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इस बार क्या दक्षिण अफ्रीका को हरा सकेगी टीम इंडिया

2015 क्रिकेट वर्ल्ड कप में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ महामुकाबला जीत चुकी टीम इंडिया के सामने अब दक्षिण अफ्रीका को हराना एक चुनौती है. टीम इंडिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच क्रिकेट वर्ल्ड कप में अब तक तीन मुकाबले हो चुके हैं और तीनों ही मौके पर टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा है. चलिए डालते हैं इस पर एक नजर.

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2015 क्रिकेट वर्ल्ड कप में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ महामुकाबला जीत चुकी टीम इंडिया के सामने अब दक्षिण अफ्रीका को हराना एक चुनौती है. टीम इंडिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच क्रिकेट वर्ल्ड कप में अब तक तीन मुकाबले हो चुके हैं और तीनों ही मौके पर टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा है. चलिए डालते हैं इस पर एक नजर.

1992 वर्ल्ड कप में मिली पहली हार
इन दोनों देशों के बीच पहला मुकाबला ऑस्ट्रेलिया में ही खेले गए पिछले वर्ल्ड कप (1992) में हुआ. बारिश से बाधित एडिलेड में खेले गए इस मैच को 30 ओवरों का कर दिया गया. टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान अजहरुद्दीन के शानदार 79 रन की पारी की बदौलत 6 विकेट के नुकसान पर 180 रन बनाए. दक्षिण अफ्रीकी टीम ने 5 गेंद शेष रहते ही 181 रन का लक्ष्य पा लिया. ‘मैन ऑफ द मैच’ रहे पीटर कर्सटन जिन्होंने 84 रन बनाए.


1999 वर्ल्ड कप में दूसरी हार
1999 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का पहला मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से था और एक बार फिर दक्षिण अफ्रीकी टीम ने उसे हरा दिया. इस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया ने ओपनर सौरव गांगुली के 97 रन और राहुल द्रविड़ के 54 रनों की बदौलत 5 विकेट के नुकसान पर 253 रन बनाए. इस टूर्नामेंट के हीरो लांस क्लूजनर ने तेंदुलकर, द्रविड़ और अजहर का विकेट लिया. 22 रन पर दो विकेट और फिर 116 रन तक चार विकेट गंवा चुकी दक्षिण अफ्रीका टीम ने जैक कैलिस के 96 रनों की बदौलत इस लक्ष्य को 16 गेंद शेष रहते ही पा लिया. 

सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, मोहम्मद अजहरुद्दीन, अजय जडेजा, रॉबिन सिंह सरीखे क्रिकेटरों की मौजूदगी के बावजूद वर्ल्ड कप के शुरुआती मुकाबले में मिली हार का असर यह हुआ कि टीम इंडिया अगला मैच कमजोर जिम्बाब्वे से भी हार गई. फिर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से हार के कारण सेमीफाइनल मुकाबले तक भी नहीं पहुंच सकी.

2011 वर्ल्ड कप में तीसरी हार
धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 2011 वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया लेकिन इस टूर्नामेंट में खेले गए 9 मुकाबलों में उसे जिस एक में हार का सामना करना पड़ा वो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ही मिली. नागपुर में खेले गए इस मैच में भी पिछले दो मौकों की ही तरह टीम इंडिया पहले बल्लेबाजी करने उतरी. वीरेंद्र सहवाग (73), सचिन तेंदुलकर (111) और गौतम गंभीर (69) की शानदार पारियों की बदौलत तीन विकेट पर 268 रन बना चुकी टीम इंडिया ने अगले 28 रनों पर 7 विकेट गंवा दिए. टीम 48.4 ओवर ही खेल सकी और 296 रन बना कर ऑल आउट हो गई. अफ्रीकी की ओर से डेल स्टेन ने 5 विकेट लिए. जवाब में दक्षिण अफ्रीकी टीम के प्रत्येक बल्लेबाज ने अपना योगदान दिया और दो गेंद शेष रहते ही लक्ष्य को पा लिया. 

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पाकिस्तान का रिकॉर्ड भी ऐसा ही है. अब तक वर्ल्ड कप में इन दोनों टीमों के बीच तीन मुकाबले (1992, 1996 और 1999 में) हुए हैं और तीनों ही मौके पर पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा है.

अब एक बार फिर 2015 क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मुकाबला है. देखना यह होगा कि इस बार टीम इंडिया हार की बदकिस्मती से छुटकारा पाने में कामयाब होती है या नहीं.

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