भारत की तेज गेंदबाजी के अगुवा और श्रीलंकाई पारी में पांच विकेट लेने वाले ईशांत शर्मा ने कहा कि उन्होंने नई गेंद के साथ हरे घसियाले विकेट पर गेंदबाजी का पूरा लुत्फ उठाया.
घसियाले विकेट पर बॉलिंग कर खुश
ईशांत ने श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, 'हम हरे घसियाले विकेट पर गेंदबाजी करके खुश हैं. मैंने अपना रन अप थोड़ा कम किया. मैंने नई गेंद के साथ गेंदबाजी करने का पूरा मजा लिया. विशेषकर लाल कूकाबूरा गेंद को लेकर क्योंकि यह थोड़ा स्विंग ले रही है. इसलिए मैंने इसका पूरा लुत्फ उठाया.' ईशांत ने आगे कहा, 'हमें सही स्थान पर गेंदबाजी करने की जरूरत है और खुद पर भरोसा रखना होगा कि आप विकेट ले सकते हो. मैं भी यही कर रहा हूं.'
परेरा के पास गंवाने के लिए नहीं था कुछ
ईशांत से जब पूछा गया कि श्रीलंका का स्कोर जब छह विकेट पर 47 रन था तो गेंदबाज उसके पुछल्ले बल्लेबाजों को जल्दी आउट क्यों नहीं कर पाए. तो उन्होंने कहा, 'कुशल परेरा के पास गंवाने के लिये कुछ नहीं था. उसने केवल गेंदबाजों पर हावी होने की रणनीति अपनाई. आपने देखा होगा कि उसने उन गेंदों को भी हिट किया जो सही लेंथ पर की गई थीं. आप ऐसे में वास्तव में कुछ नहीं कर सकते. वह लंबा शाट मारने के प्रयास में ही आउट भी हुआ.' ईशांत ने कहा, 'इस तरह की परिस्थितियों में आपको सही क्षेत्ररक्षण सजाकर रणनीति के अनुकूल गेंदबाजी करने की जरूरत होती है ताकि कप्तान मैदान पर बेवकूफ नजर नहीं आए. आपको चीजों को सरल बनाकर रखने की जरूरत पड़ती है. इससे कप्तान के लिये काम आसान होगा.'
मैं नहीं हूं गेंदबाजी का अगुवा
दिल्ली के इस तेज गेंदबाज ने फिर से कहा कि उन्हें टीम का सबसे सीनियर तेज गेंदबाज और गेंदबाजों का अगुआ कहलाना पसंद नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं केवल उमेश ही नहीं बल्कि वरूण और भुवी के साथ भी गेंदबाजी का लुत्फ उठा रहा हूं. उन्होंने बहुत अधिक टेस्ट मैच नहीं खेले हैं और वे अब भी सीख रहे हैं. उन्हें यह सीखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगातार विकेट कैसे हासिल करने हैं. उन्हें यह जानना होगा कि वे गेंदबाजी करते समय कितने अनुशासित हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ये चीजें मायने रखती हैं.' ईशांत ने कहा, 'जब मैं गेंदबाजी करता हूं तो मैं गेंदबाज होता हूं आक्रमण का अगुआ नहीं. मैं विकेट देखता हूं और यह देखता हूं कि मुझे कहां गेंद करनी है. मुझे जो भी अनुभव है मैं उनके साथ साझा करता हूं. यदि वे उसे पसंद करते हैं तो उसे अपनाएंगे. यदि उन्हें पसंद नहीं आएगा तो उस पर गौर नहीं करेंगे.' ईशांत ने परेरा को क्रीज छोड़ने के लिये कहने के आक्रामक तरीके का भी बचाव किया. उन्होंने परेरा के साथ घटी घटना को मजाकिया अंदाज में टालते हुए कहा, 'वह (कुशल) अच्छा दोस्त है. मैंने उससे कहा कि वह कितने बजे मेरे साथ डिनर के लिए चलेगा.'
इनपुट: भाषा