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विराट कोहली या अजिंक्य रहाणे: कप्तानी पर बड़ी बहस का अंजाम क्या?

क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की गैर-मौजूदगी में अजिंक्य रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया में कप्तानी की. जिन तीन मैचों में रहाणे कप्तान रहे, टीम इंडिया ने तमाम मुश्किलों के बाद भी शानदार प्रदर्शन किया, ऑस्ट्रेलिया को मात दी.

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कोहली vs रहाणे: कप्तानी को लेकर छिड़ी बड़ी (Getty)
कोहली vs रहाणे: कप्तानी को लेकर छिड़ी बड़ी (Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ऑस्ट्रेलिया में जीत के बाद कप्तानी पर बहस
  • विराट कोहली बनाम अजिंक्य रहाणे की तुलना
  • कप्तानी में कोहली का विकल्प हो सकते हैं रहाणे?

भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में जिस तरह टेस्ट सीरीज़ में मात दी है, उसके बाद से क्रिकेट फैंस में खुशी की लहर है. सिर्फ भारतीय फैंस ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमी इस टेस्ट सीरीज को कई मायनों में ऐतिहासिक करार दे रहे हैं. लेकिन इस खुशी के पलों से देश में एक नई बहस ने भी जन्म लिया है. ये बहस हर दौर में अलग-अलग तरीकों से चलती आ रही है, वो है क्रिकेट टीम की कप्तानी की बहस.

क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की गैर-मौजूदगी में अजिंक्य रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया में कप्तानी की. जिन तीन मैचों में रहाणे कप्तान रहे, टीम इंडिया ने तमाम मुश्किलों के बाद भी शानदार प्रदर्शन किया, ऑस्ट्रेलिया को मात दी. इस सबके बीच रहाणे ने जिस शांत तरीके बर्ताव किया उसने हर किसी का दिल जीत लिया और बहस को आगे बढ़ाया. ऐसे में इस माहौल के बीच ये समझना भी जरूरी है कि ये बहस क्यों उठी है, बहस में कितना दम है और टेस्ट में कौन बेहतर है. 

विराट कोहली बनाम अजिंक्य रहाणे: बतौर बल्लेबाज

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पिछले एक दशक में न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों की बात करेंगे तो विराट कोहली का नाम सबसे ऊपर ही आता है. न सिर्फ टेस्ट मैच, बल्कि वनडे या टी-20, क्रिकेट के हर फॉर्मेट में विराट कोहली सर्वश्रेष्ठ हैं. यही कारण है कि महेंद्र सिंह धोनी के बाद कप्तानी का मौका उनको मिला, बल्लेबाजी के साथ-साथ उनमें लीडरशिप की स्किल भी है. मौजूदा वक्त में विराट कोहली का टेस्ट फॉर्मेट में औसत सर्वश्रेष्ठ में से एक है.

विराट कोहली टेस्ट में -

•    कुल मैच - 87, पारी -147
•    रन - 7318, औसत - 53.41
•    शतक - 27, अर्धशतक - 23

अगर अजिंक्य रहाणे की बात करें तो टेस्ट मैच में वो ठीक विराट कोहली के बाद बल्लेबाजी करने आते हैं. अजिंक्य रहाणे भले ही वनडे फॉर्मेट में टीम में लगातार न रहे हों, लेकिन टेस्ट मैच में वो लंबे वक्त से टीम के साथ जुड़े हैं. पिछले कुछ सालों में अजिंक्य रहाणे ने कई ऐसी शानदार पारी खेली हैं, जिन्होंने टीम की लाज बचाई है. खास बात ये भी है कि इनमे से अधिकतर पारी विदेशी धरती पर आई हैं, जहां भारतीय बल्लेबाज अधिकतर खतरे की स्थिति में होते हैं. फिर वो ऑस्ट्रेलिया हो, इंग्लैंड या फिर दक्षिण अफ्रीका. 

अजिंक्य रहाणे टेस्ट में -

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•    कुल मैच - 69, पारी 117
•    रन - 4471, औसत - 42.58
•    शतक - 12, अर्धशतक - 22 

विराट कोहली बनाम अजिंक्य रहाणे: बतौर कप्तान

महेंद्र सिंह धोनी ने जब कप्तानी छोड़ी, तब तक ये साफ हो चुका था कि विराट कोहली ही भारतीय टीम के अगले कप्तान होंगे. क्योंकि विराट कोहली का प्रदर्शन लगातार शानदार था, धोनी की गैरमौजूदगी में भी वो ये भूमिका संभाल चुके थे. विराट कोहली का आक्रामक रुख, बतौर कप्तान मैदान पर फील्डिंग करते वक्त और उनके बल्लेबाजी करते वक्त भी दिखा. सबसे खास ये रहा कि बतौर कप्तान उनकी बल्लेबाजी का औसत और भी बेहतर हो गया. 

विराट कोहली का करियर- बतौर कप्तान

•    कुल मैच 56, पारी 92
•    रन 5220, औसत 60.69
•    शतक 20, अर्धशतक 13

विराट कोहली – बतौर कप्तान 

•    कुल मैच में कप्तानी- 56
•    जीत - 33, हार- 13, ड्रॉ - 10

अगर बात अब अजिंक्य रहाणे की करें, तो विराट कोहली की गैरमौजूदगी में कुछ मौकों पर रहाणे ने भारतीय क्रिकेट टीम की अगुवाई की है. लेकिन जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया के टूर पर उन्होंने लीडरशिप दिखाई, यही कारण रहा कि हर कोई उनकी तारीफ करने में जुटा है. बतौर कप्तान रहाणे ने जितने भी मैच खेले हैं, उनका रिकॉर्ड शानदार ही रहा है. 

अजिंक्य रहाणे का करियर – बतौर कप्तान

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•    कुल मैच 5, पारी 9
•    रन 320, औसत 45.71
•    शतक 1

अजिंक्य रहाणे – बतौर कप्तान

•    कुल मैच में कप्तानी - 5
•    जीत - 4, ड्रॉ -1, हार - 0 

कप्तानी पर हंगामा क्यों हैं बरपा?

कप्तानी पर सबसे बड़ी बहस का कोई कारण अभी नहीं बनता है, क्योंकि विराट कोहली पूरी तरह फिट हैं और अभी उनके पास एक लंबा करियर भी है. लेकिन ये बहस ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद ही शुरू हुई, जब रहाणे की अगुआई में टीम ने कमाल कर दिया. दरअसल, भारत में क्रिकेट धर्म है ये बात हम हमेशा ही सुनते आए हैं, साथ ही सच ये भी है कि देश में जितने क्रिकेटफैंस हैं, उतने ही एक्सपर्ट भी हैं जो गली के नुक्कड़ से लेकर चाय के टपरे तक अपनी राय रखते हैं.

विराट कोहली भले ही सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हो, टीम को जीत दिलाते आए हों, लेकिन उनकी कप्तानी को लेकर हर बार सवाल उठते आए हैं. बतौर कप्तान विराट के शुरुआती करियर में मैदान में महेंद्र सिंह धोनी मौजूद रहते थे और कई मौकों पर उन्हें फैसला लेते या माहौल को संभालते देखा गया. तो लोगों ने अक्सर यही माना कि धोनी की सहायता से ही विराट कप्तानी कर पा रहे हैं.

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उसके अलावा अनिल कुंबले विवाद हो, चैम्पियंस ट्रॉफी में कहासुनी, आईसीसी के बड़े टूर्नामेंट में फेल होना या जरूरत से अधिक आक्रमकता, इन चीजों को लेकर अक्सर विराट कोहली क्रिकेट फैंस के निशाने पर रहते हैं. इसी वजह से अब जब भारतीय टीम ने बिना विराट कोहली के इतनी बड़ी जीत दर्ज की है, तो अचानक ही कप्तानी पर बहस शुरू हो गई. न सिर्फ आम क्रिकेट फैंस, बल्कि कई पूर्व दिग्गज क्रिकेटरों ने अंजिक्य रहाणे को टेस्ट क्रिकेट का बेहतर कप्तान बताया. 

दूसरी ओर अजिंक्य रहाणे में क्रिकेट फैंस को राहुल द्रविड़ की झलक दिखती है. जो शांत तरीके से अपना काम करता है और क्रेडिट टीम को देता है. ऑस्ट्रेलिया में पहला मैच गंवाने के बाद, भारतीय टीम के सामने लाज बचाने की चुनौती थी. उसके बाद लगातार सीनियर खिलाड़ी चोटिल होते गए, लेकिन नौसिखिया टीम की अगुआई करते हुए अजिंक्य रहाणे ने नामुमिकन को मुमकिन कर दिया. जो मौजूदा वक्त में उन्हें कप्तानी के लिए सबसे बेहतर बना रहा है.

जिस तरह महेंद्र सिंह धोनी ने 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में एक नौसिखिया टीम की अगुआई करते हुए इतिहास रचा था, क्रिकेट फैंस इस टेस्ट सीरीज को भी उसी मोड़ पर देख रहे हैं. यही कारण है कि मांग अजिंक्य रहाणे को टेस्ट क्रिकेट का कप्तान बनाने की है. 

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ये बिल्कुल वैसी ही डिबेट है, जो अक्सर वनडे क्रिकेट के लिए विराट कोहली बनाम रोहित शर्मा को लेकर होती है. सोशल मीडिया पर अक्सर रोहित शर्मा को कप्तान बनाने की मांग उठती है, रोहित ने वनडे में पिछले कुछ वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है. आईपीएल में वो मुंबई को जीत दिलाते आए हैं, ऐसे में लोगों की मांग रहती है कि वो रोहित शर्मा को ही वनडे का कप्तान बना दिया जाए. 

भारतीय क्रिकेट में ये डिबेट अक्सर चलती रहती है और वक्त दर रहते इसपर बातें होती रहती हैं. हालांकि, टीम प्रबंधन और खिलाड़ियों का ध्यान इस वक्त पूरी तरह से इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट, वनडे और टी-20 सीरीज़ पर ही रहे तो सबसे बेहतर होगा. 

 

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