टीम इंडिया का अगला मुकाबला एक ऐसी टीम से है जो है तो गुजरे जमाने की वर्ल्ड चैंपियन लेकिन वो आज भी जिस मैच में उतरती है मैदान का माहौल रंगीन बना देती है. सामने वाली टीम के माथे पर बल जरूर ला देती है. 1979 में वेस्टइंडीज ने आखिरी बार वर्ल्डकप जीता लेकिन आक्रामकता के मामले में आज भी इस टीम का कोई सानी नहीं.
गेल चल गए तो कुछ नहीं कर सकतेः धोनी
भारत ने वेस्टइंडीज़ के मुकाबले अटैकिंग क्रिकेट थोड़ी देर से शुरू की लेकिन मैदान पर पिछले कुछ सालों में प्रदर्शन के मामले में आज भारत विंडीज़ से कोसों आगे है. दोनों दो-दो बार के वर्ल्ड चैंपियन हैं और वर्ल्डकप में दोनों के बीच हुए मुकाबलों का इतिहास भी करीब-करीब बराबर सा ही है. लेकिन 2015 के इस वर्ल्डकप में दोनों टीमों के प्रदर्शन पर अगर नजर डालेंगे तो भारत फेवरेट नजर आता है. अपने तीनों मैच जीतकर भारत इस मैच में उतरने वाला है तो वेस्टइंडीज़ अपने 4 मैचों में से दो हारकर. जिनमें से एक हार तो आयरलैंड के खिलाफ रही.
वर्ल्डकप के चिर प्रतिद्वंद्वी रहे भारत-वेस्टइंडीज़ के बीच होने वाला ये मुकाबला किन मायनों में होगा खास आइये नज़र डालते हैं...
इतिहास है भारत के साथ
1975 और 1979 की विजेता रही वेस्टइंडीज को पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने से रोकने वाली टीम भारत की ही थी. इसके बाद हुए वर्ल्ड कप मुकाबलों में भी कभी वेस्टइंडीज हावी रहा तो कभी भारत ने जीत का परचम लहराया. कुल मिलाकर दोनों टीमों के बीच वर्ल्डकप में 7 बार टक्कर हुई जिनमें से 4 मैच भारत ने जीते और तीन वेस्टइंडीज ने. यही नहीं दोनों टीमों के पिछले 10 वन-डे मैचों का प्रदर्शन भी भारत को बीस साबित करता है. भारत ने पिछले 10 वन डे मैचों में से 6 मैच जीते हैं और सिर्फ तीन हारे. एक मैच बेनतीजा रहा. जबकि वेस्टइंडीज ने 10 मैचों में से सिर्फ 3 ही जीते हैं, जबकि 7 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा. साल 2010 के बाद से तो वेस्टइंडीज की टीम भारत के सामने संघर्ष ही कर रही है. दोनों के बीच साल 2010 से अबतक 20 वनडे खेले जा चुके हैं जिनमें से 14 में भारत ने वेस्टइंडीज को रौंदा है और 6 मैचों में उसे विंडीज से मात खानी पड़ी है.
गेल बनाम टीम इंडिया
इस मैच को क्रिस गेल बनाम टीम इंडिया के तौर पर भी देखा जा रहा है लेकिन गेल पर वेस्टइंडीज की हद से ज्यादा निर्भरता भी उनके लिए मुसीबत का सबब बन सकती है. जिस मैच में गेल चलते हैं उनकी टीम उस मैच को आसानी से जीतती है लेकिन जिस मैच में उनका बल्ला नहीं बोलता, उस मैच में उनकी टीम भी खामोश ही रहती है. हर मैच में वेस्टइंडीज की रणनीति का तानाबाना गेल के इर्द-गिर्द ही बुना जाता है. सचिन तेंदुलकर जब टीम इंडिया में थे तो भारत की स्थिति भी ऐसी होती थी लेकिन इसके बावजूद भारतीय क्रिकेट ने कई सितारे पैदा किए जो अपने दम पर मैच का रुख पलट सकते थे. मौजूदा टीम इंडिया की भी यही खासियत है.
होल्डर कैसे करेंगे धोनी का मुकाबला
एक तरफ महेंद्र सिंह धोनी, जिनकी रणनीतियों की कायल पूरी क्रिकेट बिरादरी है तो दूसरी तरफ जेसन होल्डर, जिनके बारे में अगर बताया ना जाए कि वो वर्ल्डकप में वेस्टइंडीज के कप्तान हैं तो शायद उन्हें कोई पहचान भी ना पाए. महज 30 वनडे मैचों का अनुभव रखने वाले होल्डर भारत के विश्वविजेता कप्तान का मुकाबला कैसे कर पाएंगे, ये इस मुकाबले में देखना होगा. ये सही है कि उनकी टीम में उन्हें सलाह देने के लिए क्रिस गेल, डेरेन सैमी और मार्लोन सैमुअल्स जैसे सीनियर खिलाड़ी भी हैं लेकिन फिर भी धोनी कप्तानी के मामले में सबपर भारी पड़ सकते हैं. खासकर वर्ल्डकप जैसे बड़े स्टेज पर कप्तानी करने का धोनी का अनुभव टीम इंडिया को वेस्टइंडीज के खिलाफ मजबूत बता रहा है. इस मैच में अगर टीम इंडिया जीतती है तो धोनी वर्ल्डकप में सबसे ज्यादा जीत हासिल करने वाले भारतीय कप्तान कपिल देव के रिकॉर्ड की बराबरी भी कर लेंगे.
पर्थ में भारत अभ्यस्त
यूएई के खिलाफ भारत को पर्थ के मैदान पर बड़ी जीत मिली. और जीत के साथ साथ पर्थ की बाउंस भरी पिच पर खुद को अभ्यस्त करने का मौका भी मिला. जिस विकेट पर वर्ल्डकप से पहले हुई ट्राई सीरीज में भारत संघर्ष कर रहा था, उसी विकेट पर यूएई को हराने के बाद टीम इंडिया का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है. लेकिन वेस्टइंडीज पहली बार इस वर्ल्डकप में पर्थ की विकेट पर खेलेगा. ऐसे में यहां भी फायदा टीम इंडिया को मिलता दिखाई दे रहा है.