भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने एक बयान से सबको चौंका दिया है. मेरठ में एक कार्यक्रम के दौरान सहवाग ने कहा कि कप्तान भले ही टीम का सर्वेसर्वा होता है लेकिन कई मामलों में उसकी भूमिका केवल राय देने वाली होती है और यही वजह है कि विराट कोहली के समर्थन के बावजूद वह भारतीय टीम के कोच नहीं बन पाये.
अनिल कुंबले और कप्तान कोहली के बीच अस्थिर संबंधों के कारण मुख्य कोच पद छोड़ने के बाद सहवाग भी इसके दावेदारों में शामिल हो गये थे. सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति ने हालांकि रवि शास्त्री के नाम पर मोहर लगायी जो इससे एक साल पहले कुंबले से दौड़ में पिछड़ गये थे. सहवाग ने कहा कि कप्तान का टीम से जुड़े विभिन्न फैसलों पर प्रभाव होता है लेकिन कई मामलों में अंतिम निर्णय उसका नहीं होता है.
कोहली से बात के बाद आवेदन
सहवाग ने कहा कि विराट कोहली चाहते थे कि मैं भारतीय टीम का कोच बनूं, जब कोहली ने संपर्क किया तभी मैंने आवेदन किया, लेकिन मैं कोच नहीं बना. ऐसे में आप कैसे कह सकते हैं कि हर फैसले में कप्तान की चलती है. सहवाग के बारे में कहा गया था कि उन्होंने केवल एक पंक्ति में कोच पद के लिये आवेदन कर दिया था लेकिन अपने करियर में 104 टेस्ट और 251 वनडे खेलने वाले इस विस्फोटक बल्लेबाज ने इससे इनकार किया.
PAK के साथ क्रिकेट होनी चाहिए
आवेदन पर सफाई देते हुए सहवाग ने कहा कि मैंने सभी औपचारिकताएं की थी, एक लाइन वाली बात मीडिया के दिमाग की उपज थी. पाकिस्तान के खिलाफ 2004 में मुल्तान में 309 रन की पारी खेलकर टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बनने वाले सहवाग का मानना है कि इस पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेली जानी चाहिए लेकिन इसमें अंतिम फैसला सरकार का होगा. उन्होंने इस संबंध में पूछे गये सवाल पर कहा, ‘यह सरकार को तय करना है. उन्होंने कहा कि मेरी निजी राय है कि भारत को पाकिस्तान से क्रिकेट खेलनी चाहिए.
मेरी जीवनी लिखी जाए
सहवाग के बारे में कहा जाता है कि जब वह क्रीज पर उतरते थे तो यह परवाह नहीं करते थे कि सामने कौन सा गेंदबाज है लेकिन दिल्ली के इस बल्लेबाज ने माना कि श्रीलंका के आफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन को खेलने में उन्हें कुछ अवसरों पर परेशानी हुई. सलामी जोड़ीदार और भारत रत्न सचिन तेंदुलकर को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने सचिन तेंदुलकर के साथ पारी का आगाज करने का पूरा लुत्फ उठाया. उनके बाद एडम गिलक्रिस्ट का नंबर आता है. सोशल मीडिया पर विभिन्न मामलों में अपनी राय देने वाले सहवाग का फिलहाल राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है लेकिन वह चाहते हैं कि उनकी जीवनी लिखी जाए और दो बार के ओलंपिक चैंपियन सुशील कुमार पर बायोपिक बने.