वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच से ठीक पहले कप्तान विराट कोहली के शब्दों ने सलामी बल्लेबाज शिखर धवन की बल्लेबाजी जो आत्मविश्वास का संचार किया उसकी बदौलत उन्होंने अर्धशतकीय पारी खेली. पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद शिखर धवन ने अपनी 84 रनों की पारी का श्रेय बड़ा दिल, कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले को दिया.
अगस्त 2015 के बाद से टेस्ट में अपना पहला अर्धशतक लगाने के बाद अब शिखर धवन के ऊपर से दबाव जरूर कुछ कम हुआ होगा क्योंकि मैच से पहले इस तरह की अटकलें थी कि अंतिम एकादश में उनकी जगह लोकेश राहुल को मौका मिल सकता है जिन्होंने अभ्यास मैच में लगातार दो अर्धशतक जड़े थे. लेकिन कप्तान कोहली ने इसे सिरे से खारिज करते हुए शिखर में अपना विश्वास जताया था.
शिखर धवन ने पहले दिन के खेल के बाद कहा, ‘अगर टीम का कप्तान और कोच आपका समर्थन कर रहा है तो मुझे लगता है कि यह किसी भी खिलाड़ी के लिए महत्वपूर्ण है और यह आपको काफी आत्मविश्वास देता है. यह मायने रखता है और आपके अंदर आत्मविश्वास होना चाहिए कि आप यह कर सकते हो और यह इन प्रत्येक चीजों का मिश्रण है.’ उन्होंने कहा, ‘पारी की शुरुआत करना सबसे कड़ा काम है और जब आप फ्रेश विकेट पर नई गेंद का सामना कर रहे हों तो आपके पास बड़ा दिल होना चाहिए. गेंदबाज पूरी ऊर्जा के साथ बॉलिंग करते हैं और एक ओपनर के रूप में आपकी तकनीक अच्छी होनी चाहिए क्योंकि आपको काफी गेंद छोड़नी होती हैं और आपको धैर्य की भी जरूरत होती है.’
धवन ने कहा, ‘मध्यक्रम के बल्लेबाजों को भी इसकी जरूरत होती है लेकिन नई गेंद की अपनी चुनौती होती है. विजय अच्छी गेंद पर आउट हुआ और यह काफी तेज गेंद थी. इस नजर से मैं भाग्यशाली रहा क्योंकि गैब्रियल काफी अच्छी गेंदबाजी कर रहा था.’ बाएं हाथ का यह बल्लेबाज हालांकि थोड़ा निराश है कि लेग स्पिनर देवेंद्र बिशू की गेंद पर पगबाधा आउट होने के कारण वह शतक पूरा नहीं कर पाया. उन्होंने कहा, ‘मैं निराश हूं कि मैं उस समय आउट हो गया जब मैं जम चुका था और रन बना रहा था. मैंने क्रीज पर पर्याप्त समय बिताया था और शतक जड़ने के बेहद करीब पहुंच गया था.’
धवन ने कहा, ‘साथ ही मैं खुश भी हूं कि मैंने अच्छी शुरुआत की और आगामी मैचों में भी अच्छा प्रदर्शन जारी रखने की कोशिश करूंगा. मैं जिस फॉर्म में हूं उसका फायदा उठाना चाहता हूं.’ धवन ने पहले सत्र में डटकर बल्लेबाजी की जबकि गैब्रियल प्रभावी गेंदबाजी कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘मैंने महसूस किया कि पहले सत्र में विकेट ताजा है और गेंदबाजी काफी अच्छी हो रही थी. इसलिए मैं अच्छी गेंदों का सम्मान कर रहा था और मुझे पता था कि मैं जोखिम नहीं उठा सकता क्योंकि विकेट पर अतिरिक्त उछाल है. इसलिए मैंने शरीर के करीब शॉट खेले और जल्दबाजी में नहीं था.’