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ये हैं पांच कारण जिनसे टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीतेगी सेमीफाइनल

आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में न्यूजीलैंड से टीम इंडिया भिड़ेगी या ऑस्ट्रेलिया इसका फैसला गुरुवार को हो जाएगा. सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर होने वाले इस महामुकाबले में रिकॉर्ड्स भले ही ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में हों लेकिन पांच ऐसे कारण हैं जो टीम इंडिया को मैच विनर बनाते हैं.

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आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में न्यूजीलैंड से टीम इंडिया भिड़ेगी या ऑस्ट्रेलिया इसका फैसला गुरुवार को हो जाएगा. सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर होने वाले इस महामुकाबले में रिकॉर्ड्स भले ही ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में हों लेकिन पांच ऐसे कारण हैं जो टीम इंडिया को मैच विनर बनाते हैं.

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पांच कारण कि हम कंगारुओं को चटाएंगे धूल-
1- हमारे पास बेहतर कप्तान-
टीम इंडिया के पास कैप्टन कूल एम एस धोनी है, जिनका रिकॉर्ड माइकल क्लार्क से बेहतर है. 2007 में वर्ल्ड टी-20 का फाइनल हो, 2011 के वर्ल्डकप का फाइनल या 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल, महेंद्र सिंह धोनी ने हर बार अपनी कप्तानी का लोहा मनवाया है. यही नहीं आईपीएल के फाइनल मैचों में भी धोनी की कप्तानी की हमेशा तारीफ हुई . उन्होंने अपनी कप्तानी में अपनी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को दो बार आईपीएल विजेता भी बनाया. धोनी के रिकॉर्ड्स साफ बताते हैं कि जितना बड़ा मैच होता है धोनी की कप्तानी उतनी ही निखर कर आती है. उधर माइकल क्लार्क की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया आजतक एक भी बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत पाया है. दबाव में दमदार कप्तानी दिखाने में क्लार्क अब तक नाकाम ही रहे हैं. अब ऐसे में कंगारुओं की हार साफ नजर आती है.

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2- बल्लेबाजों की फौज- वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की सबसे बड़ी ताकत ये रही है कि टीम के हर खिलाड़ी ने अपना पूरा योगदान दिया है. टीम किसी एक बल्लेबाज पर निर्भर नहीं है और उसके आउट होने के बाद बिखर नहीं रही है. अगर टॉप ऑर्डर फेल हो रहा है तो मिडिल ऑर्डर पर रन बन रहे हैं और अगर मिडिल ऑर्डर बिखर रहा है तो लोअर मिडिल ऑर्डर पारी संभाल रहा है. शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, सुरेश रैना, एम एस धोनी और रविंद्र जडेजा तक बल्लेबाजों की फौज है. शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली और सुरेश रैना इस वर्ल्ड कप में सेंचुरी जड़ चुके हैं. रहाणे अच्छी लय से बल्लेबाजी करते नजर आ चुके हैं और धोनी भी टीम को मैच जितवा चुके हैं. ऐसे में कंगारू गेंदबाजों की मुश्किलें बहुत बढ़ती नजर आ रही हैं.

3- गेंदबाजी का 7 में 70 रिकॉर्ड- वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी गेंदबाजी को माना जा रहा था. लेकिन टीम इंडिया के गेंदबाजों ने 7 मैचों में 70 विकेट झटककर साफ कर दिया है कि वो किसी भी बैटिंग ऑर्डर को तहस नहस कर सकते हैं. पेस अटैक में मोहम्मद शमी, उमेश यादव और मोहित शर्मा ने विकेट झटके हैं तो रनों पर अंकुश लगाने और ब्रेकथ्रू दिलाने का काम आर अश्विन ने भी बखूबी निभाया है. रविंद्र जडेजा और सुरेश रैना ने भी जरूरत पड़ने पर अच्छी गेंदबाजी की है. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने जिन भारतीय गेंदबाजों की धुनाई ट्राई सीरीज में की थी उन्होंने अपना बहुत बदला हुआ रूप इस वर्ल्ड कप में दिखाया है तो ऐसे में कंगारू बल्लेबाजों को भारतीय बॉलिंग अटैक से बचकर रहना होगा.

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4- कंगारुओं के लिए पिच का पचड़ा- सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर कुल 11 पिचें हैं, जिनमें से 1 रिटायर हो चुकी है. सेमीफाइनल मैच के लिए ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने पिच पर घास की मांग की थी जिससे उसके तेज गेंदबाजों को अच्छी स्विंग और उछाल मिल सके लेकिन आईसीसी ने इससे साफ इनकार कर दिया. ऐसे में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर पिच धीमी होने की संभावना है, जो स्पिन गेंदबाजों को भी मदद दे सकती है. ऑस्ट्रेलियाई टीम में कोई विशेषज्ञ स्पिनर नहीं है. सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर टॉस भी बड़ा फैक्टर नहीं होगा. यहां पर पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम भी जीत चुकी है और चेज करने वाली भी. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया को पिच को लेकर भी निराशा ही हाथ लगी है.

5- फैन्स सपोर्ट- अब जिस देश में क्रिकेट को खेल नहीं धर्म माना जाता हो वहां का फैन सपोर्ट तो हमेशा ही खास होता है. वर्ल्ड कप में अभी तक टीम इंडिया को हर मैच में गजब का फैन्स सपोर्ट मिला है. तिरंगा लेकर हजारों दर्शक मैच देखने पहुंच रहे हैं. मैच भले ही ऑस्ट्रेलिया में हो रहा हो लेकिन सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर भी भारतीय फैन्स ऑस्ट्रेलियाई फैन्स से ज्यादा संख्या में नजर आ सकते हैं. ऐसे में टीम इंडिया को कहीं से भी नहीं लगेगा कि वो विदेशी पिच पर खेल रही है. पहले सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को ऑकलैंड में खेलने का फायदा मिला था. इस मैच में इतने कीवी फैन्स थे कि दक्षिण अफ्रीकी फील्डर उनके शोर के बीच गलती करते नजर आए थे. धोनी ने क्वार्टर फाइनल मैच से पहले कहा था कि मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड तिरंगों से भरा नजर आए और मैच में ऐसा देखा भी गया. अब मेलबर्न के बाद सिडनी में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिल सकता है.

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