आईसीसी मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीसरे टेस्ट मैच के लिए वांडरर्स की पिच को ‘खराब’ करार दिया है. जोहानसबर्ग की पिच की वजह से टीम इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच तीसरे टेस्ट मैच का तीसरा दिन जोखिम भरा रहा. लेकिन अगले दिन (चौथे दिन) गीले आउटफील्ड का जायजा लेने के बाद आंपायरों ने मैच जारी रखने का फैसला किया था.
तीसरे दिन के अंतिम सत्र में जसप्रीत बुमराह की एक गेंद अफ्रीकी बल्लेबाज एल्गर के सिर पर लगने के बाद खेल को रोक दिया गया था. बाद में इस मैच पर संकट के बादल मंडराने लगे थे. लेकिन बाद में दोनों टीम मैनेजमेंट, रेफरी और अंपायर से बात करने के बाद खेल जारी रखने का फैसला किया था.
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दरअसल, वांडरर्स की पिच पर असमान उछाल से बल्लेबाजी करना मुश्किल हो गया था. इस दौरान अंपायर और कप्तान बार-बार पिच को लेकर बात करते देखे गए थे. अब मैच रेफरी द्वारा पिच को खराब करार दिए जाने के बाद वांडरर्स को तीन 'डिमेरिट प्वाइंट' मिलेंगे, जो पांच साल तक सक्रिय रहेगा. इसका मतलब यह नहीं है कि निकट भविष्य में अंतरराष्ट्रीय खेलों के लिए इसे निलंबित कर दिया जाएगा, लेकिन यह 'रेड जोन' में अवश्य रहेगा.
यदि अगले पांच साल में खराब पिच के लिए वांडरर्स ने दो और डिमेरिट प्वाइंट इकट्ठे कर लिये, तो आईसीसी इसे एक साल के लिए प्रतिबंधित कर सकता है. क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) इस रेटिंग के खिलाफ नोटिफिकेशन प्राप्त करने के दो हफ्ते के भीतर अपील कर सकता है.
पाइक्रॉफ्ट की रिपोर्ट क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका को भी भेजी गई है. इसमें उन्होंने कहा, ‘अंतिम टेस्ट मैच के लिए जो पिच तैयार की गई वह खराब थी. इसमें अनिश्चित उछाल और बहुत अधिक सीम मूवमेंट था.’
उन्होंने कहा, ‘मैच आगे बढ़ने के साथ यह और खराब होती गई, जिससे बल्लेबाजी करना बहुत मुश्किल हो गया. जिसके कारण दोनों टीमों के चिकित्सा दलों को अपने बल्लेबाजों के उपचार के लिए कई बार मैदान पर जाना पड़ा.’