इस साल भारतीय क्रिकेट टीम में केएल राहुल को बड़ी जिम्मेदारी दी गई. राहुल पहले बतौर ओपनर टीम इंडिया के लिए वनडे और टी-20 खेलते थे, लेकिन जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में उन्हें विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी दी गई. केएल राहुल के पास विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी आने के बाद उनका बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिला है. दस्ताने हाथ में आते ही केएल राहुल की बल्लेबाजी में भी बेहतरीन बदलाव देखने को मिला है.
विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी केएल राहुल के इंटरनेशनल करियर का पॉइंट साबित हुई. ठीक उसी तरह जब रोहित शर्मा को मिडिल ऑर्डर से ओपनिंग की जिम्मेदारी दी गई थी. केएल राहुल अब भारत के लिए वनडे और टी-20 मैचों में नियमित विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. यह फैसला था कप्तान विराट कोहली और टीम मैनेजमेंट का जिन्हें वनडे और टी-20 में महेंद्र सिंह धोनी के बाद मजबूत विकेटकीपर बल्लेबाज की जरूरत थी, क्योंकि ऋषभ पंत काफी मौके गंवा रहे थे.
देखें- आजतक LIVE TV
कप्तान विराट कोहली भी कह चुके हैं कि केएल राहुल टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में बने रहेंगे. कोहली ने कहा था कि वह टीम में वैसा ही संतुलन बनाए रखते हैं, जैसे 2003 के वर्ल्ड कप में राहुल द्रविड़ ने कर दिखाया था. राहुल को विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर शानदार प्रदर्शन की बदौलत काफी कामयाबी मिली, जिससे उन्हें आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब टीम की कप्तानी भी मिली.
इस साल आईपीएल में भी राहुल का कमाल देखने को मिला. राहुल ने आईपीएल-13 में सबसे ज्यादा 670 रन बनाए और ऑरेंज कैप अपने नाम की. टीम इंडिया में केएल राहुल को विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर रखने का फॉर्मूला सफल होने के बाद ऋषभ पंत के लिए वनडे और टी-20 में वापसी की राह मुश्किल हो गई है.
ऋषभ पंत को टीम मैनेजमेंट ने लगातार मौके दिए, लेकिन पंत ने विकेटकीपिंग और बैटिंग में बेहद खराब प्रदर्शन किया. केएल राहुल को विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर प्लेइंग इलेवन में शामिल करने से टीम इंडिया को बहुत संतुलन मिला है. केएल राहुल के खेलने से टीम इंडिया एक एक्स्ट्रा बल्लेबाज, गेंदबाज और ऑलराउंडर को भी प्लेइंग इलेवन में शामिल कर सकती है.