इतिहास अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी. पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले अगर वर्ल्ड कप का इतिहास टीम इंडिया के हौसले बढ़ा रहा था तो 22 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुकाबले से पहले भी धोनी की टीम इतिहास के पन्नों को पलट कर देख रही होगी. इस रविवार को वर्ल्ड कप फिर एक ऐसे मुकाबले का गवाह बनेगा जहां एक टीम दूसरी टीम से कभी भी वर्ल्ड कप में नहीं जीती और इस बार बैकफुट पर टीम इंडिया है. पाकिस्तान पर टीम इंडिया की बड़ी जीत के बावजूद भी बड़े-बड़े क्रिकेट पंडित और जानकार दक्षिण अफ्रीका पर ही दांव लगा रहे हैं. ऐसा क्यों है, आइये जानने की कोशिश करते हैं-
रिकॉर्ड बना सिरदर्द
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत वर्ल्ड कप में पिछले 23 सालों से संघर्ष कर रहा है. पूरी दुनिया में सिर्फ यही एक ऐसी टीम है जिसे भारत ने वर्ल्ड कप में कभी नहीं हराया. दोनों देश 1992, 1999 और 2011 वर्ल्डकप में आमने-सामने हुए लेकिन भारत एक बार भी दक्षिण अफ्रीका से जीत नहीं पाया.
मेलबर्न का शेर है दक्षिण अफ्रीका
मेलबर्न में दक्षिण अफ्रीका का रिकॉर्ड मेजबान ऑस्ट्रेलिया से भी बेहतर है. यहां खेले कुल 9 मैचों में से दक्षिण अफ्रीका ने 7 में जीत हासिल की है जबकि 2 में उसे हार मिली है. यहां उसकी जीत का प्रतिशत करीब 78 का है. वहीं टीम इंडिया ने यहां खेले 18 मुकाबलों में से केवल 8 जीते हैं, जबकि 10 मुकाबलों में उसे हार का मुंह देखना पड़ा. यहां भारत की जीत का प्रतिशत सिर्फ 44 का ही है.
दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों का दबदबा
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर में सबसे ज्यादा 115 का स्ट्राइक रेट शिखर धवन का है. जबकि दूसरे नंबर पर रवींद्र जडेजा है जिनका दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ स्ट्राइक रेट 108 का है. इसके अलावा विराट कोहली हों, कप्तान धोनी या फिर सुरेश रैना सभी का स्ट्राइक रेट दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 80 से कम या उससे थोड़ा ज्यादा है. वहीं दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी क्रम भारत के खिलाफ इक्कीस ही दिखाई देता है. कप्तान एबी डिविलियर्स और तूफानी बल्लेबाज डेविड मिलर का स्ट्राइक रेट 100 से ज्यादा का है तो टीम के बाकी बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट भी 100 के करीब ही है. ओपनर क्विनटन डे कॉक तो भारत के खिलाफ 3 मैचों में 3 सेंचुरी जमा चुके हैं. इसके अलावा हाशिम अमला, फैफ ड्यू प्लेसिस और जेपी ड्यूमिनी भी इस फॉर्मेट के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं.
स्टेन एंड कंपनी है खतरनाक
भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीमों के बीच जो सबसे बड़ा फर्क है वो है तूफानी गेंदबाज डेल स्टेन. दुनिया में सबसे बेहतरीन स्ट्राइक रेट रखने वाले स्टेन भारत के खिलाफ हर 25वीं गेंद पर विकेट चटकाते हैं तो उनके साथी मॉर्ने मॉर्केल 26 का स्ट्राइक रेट रखते हैं. हालांकि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत के मोहम्मद शमी इन दोनों से बेहतर 18 का स्ट्राइक रेट रखते हैं लेकिन रफ्तार और पैनेपन में वो स्टेन और मॉर्केल से काफी पीछे हैं. वर्नोन फिलेंडर भी टीम इंडिया का इम्तिहान लेने को तैयार होंगे. इसके अलावा डेथ ओवर्स की गेंदबाजी में भी दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज ज्यादा बेहतर साबित होते रहे हैं. हालांकि स्टेन भारत के खिलाफ मैच से बाहर रह सकते हैं.
फील्डिंग भी डाल सकती है फर्क
रन बनाने के अलावा रन रोकने के मामले में भी अफ्रीकी शेरों का मुकाबला दुनिया की कुछ ही टीमें कर पाती हैं. पाकिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया जिस एक डिपार्टमेंट में कमजोर दिखाई दी वो टीम की फील्डिंग ही थी. सचिन तेंदुलकर भी क्रिकेट के इस डिपार्टमेंट को लेकर टीम इंडिया को चेतावनी जारी कर चुके हैं. फील्डिंग के दौरान दिए गए कुछ एक्स्ट्रा रन या बल्लेबाजी के दौरान खराब रनिंग बिटवीन द विकेट पूरे मैच का नजारा बदल सकती है, ऐसे में दक्षिण अफ्रीका से इस मोर्चे पर भी कड़ी चुनौती मिलेगी.