गेंदबाजों की कब्रगाह मानी जाने वाली चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच पर खेलकर युजवेंद्र चहल को विकेटों पर फोकस करने की आदत पड़ गई है. जिसका फायदा अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में मिल रहा है. चहल ने पहले दो वनडे में 7 विकेट लिये हैं. दूसरे वनडे में उन्होंने पहली बार पांच विकेट चटकाए. हरियाणा के इस गेंदबाज ने मैन ऑफ द मैच पुरस्कार लेने के बाद कहा ,‘ मैं गेंद को फ्लाइट कराता हूं और विकेट पर फोकस करता हूं. मुझे पता है कि इस गेंद पर छक्का भी पड़ सकता है, लेकिन आपका कप्तान और टीम प्रबंधन जब आपके साथ होता है तो आत्मविश्वास मिलता है.’
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उन्होंने कहा ,‘मैंने बेंगलुरु में आरसीबी के लिए खेला है और वहां के विकेट इससे भी सपाट है, लिहाजा वह अनुभव यहां काम आया. यदि आप बल्लेबाज या उनके कद के बारे में सोचने लगे तो अपनी ताकत पर फोकस नहीं कर सकते. आईपीएल में भी मैंने चार ओवर में 40 रन तक दिए, लेकिन मुझे तब भी यही लगता था कि अच्छी गेंदों पर शॉट लगे हैं. मेरी ताकत विकेट लेना है और मैं किफायती गेंदबाजी के चक्कर में नहीं पड़ता .’
अपने पांचों विकेटों में से उन्हें जेपी डुमिनी के विकेट से सबसे ज्यादा खुशी हुई. उन्होंने कहा ,‘डुमिनी का विकेट सर्वश्रेष्ठ था क्योंकि वह बाएं हाथ का बल्लेबाज हैं. मैं आईपीएल में उसके साथ खेल चुका हूं और वह आखिरी ओवरों में खेल का नक्शा बदल सकता है. हमारी योजना उसे धीमी गेंद डालने की थी, जो कारगर साबित हुई.’