फतुल्लाह में खेले जा रहे भारत बांग्लादेश के इकलौते टेस्ट मैच का दूसरा दिन बारिश में धुल गया. पहले दिन मेजबान टीम को एक भी विकेट नसीब नहीं हुआ. बावजूद इसके बांग्लादेश के कोच चंडिका हथुरूसिंघा ने प्लेइंग इलेवन में तेज गेंदबाज रूबेल हुसैन को नहीं खिलाने के टीम प्रबंधन के फैसले बचाव किया है.
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी मेहमान टीम ने बारिश से प्रभावित मैच में पहले दिन का खेल खत्म होने तक बिना किसी नुकसान के 239 रन बना लिए थे. भारत के दोनों सलामी बल्लेबाजों शिखर धवन (150) और मुरली विजय (89) ने बांग्लादेशी आक्रमण को पूरी तरह से फेल कर दिया जिसमें चार स्पेशलिस्ट स्पिनर थे.
पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद हथुरूसिंघा ने कहा, 'रूबेल चोटिल होने के बाद लौटा है और 100 फीसदी फिट नहीं है. दूसरी वजह है कि हमने सोचा कि अगर रूबेल खेलता है और अधिक गेंदबाजी करता है तो फिर से बीमार हो सकता है क्योंकि उसे प्रैक्टिस मैच खेलने तक का मौका भी नहीं मिला था.'
उन्होंने कहा ऐसा नहीं है कि वह फिट नहीं है. दरअसल, वह इस तरह की पिच पर गेंदबाजी करने के लिए फिट नहीं है क्योंकि इस तरह के विकेट पर सफलता पाने के लिए बहुत अधिक कोशिश की जरूरत पड़ती है. अगर विकेट तेज गेंदबाजों को मदद करती तो हम दूसरे तरीके से खेलते.
हथुरूसिंघा ने कहा कि रूबेल को तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए बचा कर रखना इस पिच पर खिलाने की तुलना में बेहतर फैसला है. उन्होंने कहा, 'एक बार फिर से स्पिनरों को चुनने की वजह विकेट की स्थिति थी. भारतीय टीम के पिछली कुछ सीरीज में खेल के आधार पर भी अलग-अलग तरह के स्पिनरों को खिलाने का फैसला लिया गया. उनके खिलाफ कुछ ऑफ स्पिनर सफल रहे थे.'
उन्होंने कहा हम भारत की ताकत को नहीं रोक सकते. हम अपने संसाधनों से ही अपने लिए कुछ कर सकते हैं. रूबेल को हम लोग वनडे मैचों में खिलाना चाहते हैं. वनडे मैच जीतना हमारे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है. हम यह जानते हैं कि अगर हम एक मैच भी जीत लेते हैं तो चैंपियंस ट्रॉफी में क्वालीफाई करने के लिए हमारे पास एक मौका होगा. इसलिए जब परिस्थिति अलग थी तो हम दूसरे तेज गेंदबाज के साथ खेलने के लिए उतरे. बांग्लादेश के कोच ने कहा कि टीम का चयन पिच और परिस्थिति को देखकर किया गया है.
इनपुटः भाषा