आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) के फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 209 रनों से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी. लंदन के ओवल मैदान पर खेले गए मुकाबले में भारतीय टीम को जीत के लिए 444 रनों का टारगेट मिला था, लेकिन उसकी पूरी टीम पांचवें दिन लंच से पहले ही धराशायी हो गई.
टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन की बड़ी वजह उसके टॉप ऑर्डर की नाकामी रही. विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और रोहित शर्मा जैसे धुरंधर बल्लेबाजों से बड़ी पारियों की उम्मीद थी, लेकिन तीनों ही बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रहे. रोहित, पुजारा और कोहली में से किसी एक ने भी शतकीय पारी खेली होती तो मुकाबले का नतीजा कुछ और ही हो सकता था.
रोहित, कोहली और पुजारा ने भारतीय फैन्स को मुस्कुराने के कई मौके दिए हैं, लेकिन अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर खड़ी इस तिकड़ी के बाद टेस्ट में भारत कितना तैयार है, यह सबसे बड़ा सवाल है. आने वाले दिनों में टीम इंडिया को इन खिलाड़ियो के विकल्प तलाशने के साथ ही कुछ सख्त फैसले लेने होंगे.
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सबसे पहले चेतेश्वर पुजारा की बात करते हैं जिनका फ्लॉप रहना भारतीय फैन्स को काफी खल रहा क्योंकि वह काफी दिनों से इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेलने के कारण सबसे ज्यादा तैयार थे. पुजारा के लिए पिछले कुछ साल अच्छे नहीं गुजरे हैं. 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में 77 रनों की यादगार पारी खेलने के बाद से पुजारा के फॉर्म में काफी गिरावट आई है. बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव में बनाए गए 90 और 102 रनों के अलावा 2022 में वह कुछ खास नहीं कर सके.
पुजारा-कोहली के टेस्ट फॉर्म में आई बड़ी गिरावट
पुजारा ने 2021-2023 के डब्ल्यूटीसी सीजन में 17 टेस्ट खेलकर 32 की औसत से 928 रन बनाए, जिसमें एक शतक शामिल रहा. भारत ने श्रीलंका के खिलाफ 2022 की शुरुआत में घरेलू सीरीज में पुजारा के स्थान पर हनुमा विहारी को आजमाया, जिन्होंने तीन पारियों में एक अर्धशतक लगाया. पुजारा की वापसी के बाद उनका भी पत्ता कट गया.
टीम इंडिया के लिए दिक्कत चौथे नंबर की भी है, जहां किंग कोहली उतरते हैं. कोहली ने अपने करियर के दौरान जिस तरह गेंदबाजों पर दबाव बनाया है, वह बहुत कम बल्लेबाज ही कर पाए हैं, लेकिन असलियत यह भी है कि टेस्ट क्रिकेट में उनके फॉर्म में गिरावट आ चुकी है. कोहली ने डब्ल्यूटीसी 2021-23 के सत्र में कुल 17 टेस्ट खेलकर 32.13 की औसत से 932 रन बनाए, जिसमें एकमात्र शतक शामिल रहा जो अहमदाबाद की सपाट पिच पर बनाया गया था.
चौथे नंबर पर भारत के पास क्या हैं विकल्प?
चौथे नंबर के लिए श्रेयस अय्यर और सरफराज खान के नाम पर विचार किया जा सकता है. फिलहाल चोट से जूझ रहे श्रेयस को शॉर्ट पिच गेंदों पर अपनी कमजोरी से पार पाना होगा, तभी वह टेस्ट में टीम इंडिया के परमानेंट सदस्य बन सकते हैं. सरफराज खान ने पिछले सत्र में घरेलू क्रिकेट में काफी रन बनाए, लेकिन तेज गेंदबाजी का सामना करने के लिए उनके पास तकनीक की कमी नजर आती है. सरफराज इंडिया-ए के लिए सात टेस्ट मैचों में एक भी शतक नहीं लगा पाए.
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उधर कप्तान रोहित शर्मा ने पिछले डब्ल्यूटीसी चक्र में अच्छा प्रदर्शन किया था, हालांकि फाइनल में वह चल नहीं पाए. रोहित ने 11 टेस्ट में 42.11 की औसत से 758 रन बना विदेश में उनका औसत 52.57 रहा, जबकि भारत में उन्होंने 36.88 की औसत से रन बनाए, लेकिन 36 वर्ष के हो चुके रोहित क्या 2025 में खेलेंगे ये बड़ा सवाल है.
युवा बल्लेबाज शुभमन गिल एक छोर संभालने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनका जोड़ीदार कौन होगा. भारत को मयंक अग्रवाल के रूप में विकल्प मिला था, लेकिन वही काफी अरसे से टीम मे अपनी जगह नहीं बना पाए हैं. वहीं अभिमन्यु ईश्वरन और यशस्वी जायसवाल को अभी इस प्रारूप में खुद को साबित करना बाकी है.