मो. कैफ की कप्तानी में भारत को सन् 2000 का अंडर-19 विश्वकप दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज अजय रात्रा ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक मारने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज होने के साथ ही रात्रा विदेशी धरती पर शतक मारने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय विकेटकीपर हैं.
नेशनल क्रिकेट एकेडमी की फर्स्ट बैच में सेलेक्ट हुए थे
यूथ लेवल पर रात्रा का प्रदर्शन काफी अच्छा था और रात्रा ने सन् 2000 के अंडर-19 विश्वकप के बाद अंडर-19 टीम की कप्तानी करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज भी जिताई थी. इस प्रदर्शन के चलते रात्रा को नेशनल क्रिकेट एकेडमी की पहली बैच के लिए सिलेक्ट कर लिया गया और वहां से फिर जल्द ही उन्हें नेशनल टीम में जगह मिल गई हालांकि करियर की शुरुआत में ही रात्रा को चोट के चलते टीम में अपनी जगह गंवानी पड़ी थी लेकिन रात्रा ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में आठ शतकों और 17 अर्धशतकों के साथ 4 हजार से भी ज्यादा रन बनाए हैं.
विकेट के पीछे बहुत तेज थे रात्रा
नेशनल क्रिकेट एकेडमी के पहले बैच में सिलेक्ट होने वाले क्रिकेटरों में से एक अजय रात्रा विकेट के पीछे अपनी चपलता के लिए जाने जाते थे. घरेलू क्रिकेट में रात्रा हरियाणा की तरफ से खेलते थे और कई मौकों पर उन्होंने अपने प्रदर्शन के दम पर अपनी टीम को मैच जिताए हैं. भारत के लिए कुल 6 टेस्ट और 12 वन-डे खेलने वाले रात्रा द्वारा क्रिकेट के हर फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा के बाद बीसीसीआई ने उन्हें उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं.