वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने टीम के वर्ल्ड टी20 खिताब जीतने के बाद कप्तान डेरेन सैमी के बोर्ड की आलोचना करने पर उन्हें फटकार लगाई लेकिन साथ ही लंबे समय से चले आ रहे वेतन विवाद को सुलझाने के लिए खिलाड़ियों के साथ बातचीत की पेशकश भी की.
वेस्टइंडीज के इंग्लैंड को चार विकेट से हराकर दूसरी बार वर्ल्ड टी20 खिताब जीतने के बाद सैमी ने प्रशासकों के साथ टीम की निराशा जाहिर करते हुए कहा था कि बोर्ड से समर्थन की कमी निराशाजनक है. इसके घंटों बाद कैरेबियाई क्रिकेट बोर्ड ने सैमी की टिप्पणी पर बयान जारी किया जिसका शीर्षक था डब्ल्यूआईसीसीबी अध्यक्ष ने वर्ल्ड टी20 आयोजकों की तारीफ के पुल बांधे और इसमें कप्तान के बयान को अनुचित बताया. डब्ल्यूआईसीबी अध्यक्ष डेव कैमरन ने खिलाडि़यों को समर्थन की कमी पर सैमी की शिकायत को नजरअंदाज कर दिया लेकिन खचाखच भरे ईडन गार्डन्स पर दर्शकों के सामने कप्तान के इस बयान के लिए आयोजकों से माफी मांगी.
बयान के अनुसार, ‘अध्यक्ष हालांकि मैच के बाद इंटरव्यू के दौरान वेस्टइंडीज की पुरुष टीम के कप्तान डेरेन सैमी के बयान के लिए माफी मांगना चाहते हैं जिन्हें अनुचित समझा जा सकता है. वे डब्ल्यूआईसीबी की ओर से लाखों प्रशंसकों से माफी मांगना चाहते हैं जो इसे देख रहे थे. अध्यक्ष ने वादा किया है कि वे कारण की जांच कराएंगे और इस मामले का हल निकालेंगे. कैमरन ने भी सैमी की टिप्पणी को अपमान मानते हुए ट्वीट किया, आखिर कब आपके किसी आलोचक ने आपके किसी बिल का भुगतान किया था.’
वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए यह साल काफी अच्छा रहा है. सीनियर पुरुष टीम के अलावा कल महिला टीम ने भी वर्ल्ड टी20 खिताब जीता जबकि इससे पहले फरवरी में अंडर 19 टीम ने बांग्लादेश में अंडर 19 वर्ल्ड कप जीता था. कैमरन ने हालांकि समझौते का संदेश भेजते हुए खिलाड़ियों को बैठक के लिए आमंत्रित किया है जिससे कि लंबे समय से चले आ रहे वेतन विवाद का हल निकल सके. डब्ल्यूआईसीबी प्रमुख ने कहा कि बोर्ड खिलाड़ियों से बात करेगा जिससे कि सुनिश्चित हो सके कि सर्वश्रेष्ठ कैरेबियाई प्रतिभा टीम का प्रतिनिधित्व करे.
कैमरन ने कहा, ‘इस साल मई में बोर्ड खिलाड़ियों, प्रबंधन और तकनीकी योजनाओं की समीक्षा के लिए खिलाड़ियों, डब्ल्यूआईपीए, चयनकर्ताओं और तकनीकी टीम के साथ वार्षिक समीक्षा की मेजबानी करेगा. हम देखना चाहते हैं कि कैसे आपसी सहमति से हल निकालें जिससे कि सुनिश्चित हो कि क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी वेस्टइंडीज टीमों में चयन के लिए उपलब्ध हों. बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच इतना अधिक विवाद था कि एक समय टीम टूर्नामेंट से हटने के कगार पर पहुंच गई थी क्योंकि अधिकांश शीर्ष खिलाडि़यों ने बेहतर वेतन की मांग करते हुए अनुबंध पर हस्ताक्षर से इनकार कर दिया था.