वर्ल्ड कप 2015 के पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने साउथ अफ्रीका को रोमांचक मुकाबले में चार विकेट से हरा दिया. इस मैच में कीवियों के लिए ग्रांट इलियट ने शानदार भूमिका निभाई और नाबाद 84 रन की मैच जिताऊ पारी खेली, फाइनल में न्यूजीलैंड का मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा. पढ़िए इस कांटे की टक्कर का बारीक ब्यौरा...
23 साल पहले ऑकलैंड के इसी ईडन पार्क पर वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पाकिस्तान ने न्यूजीलैंड का सपना तोड़ दिया था, लेकिन इस बार न्यूजीलैंड की दमदार फॉर्म उन्हें टूर्नामेंट में फेवरेट बता रही थी. कम दक्षिण अफ्रीका भी नहीं थी इसलिए मुकाबले के कांटे का होना तय माना जा रहा था. टॉस दक्षिण अफ्रीका ने जीता और एबी डिविलियर्स ने ज्यादा सोचे बिना पहले बल्लेबाजी का फैसला ले लिया.
इस मैच के लिए उन्होंने तेज गेंदबाज काइल अबोट की जगह एक और तेज गेंदबाज वर्नोन फिलेंडर को टीम में वापस बुलाया. उधर, न्यूजीलैंड ने चोटिल गेंदबाज एडम मिल्न की जगह मैट हेनरी को टीम में शामिल किया, जिन्हें वर्ल्ड कप टीम में सेमीफाइनल मैच से एक दिन पहले ही शामिल किया गया. अनुभवी हाशिम अमला और युवा क्विंटन डी कॉक दक्षिण अफ्रीका के लिए पारी की शुरूआत करने उतरे, लेकिन जल्द ही लड़खड़ा भी गए.
लड़खड़ाए अफ्रीकी ओपनर्स
न्यूजीलैंड की पेस बैटरी ने पहली ही गेंद से दक्षिण अफ्रीकी ओपनर्स का इम्तिहान लेना शुरू कर दिया. अमला और डी कॉक संभल-संभल कर खेल रहे थे, लेकिन स्कोर अभी 3.4 ओवर में 21 तक ही पहुंचा था कि ट्रेंट बोल्ट ने हाशिम अमला की गिल्लियां बिखेर दीं. अमला ने इस गेंद को शरीर के काफी दूर से ड्राइव करने की कोशिश की और गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर मिडिल स्टंप से जा टकराई. अमला ने 14 गेंदों पर 10 रन बनाए.
टूर्नामेंट में अब तक सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले ट्रेंट बोल्ट ने दूसरे ओपनर डी कॉक को भी ज्यादा देर टिकने नहीं दिया. एक बार विकेटकीपर ल्यूक रोंकी बोल्ट की ही गेंद पर 10 रन के स्कोर पर खेल रहे डी कॉक का कैच छोडकर उन्हें जीवनदान दे चुके थे, लेकिन डी कॉक अभी 4 रन ही और जोड़ पाए थे कि बोल्ट ने उन्हें फिर से फंसा लिया. बोल्ट के चौथे ओवर की पांचवी गेंद को डीकॉक ने थर्डमैन की तरफ खेल दिया, जहां टिम साउदी पहले से ही मौजूद थे. 14 रन पर डी कॉक को आउट करते ही बोल्ट किसी भी वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बन गए.
ड्यू प्लेसी और रोसू ने संभाली पारी
फैफ ड्यू प्लेसी और रिली रोसू की जोड़ी अब मैदान पर थी. न्यूजीलैंड की पेस बैट्री कहर बरपा रही थी इसलिए दोनों ने संभलकर खेलना शुरू कर दिया. दोनों ने मिलकर 18.2 ओवर में करीब 4.50 की औसत से बल्लेबाजी करते हुए 83 रन जोड़े. इस दौरान न्यूजीलैंड को एक मौका मिला जिसे उन्होंने गंवा दिया. पारी के 23वें ओवर में विलियम्सन ने ड्यू प्लेसी के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील की, जिसे अंपायर ने नकार दिया लेकिन न्यूजीलैंड ने इसके खिलाफ कोई अपील नहीं की.
टीवी रीप्ले से साफ था कि अगर न्यूजीलैंड रिव्यू लेता तो उन्हें एक और सफलता मिल जाती. ड्यू प्लेसी उस समय 35 पर बल्लेबाजी कर रहे थे. ड्यू प्लेसी और रोसू ने मिलकर दक्षिण अफ्रीका को 100 के पार पहुंचा दिया. लेकिन 27वें ओवर में जब न्यूजीलैंड का स्कोर 114 था तो पार्टनरशिप ब्रेकर के नाम से मशहूर कोरी एंडरसन ने रोसू पर नकेल कस दी. 53 गेंदों पर 39 रन बनाने के बाद रोसू बैकवर्ड प्वाइंट पर खड़े मार्टिन गुप्टिल को कैच थमा बैठे. गुप्टिल ने उछलते हुए अपने सिर के ऊपर एक हाथ से एक शानदार कैच पकड़ा.
ड्यू प्लेसी का दम, डिविलियर्स की किस्मत
फैफ ड्यू प्लेसी ने एक छोर संभाला हुआ था. उनके साथ अब कप्तान एबी डिविलियर्स थे. दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर न्यूजीलैंड के गेंदबाजों की खबर लेनी शुरू कर दी. ड्यू प्लेसी ने अपने प्लेसमेंट से और डिविलियर्स ने अपनी आक्रामकता से न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को बैकफुट पर धकेल दिया. ड्यू प्लेसी ने 85 गेंदों पर 4 चौकों की मदद से अपनी हाफ सेंचुरी पूरी कर ली. उधर, डिविलियर्स पर तो जैसे किस्मत मेहरबान थी. एक के बाद एक उन्हें तीन जीवनदान मिले. पारी के 35वें ओवर में एक रन लेने की कोशिश में वो रन आउट होते होते बचे. विलियम्सन का थ्रो अगर स्टंप पर लगता तो डिविलियर्स की पारी 33 पर सिमट गई होती.
36वें ओवर में एंडरसन की गेंद पर शॉर्ट कवर पर खड़े विलियम्सन ने एक आसान कैच टपकाकर फिर डिविलियर्स को जीवनदान दिया. इसी ओवर में डिविलियर्स ने एक छक्का और दो चौके जड़कर अपनी हाफ सेंचुरी पूरी कर ली. 37वें ओवर की चौथी गेंद पर डिविलियर्स को फिर से जीवनदान मिला. साउदी की गेंद डिविलियर्स के बल्ले का टॉप एज लेकर मिडविकेट की तरफ उछल गई और दो फील्डर्स के बीच में जा गिरी. दोनों ही फील्डर्स ने इस कैच को पकड़ने की कोशिश नहीं की.
डिविलियर्स और ड्यू प्लेसी की जोड़ी अब खतरनाक होती जा रही थी. दोनों करीब 9 की औसत से रन बना रहे थे. सिर्फ 11.5 ओवर में दोनों ने चौथे विकेट के लिए 102 रन जोड़ डाले. हालांकि रनों की इस बरसात के बीच बादलों ने बरसना शुरू कर दिया. उस समय डिविलियर्स 38 गेंदों पर 60 और ड्यू प्लेसी 106 गेंदों पर 82 रन बनाकर खेल रहे थे.
बरसात ने डाला खलल
करीब दो घंटे तक बरसात रूक-रूक कर होती रही और जब रूकी तो मैच 43 ओवर का हो चुका था, 3 गेंदबाज 9 ओवर फेंक सकते थे और 2 गेंदबाज 8 ओवर. न्यूजीलैंड के लिए टारगेट अब डकवर्थ लुईस के तहत ही तय होना था. तय हुआ कि न्यूजीलैंड की पारी के पहले 9 ओवर मैंडेटरी पावर-प्ले होंगे और उनका बैटिंग पावर-प्ले 4 ओवर का होगा.
82 पर लौटे ड्यू प्लेसी
बरसात के बाद खेल शुरू हुआ तो दक्षिण अफ्रीका को पहले ही ओवर में झटका लग गया. ड्यू प्लेसी अपने 82 के स्कोर में बिना कोई और रन जोड़े एंडरसन का शिकार हो गए. विकेटकीपर रॉन्की ने उन्हें विकेट के पीछे कैच आउट किया. हालांकि अंपायर ने इसे वाइड बॉल करार दिया था, लेकिन न्यूजीलैंड ने रिव्यू का सहारा लिया और उन्हें सफलता भी मिली.
मिलर का हमला
डेविड मिलर मैदान पर आए तो अपने साथ एक तूफान भी लाए. ये तूफान रनों का था. पारी के 40वें ओवर में मिलर ने टिम साउदी पर जमकर हमला बोला, इस ओवर में मिलर ने एक के बाद एक 4 चौके जड़ डाले. अगले ओवर में मिलर के टारगेट पर एंडरसन थे. इस ओवर में मिलर ने 1 चौका और 2 लंबे छक्के जड़कर दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 250 के पार पहुंचा दिया. पारी के 42वें ओवर में टिम साउदी ने जबरदस्त वापसी की और सिर्फ 7 रन दिए.
दक्षिण अफ्रीका- 281/5, न्यूजीलैंड को 298 का टारगेट
पारी के आखिरी ओवर की पहली गेंद पर मिलर ने फिर एक छक्का जड़ा लेकिन अगली ही गेंद पर एंडरसन ने उन्हें पैवेलियन लौटा दिया. गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेते हुए विकेटकीपर रॉन्की के दस्तानों में समा गई. मिलर ने 18 गेंदों पर 49 रन बनाए. उन्होंने 6 चौके और 3 छक्के जड़े. ओवर की चौथी गेंद पर नाथन मैक्कलम ने जेपी ड्यूमिनी का कैच भी छोड़ा. आखिरकार दक्षिण अफ्रीका की पारी 5 विकेट पर 281 रन बनाकर खत्म हुई. कप्तान डिविलियर्स 45 गेंदों पर 65 रन बनाकर नाबाद रहे. न्यूजीलैंड को डकवर्थ लुईस के तहत 43 ओवर्स में 298 रन बनाने का लक्ष्य मिला.
बरसात की वजह से दक्षिण अफ्रीका को कुछ रन का ही सही लेकिन फायदा तो मिला था. न्यूजीलैंड खेमा इस बात को अच्छी तरह जानता था कि करीब 300 का टारगेट पाना है तो दक्षिण अफ्रीका पर शुरू से ही दबाव बनाना होगा और उन्होंने इसी को अपनी रणनीति बना लिया. कप्तान ब्रैंडन मैक्कलम और पिछले मैच में दोहरा शतक जमाने वाले मार्टिन गुप्टिल ने पारी की शुरूआत धमाकेदार अंदाज में की.
मैक्कलम का तूफान
कप्तान मैक्कलम ने डेल स्टेन के पहले ही ओवर में छक्का जड़कर अपने इरादे साफ कर दिए. फिलेंडर के अगले ओवर में मैक्कलम ने फिर एक छक्का और दो चौके जड़े और इसके बाद तो गेंद के बाउंड्री पार जाने का सिलसिला शुरू हो गया. फिलेंडर की जगह मॉर्कल गेंदबाजी करने आए तो उनके पहले ओवर में भी मैक्कलम ने तीन चौके जड़ दिए. पारी का पांचवां ओवर स्टेन के लिए जैसे मुसीबत बनकर आया. मैक्कलम ने इस ओवर में दो छक्के और तीन चौके जड़कर 25 रन बना डाले. न्यूजीलैंड की पारी के 50 रन भी इसी ओवर में पूरे हो गए. मैक्कलम एक छोर से हमला कर रहे थे, तो गुप्टिल दूसरे छोर पर खामोशी से बल्लेबाजी कर रहे थे. दोनों ने मिलकर 6.1 ओवर में 11.51 की औसत से 71 रन जोड़ डाले.
मॉर्कल का डबल अटैक
आखिरकार मॉर्ने मॉर्कल ने मैक्कलम पर लगाम लगाकर अपनी टीम को राहत दी. मॉर्कल की गेंद को मिडऑन के ऊपर से उड़ाने की कोशिश में मैक्कलम स्टेन के हाथों धर लिए गए. न्यूजीलैंड के कप्तान ने सिर्फ 26 गेंदों पर 59 रन बनाए, जिसमें 8 चौके और 4 छक्के शामिल थे. इसके बाद आए केन विलियम्सन भी जम नहीं पाए. मॉर्कल की गेंद को पुल करने की कोशिश में गेंद उनके बल्ले के निचले हिस्से से लगकर स्टंप्स में समा गई. विलियम्सन सिर्फ 6 रन ही बना सके. 9वें ओवर में न्यूजीलैंड 81 रन पर 2 विकेट खो चुका था.
अफ्रीका ने कसा शिकंजा
मार्टिन गुप्टिल ने एक छोर संभाला हुआ था तो रॉस टेलर की कोशिश थी कि रन गति कम ना होने पाए इसलिए वो बीच-बीच में जोखिम लेकर बाउंड्री भी लगा रहे थे. दोनों मिलकर करीब 6 की औसत से रन बनाते रहे. न्यूजीलैंड के 100 रन 12वें ओवर में पूरे हुए. तीसरे विकेट के लिए दोनों ने 8.2 ओवर में 47 रन जोड़े.
पारी के 18वें ओवर में इमरान ताहिर की गेंद को बैकवर्ड प्वाइंट पर खेलकर टेलर सिंगल लेने के लिए दौड़े, उधर से गुप्टिल भी दौड़े लेकिन गेंद सीधे हाशिम अमला के पास पहुंच गई जिनको देखकर दोनों बल्लेबाज थोड़े ठिठक गए, अगर बीच में दोनों रूके ना होते तो रन पूरा कर लेते, लेकिन तालमेल गड़बड़ाया और अमला का थ्रो पर विकेटकीपर डीकॉक ने गुप्टिल के क्रीज में पहुंचने से पहले ही गिल्लियां बिखेर दीं. गुप्टिल ने 38 गेंदों पर 34 रन बनाए और इस पारी के दौरान वो किसी भी वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन और 500 रन बनाने वाले न्यूजीलैंड के पहले बल्लेबाज बन गए.
गुप्टिल गए तो टेलर भी ज्यादा देर नहीं रूके. जेपी ड्यूमिनी की पैड पर आती ऑफ ब्रेक गेंद को लेग साइड में खेलने की कोशिश कर रहे टेलर के बल्ले का किनारा लेते हुए गेंद विकेटकीपर डी कॉक के दस्तानों में जा पहुंची. टेलर ने 39 गेंदों में 30 रन बनाए. 149 तक न्यूजीलैंड के 4 बल्लेबाज पेवेलियन लौट चुके थे.
एंडरसन-इलियट की जम गई जोड़ी
ग्रांट इलियट और कोरी एंडरसन पर अब बड़ी ज़िम्मेदारी थी. दोनों ने बचाव और हमले की रणनीति अपनाई. जहां बाउंड्री मिल सकती थी वहां बाउंड्री लगाई और जहां दौड़ कर रन लिए जा सकते थे, वहां सिंगल-डबल भी लिए. दोनों ने करीब 6 की औसत से रन बनाते हुए 31वें ओवर में अपनी टीम को 200 के पार पहुंचा दिया.
32वें ओवर में दक्षिण अफ्रीका को एक आसान मौका मिला. स्टेन की गेंद को इलियट ने प्वाइंट की तरफ खेला, एंडरसन दूसरे छोर से रन लेने के लिए दौड़ पड़े लेकिन इलियट ने उन्हें वापस जाने को कहा. एंडरसन तब तक आधी पिच पार कर चुके थे, वो वापस दौड़े लेकिन तब तक गेंद डिविलियर्स के पास पहुंच चुकी थी. गेंद हाथ में आने से पहले ही डिविलियर्स के हाथ से बेल्स गिर गईं. ऐसे में जरूरी था कि डिविलियर्स गेंद हाथ में लेकर स्टंप उखाड़ दें लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाए और थर्ड अंपायर ने एंडरसन को नॉट आउट करार दिया.
इसके बाद तो इलियट और एंडरसन ने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया. 33 से 36 ओवर के बीच न्यूजीलैंड ने पावर-पले लिया और इन ओवर्स में इलियट और एंडरसन ने 35 रन जोड़े. दोनों ने एक-एक करके अपनी हाफ सेंचुरी भी पूरी कर लीं. एंडरसन ने 47 गेंदों पर 5 चौकों और 2 छक्कों की मदद से हाफ सेंचुरी जमाई, तो इलियट ने 53 गेंदों में 6 चौकों और 1 छक्के के साथ अपने 50 रन पूरे किए. दोनों की पार्टनरशिप अब 98 गेंदों पर 100 रन की हो चुकी थी.
फंस गया मैच
न्यूजीलैंड को जीत के लिए 30 गेंदों पर 46 रनों की जरूरत थी कि एंडरसन एक गलती कर गए. मॉर्ने मॉर्कल की शॉर्ट ऑफ लेंथ गेंद को पुल करने की कोशिश में एंडरसन ने स्क्वायर लेग पर खड़े फैफ ड्यू प्लेसी को कैच थमा दिया. उस समय न्यूजीलैंड का स्कोर 252 था. अगले बल्लेबाज ल्यूक रॉन्की भी डेल स्टेन की गेंद को फ्लिक करते हुए डीप मिडविकेट पर खड़े रोसू के हाथों धरे गए. रॉन्की ने सिर्फ 8 रन बनाए. खैर इलियट अब भी टिके थे और उम्मीदें अब भी बाकी थीं. पारी के 42वें ओवर में इलियट ने एक चौका जड़ा, लेकिन इसी ओवर में दक्षिण अफ्रीका ने उनका एक कैच भी छोड़ दिया.
रोमांचक आखिरी ओवर
आखिरी ओवर में जीत के लिए न्यूजीलैंड को 12 रनों की जरूरत थी. डिविलियर्स ने गेंद स्टेन को थमाई. विटोरी स्ट्राइक पर थे और पहली गेंद पर बाई का सिर्फ 1 रन मिला. दूसरी गेंद पर इलियट को भी 1 ही रन मिला. तीसरी गेंद स्टेन ने यॉर्कर डाली जिस पर विटोरी ने बल्ले का फेस खोल दिया. गेंद सीधा थर्डमैन बाउंड्री पर जा पहुंची. इस चौके के साथ ही मैदान दर्शकों के शोर से गूंज उठा. 3 गेंदों पर अभी 6 रन की जरूरत थी. चौथी गेंद पर फिर 1 रन बाई का मिला. अब दो गेंदों पर 5 रन की जरूरत थी और इलियट स्ट्राइक पर थे. इलियट जानते थे कि ये जीत ना सिर्फ उनकी टीम को फाइनल में पहुंचाएगी बल्कि उन्हें भी वर्ल्ड कप इतिहास का हिस्सा बना देगी. इसी सोच के साथ उन्होंने ओवर की पांचवी गेंद को लॉन्ग-ऑन की तरफ उड़ा दिया. मैदान का सन्नाटा अचानक शोर में तब्दील हो गया. न्यूजीलैंड जीत चुका था.
न्यूजीलैंड फाइनल में
इस जीत के साथ ही न्यूजीलैंड की टीम वर्ल्ड कप 2015 के फाइनल में पहुंच गई. वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ये उसका सातवां मैच था, लेकिन फाइनल में पहुंचने का ये पहला मौका था. पूरा स्टेडियम जश्न मना रहा था और दक्षिण अफ्रीकी टीम आंसुओं में डूबी थी.