सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस लोढ़ा की अगुवाई में बनी तीन न्यायाधीशों की कमेटी ने डालमिया से पूछताछ के बाद उनके जवाबों को बेतुके और समझ से बाहर बताया.
जस्टिस लोढ़ा हैं कमेटी के अगुवा
राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट के एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्तियों से पूछताछ कर रही कमेटी ने मंगलवार को कोलकाता में बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष जगमोहन डालमिया से पूछताछ की. आपको बता दें कि 22 जनवरी को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल 2013 में सट्टेबाजी के दोषी पाए गए बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के पूर्व सहमालिक राज कुन्द्रा को सजा सुनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के तीन रिटायर जजों जस्टिस अशोक भान, जस्टिस आर वी रवींद्रन और जस्टिस आर एम लोढ़ा की कमेटी बनाई थी.पूछ-ताछ से बिल्कुल पहले डालमिया द्वारा अपने बेटे अभिषेक डालमिया को पूछताछ के दौरान साथ रखने का अनुरोध करने पर कमेटी आश्चर्यचकित रह गई. कमेटी ने जब इसका कारण जानने की कोशिश की तो डालमिया ने इसके पीछे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हवाला दिया.
बेतुके और समझ से बाहर थे डालमिया के जवाब
पूछ-ताछ खत्म होने के बाद कमेटी के सूत्रों ने कहा कि यह पूछताछ अजीब सी थी बीसीसीआई अध्यक्ष को पूछे गए सवालों को समझने में काफी दिक्कतें हो रही थीं. उनके पुत्र अभिषेक डालमिया को सवाल समझा रहे थे. और डालमिया के जवाब बेतुके और समझ से बाहर थे. कमेटी के मुताबिक, 'अगर बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के साढ़े तीन महीने में डालमिया की ये हालत है तो क्या उन्हें चुनते वक्त लोगों को ये बात नहीं पता थी? किसने ऐसे शारीरिक और मानसिक हालातों वाले व्यक्ति को बीसीसीआई का अध्यक्ष बना दिया? और अगर डालमिया की शारीरिक और मानसिक हालत अभी खराब हुई है तो दुनिया के सबसे अमीर बोर्ड का काम-काज कौन देख रहा है? 'सुप्रीम कोर्ट के 22 जनवरी के फैसले ने श्रीनिवासन को दोबारा बीसीसीआई अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से रोक दिया और जस्टिस लोढ़ा की अगुवाई वाली कमेटी को 6 महीने के अंदर मयप्पन और कुंद्रा को सजा सुनाने के साथ ही बोर्ड के काम-काज में सुधार के लिए सुझाव भी देने को कहा था.