जब स्टार बल्लेबाज विराट कोहली को भारतीय टीम की वनडे टीम की कप्तानी से हटाया गया था तब बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली ने इस बात को लेकर एक बात कही थी. सौरव ने कहा था कि उन्होंने और सेलेक्टर्स ने विराट कोहली से भारतीय टी-20 टीम की कप्तानी न छोड़ने का अनुरोध किया था, लेकिन वह इस बात को नहीं माने और विराट ने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया. सौरव के इस बयान के बाद विराट कोहली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सौरव गांगुली के इस दावे को खारिज कर दिया था.
टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना है कि विराट कोहली ने सबके सामने अपनी बात रख दी है अब बारी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली की बारी है कि वो अपना पक्ष सबके सामने रखें. रवि शास्त्री ने कहा, 'यह पूरा मसला और बेहतर तरीके से हैंडल किया जा सकता था और विराट के अपना पक्ष रखने के बाद अब बारी सौरव गांगुली की है कि वो सामने आकर अपना पक्ष रखें'.
इसके साथ ही रवि शास्त्री ने रोहित शर्मा को भारतीय वनडे और टी-20 टीम के कप्तान बनाने के फैसले का भी समर्थन किया. रवि शास्त्री ने कहा, 'विराट कोहली के टी-20 कप्तानी छोड़ते ही रोहित शर्मा के लिए मौका बना और उन्हें ही भारतीय लिमिटेड ओवर्स टीम का कप्तान बनाना जाया जाना चाहिए था'.
बोर्ड ने वनडे और टी-20 फॉर्मेट में एक ही कप्तान रखने का फैसला किया और विराट की जगह कमान रोहित शर्मा को दे दी गई. रवि शास्त्री ने BCCI के इस फैसले का पूरी तरह से समर्थन किया.
भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने सितंबर 2021 में टी-20 कप्तानी छोड़ने का फैसला किया था. बतौर टी-20 कप्तान टी-20 विश्व कप उनका आखिरी टूर्नामेंट था. इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम को बुरी हार का सामना करना पड़ा था. पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले 2 मैच हारने के बाद टीम ग्रुप राउंड से ही बाहर हो गई थी. रोहित शर्मा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज में टीम इंडिया की कमान संभाली थी.