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तो पुजारा को टीम से बाहर कर देना चाहिए..? जानिए दिग्गज गावस्कर ने क्या कहा

वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में टीम इंडिया की हार के बाद चेतेश्वर पुजारा की बैटिंग पर सवाल उठाए जा रहे हैं. लेकिन दिग्गज सुनील गावस्कर ने पुजारा का बचाव किया है. गावस्कर के मुताबिक हार के लिए पुजारा को दोष देना ठीक नहीं है.

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 Cheteshwar Pujara (Getty)
Cheteshwar Pujara (Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • WTC फाइनल में हार से करोड़ों भारतीय फैन्स का दिल टूट गया
  • इस हार के बाद चेतेश्वर पुजारा की बैटिंग पर सवाल उठाए जा रहे हैं

वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) के फाइनल में टीम इंडिया की हार से करोड़ों भारतीय फैन्स का दिल टूट गया. इस महामुकाबले से पहले टीम इंडिया की जीत को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए थे. लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ उस निर्णायक मुकाबले में भारतीय बल्लेबाजों ने बेड़ा गर्क कर दिया. 

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वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के खिताबी मुकाबले में मिली हार के बाद चेतेश्वर पुजारा की बैटिंग पर सवाल उठाए जा रहे हैं. लेकिन दिग्गज सुनील गावस्कर ने पुजारा का बचाव किया है. गावस्कर के मुताबिक हार के लिए पुजारा को दोष देना ठीक नहीं है.

गावस्कर ने 'स्पोर्ट्स तक' से कहा, 'न्यूजीलैंड की बात करें तो डेवोन कॉनवे, केन विलियमसन, रॉस टेलर ने भी पुजारा की तरह धीमी शुरुआत की थी. पुजारा की सॉलिडिटी की वजह से दूसरे एंड पर बल्लेबाज शॉट खेल सकते हैं. पुजारा एक छोर को सही पकड़ कर रखते हैं. मयंक अग्रवाल बतौर ओपनर बढ़िया रहे हैं और वह दो डबल सेंचुरी जड़ चुके हैं. रोहित शर्मा को एक-दो मैचों में आराम देकर आप गिल और अग्रवाल को मौका दे सकते हैं. इससे पता चल जाएगा कि दोनों में किसकी तकनीक बेहतर है.' 

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गावस्कर ने आगे कहा, 'टेस्ट क्रिकेट में धैर्य की दरकार होती है. भारतीय बल्लेबाज में इसकी थोड़ी कमी दिखाई दी. इसकी वजह से उन्होंने शॉट खेलने का प्रयास किया और आउट हुए. जहां पर थोड़ी गेंद हिलती है वहां संयम दिखाना काफी जरूरी होता है. यदि बल्लेबाजों ने संयम दिखाया होता तो बात कुछ और होती. परिस्थितियां न्यूजीलैंड के अनुकूल थीं और इसका उन्होंने फायदा उठाया.' 

पुजारा ने आखिरी बार शतक जनवरी 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाया था. तब उन्होंने सिडनी में 193 रनों की पारी खेली थी. चेतेश्वर पुजारा ने इस सीरीज में 521 रन बनाए थे. सिडनी की पारी के बाद से पुजारा ने अर्धशतक तो जरूर लगाए हैं, लेकिन वह उसे शतक में तब्दील करने में असफल रहे. सिडनी के उस टेस्ट के बाद से पुजारा का एवरेज महज 26.35 का रहा है.

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