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भारत के सबसे बड़े ओपनर हैं वीरेंद्र सहवागः सौरव गांगुली

आज तक के सलाम क्रिकेट कार्यक्रम के दौरान टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की बल्लेबाजी के विषय में जो बातें बताईं उसे सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे.

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सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग
सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग

आज तक के सलाम क्रिकेट कार्यक्रम के दौरान टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की बल्लेबाजी के विषय में जो बातें बताईं उसे सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे. गांगुली ने कहा, ‘मैं महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर के साथ कभी नहीं खेल सका लेकिन आक्रामक, मजबूत और रन बनाने की अकूत क्षमता की बदौलत मैं सहवाग को भारत का सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाज कह सकता हूं. जब से उन्होंने खेलना शुरू किया तब से आने वाले कई वर्षों तक मुझे नहीं लगता कि उनके जैसा निर्भीक बल्लेबाज मैदान में दिखेगा.’

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सौरव गांगुली से पूछा गया था कि वर्ल्ड टी20 में भारत की क्या संभावना है. गांगुली ने कहा, ‘टीम अच्छी तो जरूर है लेकिन चैंपियन कौन बनेगा यह बोलना आसान नहीं है.’

चौके, छक्के की सोचता था वीरु
जब उन्हें यह बताया गया कि वीरेंद्र सहवाग ने कहा है कि 99 फीसदी भारत तो गांगुली बोले, ‘वीरु की बातें उनकी बल्लेबाजी जैसी ही है. वो सिर्फ चौके छक्के और छक्के की सोचते हैं. जब वो क्रिकेट खेलते थे तब अगर वो आउट हो गए और आपके बगल में बैठे हैं, आपकी बल्लेबाजी है तो आप उनकी कमेंट्री सुन कर यह सोचने लगते थे कि मैदान में क्रिकेट बहुत ही आसान है. उधर बैटिंग चल रही है और इधर वीरु बोल रहे हैं... मार कट चार रन मिलेगा. कभी कभी आप उठ कर चले जाते थे. ये बोल कर कि तेरा क्रिकेट अलग है मेरा अलग, मुझे तो खेलने दे मेरा गेम. ऐसे क्रिकेटर हैं वीरु, इसलिए उन्होंने कहा होगा कि 99 फीसदी भारत ही जीतेगा.’

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जब इंजमाम उल हक से पूछा गया कि उनकी कप्तानी के दौर में सहवाग अपने चरम पर थे तो उन्होंने कहा, ‘टेस्ट मैच में पहले दिन का पहला घंटा चल रहा है और मैंने पांच फील्डर बाउंड्री पर खड़े कर रखे हैं. मुझे खुद अपनी कप्तानी पर शक हो रहा है. जब सहवाग विकेट पर खड़ा हो जाता तो इसके लिए फील्डिंग सेट करना बहुत मुश्किल होता था. मैं तो यहां तक कहा करता था कि न तो इसकी अपनी इज्जत है और न ही ये किसी की इज्जत करता है. बहुत खतरनाक क्रिकेटर था. इसकी क्वालिटी ये थी कि हमारे खिलाफ डबल सेंचुरी जड़ता था. इस की बल्लेबाजी पर फील्डिंग सेट करना और कप्तानी करना बड़ी मुश्किल चीज थी.’

‘सहवाग से बड़ा कोई ओपनर नहीं’
गांगुली ने कहा, ‘मैंने कभी गावस्कर को लाइव नहीं देखा लेकिन वीरेंद्र सहवाग से बड़ा ओपनर भारतीय क्रिकेट में देखा नहीं है. शायद अगले 10-15 साल इस तरह की बल्लेबाजी करने वाला ओपनर नहीं देखने को मिलेगा.’

गांगुली ने मैच के दौरान की कुछ बातें शेयर की. उन्होंने कहा, ‘उनको आपको बोलना पड़ता था कि वीरु थोड़ा सा रोक ले. मैं कभी उनको ये कहा नहीं कि वीरु मैच जीतना है थोड़ा सा जल्दी खेल ले. उनको कहना पड़ता था कि वीरु थोड़ा सा रोक ले... और मैं वनडे क्रिकेट में कहता था. जब वो ओपनिंग के लिए जाने वाले होते और मैं तीन नंबर पर. हम दोनों पैड पहन कर बैठे होते. मैं उनके पास जाकर बोलता था कि वीरु तू पहले 20 ओवर तक पिच पर रूका रहेगा तो हम मैच जीत जाएंगे. तू पहला पांच ओवर सिर्फ रोक ले. किसी कप्तान ने किसी ओपनर को पावरप्ले में नहीं कहा होगा कि पहला पांच ओवर तू रोक. वो कहते, हां ठीक है. लेकिन पिच पर जाते ही करता था वो ही जो सबने देखा है.’

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जब लगातार चौके मारते रहे सहवाग
गांगुली ने आगे कहा, ‘लॉर्ड्स में जब हमने 325 रन का पीछा किया तो हम दोनों ने ही ओपनिंग की. ब्रेक टाइम पर मैं बहुत गुस्से में था. मैंने कहा तीन फाइनल हार चुके हैं. 325 हो गया. ये फाइनल भी हाथ से निकल जाएगा और इंग्लैंड की गेंदबाजी बहुत अच्छी थी. फ्लिंटॉफ, हॉगार्ड, गफ, कैडिक. मैंने कहा कि लॉर्ड्स में 325 चेज करना आसान नहीं होगा. हम दोनों बैटिंग करने जा रहे थे तो मैं आगे वो पीछे सीटी मारते हुए मैदान में जा रहा था. मैंने कहा कि तीन फाइनल हार चुके हैं और तू सीटी मारे जा रहा है. मैंने कहा कि हम दोनों को ओपनिंग करना पड़ता है और रन बनाने पड़ते हैं तो उसने कहा आप चिंता मत करो हम ये मैच जीत रहे हैं. मैंने कहा चल ठीक है बैटिंग करते हैं.’

‘सीधा इंडिया भेज दूंगा’
गांगुली ने आगे कहा, ‘इसके बाद शुरुआत अच्छी हुई. हम 6 की औसत से अधिक पर खेल रहे थे. मैंने वीरु से कहा कि स्टार्ट अच्छी हुई है, अगर हम दोनों 20 ओवर्स तक खड़े हो जाते हैं तो 160 के आस पास स्कोर बन जाएगा और बाकी हम बना लेंगे क्योंकि विकेट अच्छी है. मैंने कहा कि रॉनी ईरानी डालेगा उधर से तू ज्यादा मत मारना. एक ओवर में एक चौका मिला तो ठीक है. सिंगल लेकर हम सात-आठ बना लेंगे. वीरु ने कहा डोंट वरी. मैं नॉन स्ट्राइकर ऐंड पर खड़ा था. पहला बॉल ईरानी हाफ वॉली पर डाला तो वीरु ने उस पर कवर ड्राइव से चार मारा. बॉल हाफ वॉली पर थी इसलिए मैंने कुछ कहा नहीं वीरु को. मैंने उसे वेल प्लेड कहा. अगली गेंद मिडिल स्टंप पर थी. उसने बैठ कर स्वीप पर बाउंड्री मार दिया. मैंने कहा देख आठ रन बन गए हैं अब संभल कर खेल. तीसरा वो फिर स्वीप मारने गया था लेकिन बॉल ऑफ स्टंप से बाहर थी तो स्लिप में खेल दिया. फिर चार. मैंने तब कहा तू सीधा तो खेल ले. लेकिन अगली ही गेंद जो मिडिल स्टंप पर थी उसने फ्लिक किया और स्कवॉयर लेग के ऊपर से बाउंड्री. उसके बाद मैंने देखा ही नहीं उसका. कहा कि तुझे जो करना है वो कर लेकिन अगर आउट हो गया तो लॉर्ड्स से सीधा इंडिया भेज दूंगा तू होटल नहीं जा पाएगा.’

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सहवाग से डरते थे इंजमाम!
गांगुली ने इसके बाद पाकिस्तान दौरे पर वीरु के तिहरे शतक के दौरान की बातें बताई. उन्होंने कहा, ‘मुल्तान में 300 वाली पारी के दौरान मैंने उनसे कहा कि देखो बड़ा स्कोर बनना है. तो मुझसे कहता है कि मैंने यह तय किया है कि 190 पर छक्का मारुंगा. दो सौ पहुंच गया तो फिर छक्का मारुंगा. मैंने कहा कि तू पागल हो गया है. पाकिस्तान में खेल रहा है. पहली सीरीज है. टॉस जीतकर हम 350 पर दो विकेट हैं हम टेस्ट मैच जीत जाएंगे तो अच्छा होगा. उसने कहा आप चिंता मत करो. लेकिन 194 पर उसने छक्का जड़ दिया. तीन सौ भी उनसे छक्का मार कर ही बनाया. इससे पहले उसने अपना शतक भी छक्के से ही बनाया. धोनी जैसे आखिरी बॉल पर छक्का मार कर जीत दिलाता है वीरु भी वही किया करता था.’

इंजमाम ने कहा, ‘मुझे इस प्लेयर से डर लगता था कि ये उठा के तो मारता था लेकिन बाउंड्री से बाहर.’

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