिलते ही दौड़ना शुरू करता है. खिलाड़ी लगातार दो लाइनों के बीच दौड़ता है और जब बीप बजती है, तो उसे मुड़ना होता है.
हर एक मिनट या इसी तरह से तेजी बढ़ती जाती है. अगर समय पर रेखा तक नहीं पहुंचे तो दो और 'बीप' के अंतर्गत तेजी पकड़नी पड़ती है. अगर खिलाड़ी दो छोरों पर तेजी हासिल नहीं कर पाता है तो परीक्षण रोक दिया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया सॉफ्टवेयर पर आधारित है, जिसमें नतीजे रिकॉर्ड किए जाते हैं.