लंदन के ओवल मैदान में बुधवार (7 जून) से वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) का फाइनल खेला जाएगा. रोहित शर्मा की अगुवाई वाली भारतीय टीम के सामने पैट कमिंस का ऑस्ट्रेलियाई टीम होगी. सभी की नजरें इस ब्लॉकबस्टर मुकाबले पर टिकी हैं. WTC फाइनल को लेकर किस बारे में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही, आइए जानते हैं. वहीं इस मैच में कई धांसू रिकॉर्ड भी बनेंगे.
WTC फाइनल में बनेंगे कई रिकॉर्ड
- भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी पिछली चार टेस्ट सीरीज जीती हैं. इनमें दो होम सीरीज रही हैं. वहीं दो विदेशी सरजमीं पर रही हैं. भारत ने ये सभी सीरीज 2-1 के अंतर से जीती हैं. ऐसे में भारत के पास पहली पहली बार WTC फाइनल जीतने का मौका है, 2021 में उसे न्यूजीलैंड से हार मिली थी.
- ओवल में ऑस्ट्रेलिया (0.411) और भारत (0.400) का जीत-हार का अनुपात लगभग समान है. ऑस्ट्रेलिया ने यहां 38 टेस्ट में से सात जीते और 17 हारे हैं, जबकि भारत ने 14 में से दो जीते और पांच हारे हैं. ऐसे में इस रिकॉर्ड को भारत सुधार सकता है. वहीं WTC जीतने का भी मौका है.
-विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2000 टेस्ट रन बनाने वाले भारत के पांचवें बल्लेबाज बनने से 21 रन पीछे हैं. सचिन तेंदुलकर (3630), वीवीएस लक्ष्मण (2434), राहुल द्रविड़ (2143) और चेतेश्वर पुजारा (2033) अन्य खिलाड़ी हैं, जिन्होंने यह कारनामा किया है.
- ओवल में तीन टेस्ट में, स्टीवन स्मिथ ने 97.75 की औसत से 391 रन बनाए हैं, जिसमें पांच पारियों में दो शतक और एक 80 रन शामिल हैं. ऐसे में स्मिथ अपना रिकॉर्ड और बेहतर कर सकते हैं.
अब आपको बताते हैं कि इस मैच में किन चीजों पर सबसे ज्यादा लोगों की नजर होगी.
भारतीय बल्लेबाजी Vs ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी
भारतीय टीम का हमेशा से ही बल्लेबाजी मजबूत पक्ष रहा है. WTC फाइनल में भी एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी टीम इंडिया के बल्लेबाजों खासकर, टॉप-4 पर होगी. रोहित शर्मा और शुभमन गिल की आक्रामक सलामी जोड़ी किसी भी विरोधी बॉलिंग लाइन-अप को तहस-नहस कर सकती है. इन दोनों के सामने मिचेल स्टार्क और पैट कमिंस की कड़ी चुनौती होगी. नंबर-3 पर चेतेश्वर पुजारा के डिफेंस को भेद पाना कंगारू गेंदबाजों के लिए आसान नहीं होगा.
The Captains 👍
— BCCI (@BCCI) June 6, 2023
The Championship Mace 👌
The Big Battle 💪
All In Readiness for the #WTC23#TeamIndia pic.twitter.com/Ep10vb2aj5
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विराट कोहली का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सामने आता है. टीम इंडिया उनसे वैसी ही उम्मीद कर रही होगी. स्टार्क-कमिंस के अलावा स्कॉट बोलैंड भी भारतीय बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं. वो एक ही टप्पा पकड़कर लगातार सधी हुई गेंदबाजी करने में माहिर हैं. ऐसे में उन्हें कमतर आंकना भूल होगी.
इस पेस तिकड़ी के अलावा कंगारुओं के पास कैमरन ग्रीन के रूप में एक शानदार ऑलराउंडर भी है. जो 140 किमी/घंटे की रफ़्तार से गेंद फेंकने में सक्षम है. तो वहीं ऑस्ट्रेलिया के पास नाथन लायन जैसा अनुभवी और उम्दा स्पिनर भी है. पिछले कुछ सालों में लायन ने स्पिन खेलने में महारत हासिल रखने वाले भारतीय बैटर्स को काफी परेशान किया है. ऐसे में उनसे भी सावधान रहना होगा.
पंत और बुमराह की कितनी कमी खलेगी?
हाल के समय में टेस्ट क्रिकेट में ऋषभ पंत से ज्यादा प्रभाव शायद ही किसी और भारतीय बल्लेबाज ने छोड़ा हो. 2020-21 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर ब्रिस्बेन के गाबा में खेली गई 89 (नॉटआउट) रन की मैच जिताऊ पारी अभी तक हर फैन के जेहन में ताजा है. लोअर मिडिल ऑर्डर में पंत अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से किसी भी मैच का पासा पलटने में सक्षम हैं. ऐसे में उनकी कमी निश्चित तौर पर भारतीय टीम को खलेगी.
इसके अलावा गेंदबाजी इकाई के अगुवा जसप्रीत बुमराह की गैर मौजूदगी भी टीम इंडिया के लिए बड़ा झटका है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 7 टेस्ट मैचों में 21 की औसत से 32 विकेट चटकाए हैं. बुमराह नई और पुरानी गेंद से किसी भी विपक्षी बल्लेबाजी क्रम को परेशान कर सकते हैं. उनके ना होने से कंगारू टीम राहत महसूस कर रही होगी. हालांकि ऑस्ट्रेलियाई टीम भी अपने प्रमुख तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड के बगैर ही WTC फाइनल में उतरेगी. वो काफी समय से चोटिल हैं.
ओवल में किस टीम का पलड़ा भारी?
भारत और ऑस्ट्रेलिया पहली बार किसी तटस्थ स्थान पर एक-दूसरे के खिलाफ खेल रहे हैं. WTC फाइनल के वेन्यू की बात करें तो ओवल के मैदान पर दोनों ही टीमों का रिकॉर्ड खास अच्छा नहीं है. भारत ने यहां 14 टेस्ट खेले हैं. जिनमें उसे केवल 2 में जीत, जबकि 5 मैचों में हार मिली है. 7 टेस्ट बेनतीजा रहे हैं.
वहीं ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन तो और भी खराब रहा है. कंगारू टीम 38 मैचों में 7 जीती है, जबकि 17 में उसे शिकस्त का सामना करना पड़ा है. बाकी 14 मैच डॉ समाप्त हुए. सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा तो ये है कि पिछले 50 सालों में ऑस्ट्रेलियाई टीम ओवल में सिर्फ 2 बार (2001, 2015) ही जीतने में सफल हो पाई है. ऐसे में टीम इंडिया इसका जरूर फायदा उठाने चाहेगी. ये पहला मौका होगा जब लंदन का ओवल मैदान जून के महीने में कोई टेस्ट मैच आयोजित करेगा.
... किसने क्या कहा?
इस हाईवोल्टेज मुकाबले से पहले जाहिर तौर पर दोनों खेमों से काफी बयानबाजी भी हो रही है. जिससे इस फाइनल की अहमियत पता चलती है. कंगारू टीम के कप्तान पैट कमिंस ने कहा कि पिछले 2 सालों से इस फाइनल की चर्चा हो रही थी. टेस्ट क्रिकेट में ये सबसे बड़ी ट्रॉफी है. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि 2021 में पिछले WTC फाइनल (जिसमें भारत को न्यूजीलैंड ने हराया था) के बाद हमने तुरंत चैम्पियनशिप के अगले चक्र पर ध्यान लगाया. मुझे लगता है कि पूरी टीम ने एकजुट होकर इस दौरान शानदार खेल दिखाया.
पूर्व खिलाड़ियों ने भी अपनी राय दी है. रिकी पोंटिंग का मानना है कि ओवल की पिच कंगारू टीम को ज्यादा रास आएगी. इसलिए उनकी नजर में पैट कमिंस की अगुवाई वाली टीम फाइनल जीतने के लिए फेवरेट है. वहीं, पूर्व महान भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भारतीय टीम को लेकर थोड़ी चिंता जताई है. गावस्कर का कहना है कि चेतेश्वर पुजारा को छोड़कर किसी भी खिलाड़ी ने हाल के समय में इंग्लिश परिस्थितियों में टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला है. जो कि टीम इंडिया के लिए बड़ी चुनौती होगी. बता दें कि पुजारा सेकेंड डिविजन काउंटी चैंपियनशिप में ससेक्स की टीम का हिस्सा थे. जहां उन्होंने इस सीजन में शानदार प्रदर्शन करते हुए 8 पारियों में 545 रन बनाए. इस दौरान पुजारा ने 3 शतक भी जड़े.
रहाणे की वापसी पर सबकी नजरें
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अजिंक्य रहाणे पर सबकी निगाहें होंगी. भारतीय टेस्ट टीम में वापसी कर रहे रहाणे ने IPL के इस सीजन में अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी से हर किसी को चौंकाया. उनका चेन्नई सुपर किंग्स को चैम्पियन बनाने में अहम योगदान रहा. उनका आत्मविश्वास भी सातवें आसमान पर होगा. लिहाजा नंबर-5 पर रहाणे टीम इंडिया के लिए एक बार फिर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. WTC फ़ाइनल को लेकर रहाणे ने कहा कि मैं किसी को कुछ भी साबित नहीं करना चाहता. मेरी प्रतिस्पर्धा सिर्फ मुझसे है. मैं किसी भी चीज का पीछे नहीं करना चाहता, सिर्फ अपने खेल पर भरोसा करना चाहता हूं. मुंबई के बल्लेबाज के लिए ओवल में ये मुकाबला करो या मरो वाला हो सकता है. इसमें बेहतरीन प्रदर्शन भारतीय टीम में दोबारा रहाणे की जगह पक्की कर सकता है. जबकि दो खराब पारियां उनके क्रिकेट करियर को लगभग समाप्त कर सकती हैं.
हालिया कुछ सालों में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट क्रिकेट में जबरदस्त टक्कर देखने को मिली है. शायद ही किसी और टीमों में इतनी प्रतिस्पर्धा दिखी हो. एक बार फिर क्रिकेट फैंस दुनिया की टॉप-2 टीमों के बीच रोमांचक और कड़े मुकाबले की उम्मीद कर रहे होंगे. टीम इंडिया पिछले फाइनल की हार को भुलाकर WTC ट्रॉफी पर कब्जा जमाने को बेताब होगी. वहीं, कंगारू टीम भी एक और ICC ट्रॉफी जीतकर एशेज से पहले इंग्लैंड को कड़ा संदेश देना चाहेगी.