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BCCI का आरोप- टी20 वर्ल्ड कप मुद्दे पर जान बूझकर टांग अड़ा रहे शशांक मनोहर

आईसीसी से नाराज भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने निवर्तमान चेयरमैन शशांक मनोहर पर जानबूझकर टी20 वर्ल्ड कप के मुद्दे पर अपनी टांग अड़ाने का आरोप लगाया है.

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Shashank Manohar (File photo)
Shashank Manohar (File photo)

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अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से नाराज भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने निवर्तमान चेयरमैन शशांक मनोहर पर जानबूझकर टी20 वर्ल्ड कप के मुद्दे पर अपनी टांग अड़ाने का आरोप लगाया है. भारतीय बोर्ड ऑस्ट्रेलिया में इस साल होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के भविष्य को लेकर लगातार फैसला टालने के लिए आईसीसी से नाराज चल रहा है.

'ICC की विलंब की रणनीति... IPL की तैयारी पर असर'

बीसीसीआई क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के चेयरमैन अर्ल एडिंग्स एक बार फिर 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक होने वाले इस टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर अपने बोर्ड की अक्षमता जाहिर कर चुके हैं. ऐसे में बीसीसीआई का मानना है कि आईसीसी की विलंब की रणनीति आईपीएल की तैयारियों को प्रभावित कर सकती है.

भारतीय बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई से बताया, ‘निवर्तमान आईसीसी चेयरमैन (मनोहर) भ्रम की स्थिति क्यों पैदा कर रहे हैं? अगर मेजबान क्रिकेट बोर्ड टी20 वर्ल्ड का आयोजन नहीं करना चाहता तो उन्हें घोषणा करने के लिए एक महीना क्यों चाहिए?’

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टी-20 वर्ल्ड कप पर एक महीने और इंतजार का फैसला

इस महीने के शुरुआत में बोर्ड बैठक के बाद आईसीसी ने एक महीने और इंतजार करने का फैसला किया. अधिकारी का मानना है कि टूर्नामेंट को स्थगित करने को लेकर अगर जल्द फैसला होता है तो इससे सदस्य देशों को अपनी द्विपक्षीय सीरीज की योजना बनाने में मदद मिलेगी.

अधिकारी ने कहा, ‘यह बीसीसीआई या आईपीएल का मामला नहीं है. अगर आईसीसी इस महीने टूर्नामेंट को स्थगित करने की घोषणा करता है, तो जिन सदस्य देशों के खिलाड़ी आईपीएल का हिस्सा नहीं है वे भी इस दौरान अपनी द्विपक्षीय सीरीज को लेकर योजना बना सकते हैं. फैसला करने में विलंब से सभी को नुकसान होगा.’

टी-20 वर्ल्ड कप पर निर्भर है इस साल का आईपीएल

आईसीसी अगर जल्द फैसला करता है तो बीसीसीआई की आईपीएल संचालन टीम संभावित मेजबानों को लेकर तैयारी शुरू कर सकती है जिसमें श्रीलंका भी शामिल होगा जिसके बाद प्रेमदासा, पल्लेकल और हंबनटोटा मैदान हैं. यूएई के मुकाबले श्रीलंका को कम खर्चीले मेजबान के रूप में देखा जा रहा है और सुनील गावस्कर भी कह चुक हैं कि सितंबर में आईपीएल कराने के लिए यह आदर्श देश होगा.

बीसीसीआई और मनोहर के बीच मतभेद नए नहीं हैं. नागपुर के वकील मनोहर के बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन से कटु रिश्ते रहे हें जिन्हें तनाव की मुख्य वजह माना जा रहा है. अधिकारी ने कहा, ‘वह बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष हैं जो हमारे हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं. आईसीसी के राजस्व में देश के योगदान के बावजूद बीसीसीआई के राजस्व हिस्से में कटौती की गई है.’

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अगले चेयरमैन के नामांकन की प्रक्रिया का क्या हुआ?

भारतीय बोर्ड से जुड़े लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि अगले चेयरमैन के नामांकन की प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा क्यों नहीं की गई. बीसीसीआई के एक अनुभवी अधिकारी ने कहा, ‘आईसीसी बोर्ड की कुछ बैठक हुई, लेकिन इनमें ईमेल लीग और जांच को नामांकन प्रक्रिया की घोषणा पर तरजीह दी गई. अगर आप मेरे से पूछो तो मुझे यकीन नहीं है कि मनोहर चेयरमैन का पद छोड़ेंगे और तीसरे कार्यकाल का प्रयास नहीं करेंगे.’

आईसीसी चेयरमैन दो साल के तीन कार्यकाल तक अपने पद पर रह सकता है. आईसीसी के बोर्ड सदस्यों को डर है कि नामांकन प्रक्रिया में देरी से सर्वसम्मत उम्मीदवार को चुनने में दिक्कत हो सकती है. बोर्ड के सदस्य ने कहा, ‘कोलिन ग्रेव्स अब भी दौड़ में सबसे आगे हैं और अगर सौरव गांगुली इच्छुक नहीं होते हैं तो उन्हें बीसीसीआई का भी समर्थन होगा. अगर सर्वसम्मत फैसला नहीं होता है और गांगुली भी उम्मीदवारी पेश करते हैं तो यह रोचक होगा.’

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