scorecardresearch
 

Yuvraj Singh on MS Dhoni: युवराज सिंह का छलका दर्द, बोले- एमएस धोनी को आखिर तक मिला सपोर्ट लेकिन...

सिक्सर किंग युवराज सिंह ने कहा- मेरा मानना है कि सपोर्ट काफी मायने रखता है, लेकिन टीम इंडिया में हर किसी को यह नसीब नहीं होता है...

Advertisement
X
MS Dhoni and Yuvraj Singh (Twitter)
MS Dhoni and Yuvraj Singh (Twitter)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • युवराज ने 2014 वर्ल्ड कप में खेली थी धीमी पारी
  • फाइनल में बनाए थे 21 बॉल पर सिर्फ 11 रन

पूर्व भारतीय क्रिकेटर और सिक्सर किंग युवराज सिंह ने अपने करियर से जुड़े कुछ गहरे राज से पर्दा हटाया है. उन्होंने बताया है कि 2014 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में उन्होंने धीमी पारी क्यों खेली थी. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि खिलाड़ियों को सपोर्ट मिलना बेहद जरूरी है. बगैर सपोर्ट के कुछ नहीं होता है.

Advertisement

दरअसल, टीम इंडिया ने टी20 वर्ल्ड कप का पहला खिताब 2007 में अपने नाम किया था. तब युवराज सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ एक ओवर में 6 छक्के लगाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था. उसके बाद टीम इंडिया 2014 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची थी. जहां श्रीलंका ने 6 विकेट से हराया था. इस मैच में युवराज ने 21 बॉल पर 11 रन की बेहद धीमी पारी खेली थी. तब उनकी जमकर आलोचना हुई थी.

मैं बॉल को हिट नहीं कर पा रहा था: युवराज

युवराज ने एक इंटरव्यू में अपनी उस धीमी पारी के बारे में बात करते हुए कहा, 2014 वर्ल्ड कप के दौरान मुझमें आत्मविश्वास बहुत ही कम था. तब ऐसा माहौल था कि मुझे कभी भी टीम से बाहर किया जा सकता था. यह कोई बहाना नहीं है, लेकिन मुझे टीम में किसी से भी कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था. कोचिंग में भी गैरी कर्स्टन के समय से अब मैं डंकन फ्लेचर के युग में आ गया था. टीम पूरी तरह से बदल चुकी थी.

Advertisement

युवी ने कहा, 'फाइनल में मैं बॉल को हिट नहीं कर पा रहा था. ऑफ स्पिनर पर भी हिट करने की कोशिश की, लेकिन नहीं हो पा रहा था. आउट होने की भी कोशिश की, लेकिन वह भी नहीं हुआ. इसके बाद लोगों ने कहा कि मेरा करियर खत्म हो गया है. मुझे भी ऐसा ही लगा था, लेकिन यह जीवन है. आपको हार-जीत और बाकी सबकुछ स्वीकार करना पड़ता है.' 

धोनी को सपोर्ट मिला, तो आखिर तक खेला: युवराज

युवी ने कहा, यदि आपको कोच और कप्तान से सपोर्ट मिलता है, तो इससे काफी मदद मिलती है. आप महेंद्र सिंह धोनी को ही देख लीजिए. वह अपने करियर के आखिर तक खेले. उन्हें विराट कोहली और रवि शास्त्री से काफी सपोर्ट मिला. वे धोनी को वर्ल्ड कप (2019) में भी लेकर गए. धोनी ने 350 वनडे मैच खेले हैं. मेरा मानना है कि सपोर्ट काफी मायने रखता है, लेकिन टीम इंडिया में हर किसी को यह नसीब नहीं होता है.

सिक्सर किंग ने कहा, यहां हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, वीवीएस लक्ष्मण जैसे कई महान खिलाड़ी रहे हैं, जिन्हें सपोर्ट नहीं मिला. आपको पता है कि आपके सिर पर कुल्हाड़ी लटकी हुई है, जो बैटिंग में थोड़े भी डगमगाने पर गिर सकती है, तो ऐसे में आप कैसे अपना बेस्ट परफॉर्मेंस दे पाएंगे. यह कोई बहाना नहीं है, पर यह सच है. 2011 के बाद पूरा माहौल ही बदल गया था.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement