न्यूजीलैंड इससे पहले छह बार वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रहा था लेकिन यह पहला मौका होगा जब कीवी टीम खिताब के लिए भिड़ेगी. सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को बेहद रोमांचक मुकाबले में मात देकर न्यूजीलैंड ने फाइनल में प्रवेश किया है. चार बार की चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल में मौजूदा चैम्पियन भारत को हराकर फाइनल में पहुंचा है.
ऑस्ट्रेलिया को बड़े मुकाबलों में बेहतर प्रदर्शन करने की महारत हासिल है, ऐसे में उसे मात देना आसान नहीं होगा. इस बार ऑस्ट्रेलिया अपने प्रशंसकों के बीच फाइनल खेलेगा और निश्चित तौर पर इसका भी फायदा कंगारू टीम को मिलेगा.
न्यूजीलैंड को भी हालांकि हल्के में लेना गलत होगा. इस वर्ल्ड कप में कीवी अब तक अपने आठों मैच जीतकर फाइनल में पहुंची है. साथ ही पिछले 14 एकदिवसीय में न्यूजीलैंड अब तक 13 मैच जीत चुका है. न्यूजीलैंड इसी टूर्नामेंट के ग्रुप-ए मैच में ऑस्ट्रेलिया को हरा चुका है और यह आत्मविश्वास कीवी टीम के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
वैसे, न्यूजीलैंड ने टूर्नामेंट के अब तक के सारे मैच अपने घर में खेले हैं और टीम पहली बार ऑस्ट्रेलिया में खेलगी. ऑस्ट्रेलिया के कई पूर्व खिलाड़ी यह कहते आए हैं कि न्यूजीलैंड को स्वदेश में छोटे मैदानों में खेलने का फायदा मिला है और एमएसजी जैसे बड़े आकार के मैदान पर उन्हें समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
एमसीजी की बात करें तो पिछले 11 मैचों में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम आठ बार यहां विजयी रही है. न्यूजीलैंड टीम के लिए हालांकि एक बात उसका हौसला बढ़ाने वाली है. मौजूदा कीवी टीम के पांच खिलाड़ियों को एमसीजी पर खेलने का अनुभव है और 2009 में यहां दोनों टीमों के बीच हुए आखिरी एकदिवसीय मुकाबले में न्यूजीलैंड विजयी रहा था. ऑस्ट्रेलिया यहां खेले पिछले 12 मैचों में दो बार हारा है तथा पिछले छह मैचों से अपराजित है.
ऑस्ट्रेलिया का सबसे मजबूत पक्ष यह है कि टीम की बल्लेबाजी काफी गहरी है और नौंवे, दसवें क्रम तक के खिलाड़ी बल्लेबाजी की क्षमता रखते हैं. डेविड वार्नर, एरॉन फिंच, स्टीवन स्मिथ, कप्तान माइकल क्लार्क, विकेटकीपर ब्रैड हैडिन पर ऑस्ट्रेलिया को बल्लेबाजी में स्थायित्व रखने की जिम्मेदारी होगी.
दूसरी ओर, न्यूजीलैंड का अब तक का प्रदर्शन देखें तो टूर्नामेंट में अगल-अलग मौकों पर कोई एक खिलाड़ी बड़ी भूमिका निभाता नजर आया है. कप्तान ब्रेंडन मैक्लम, मार्टिन गुप्टिल, केन विलियमसन, रॉस टेलर, ग्रांट इलियट आदि ऐसे नाम हैं जिन पर बल्लेबाजी का दारोमदार होगा. गेंदबाजी में टिम साउदी, ट्रेंट बाउल्ट, डेनियल विटोरी पर बड़ी जिम्मेदारी होगी.
टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में बाउल्ट 21 विकेट के साथ शीर्ष पर हैं. विटोरी के नाम 15 विकेट हैं. वहीं, ऑस्ट्रेलिया के पास मिशेल जॉनसन, मिशेल स्टार्क, जेम्स फॉल्कनर जैसे बड़े गेंदबाज हैं. स्टार्क इस टूर्नामेंट में अब तक 20 विकेट चटका चुके हैं.
टीमें (संभावित):
ऑस्ट्रेलिया : डेविड वार्नर, एरॉन फिंच, स्टीवन स्मिथ, माइकल क्लार्क (कप्तान), शेन वाटसन, ग्लेन मैक्सवेल, ब्रैड हैडिन (विकेटकीपर), जेम्स फॉल्कनर, मिशेन जॉनसन, मिशेल स्टार्क, जोस हैजलवुड/पैट कमिंस.
न्यूजीलैंड : मार्टिन गुप्टिल, ब्रेंडन मैक्लम (कप्तान), केन विलियमसन, रॉस टेलर, ग्रांट इलियट, कोरी एंडरसन, ल्यूक रोंची (विकेटकीपर), डेनियल विटोरी, मैट हेनरी, टिम साउदी, ट्रेंट बोल्ट.
-इनपुट IANS