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सुंदर रिकॉर्ड: सबसे कम उम्र में 'मैन ऑफ द सीरीज' बने वॉशिंगटन

फाइनल जीतने के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने सुंदर की काफी तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि इस सीरीज में सुंदर की गेंदबाजी हमारे लिये जादुई रही. नई गेंद से उसने जो प्रदर्शन किया वह बेजोड़ है. हर कोई पावरप्ले में गेंदबाजी करने का दबाव नहीं झेल सकता.'

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वॉशिंगटन सुंदर
वॉशिंगटन सुंदर

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निदहास ट्रॉफी के फाइनल में बांग्लादेश से जीत छीनने वाले दिनेश कार्तिक की पारी दुनियाभर के खेल प्रेमियों को हमेशा याद रहेगी. लेकिन भारत को इस फाइनल मुकाबले तक पहुंचाने में युवा गेंदबाज वॉशिंगटन सुंदर ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी.

सुंदर को टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के लिए 'मैन ऑफ द सीरीज' चुना गया और उन्होंने सीरीज में 20 ओवर की गेंदबाजी की और 114 रन देकर 8 विकेट चटकाए. इस अवॉर्ड के साथ ही सुंदर के नाम एक विश्व रिकॉर्ड भी दर्ज हुआ और वह सबसे कम उम्र में 'मैन ऑफ द सीरीज' का खिताब पाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं.

तोड़ा वकार यूनुस का रिकॉर्ड

सुंदर को 18 साल 164 दिन की उम्र में 'मैन ऑफ द सीरीज' अवॉर्ड से नवाजा गया. इससे पहले यह रिकॉर्ड पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वकार यूनुस के नाम था जिन्हें 1990 के ऑस्ट्रेलेशिया कप में 18 साल 169 दिन की उम्र में यह सम्मान मिला था. सुंदर ने सबसे कम में यह खिताब जीतने वाले भारतीय नरेंद्र हिरवानी का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया. हिरवानी को यह अवॉर्ड 1988 के शारजाह कप में मिला था जब उनकी उम्र 19 साल 166 दिन थी.

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सुंदर को इस ट्राई सीरीज की खोज माना जा रहा है. वह अभी सिर्फ 18 साल के हैं और उनके सामने बहुत बड़ा क्रिकेट करियर पड़ा है. ऐसे में सीमित ओवरों के फॉर्मेट में सुंदर भारत के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं. श्रीलंका के खिलाफ 13 दिसंबर को मोहाली में खेले गए वनडे मैच में उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया था.

कप्तान ने तारीफ में पढ़े कसीदे

फाइनल जीतने के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने सुंदर की काफी तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि इस सीरीज में सुंदर की गेंदबाजी हमारे लिये जादुई रही. नई गेंद से उसने जो प्रदर्शन किया वह बेजोड़ है. हर कोई पावरप्ले में गेंदबाजी करने का दबाव नहीं झेल सकता. यह नहीं भूलना चाहिए उसने इस दौरान विकेट भी लिये, उसने किसी भी प्रतिद्वंद्वी को पावरप्ले में रन नहीं बनाने दिये.

जीत के बाद सुंदर ने कहा, 'यह मेरे लिये काफी मायने रखता है विशेषकर इतनी कम उम्र में इस तरह का पुरस्कार हासिल करना, पावरप्ले में गेंदबाजी करना चुनौतीपूर्ण भूमिका है लेकिन जब आप अपने देश के लिये खेलते हो तो यह सम्मान होता है.’

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