टीम इंडिया के स्पिनर युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में साथ खेलना एक सपना हो गया है. इन दोनों गेंदबाजों ने साथ में टीम इंडिया को कई मैचों में जीत दिलाई है. लेकिन मौजूदा दौर में दोनों खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं.
कुलदीप यादव जहां टीम इंडिया में अपनी जगह गंवा चुके हैं तो वहीं चहल को अंतिम ग्यारह में जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. दरअसल, दोनों के खराब फॉर्म की शुरुआत तब हुई जब इस जोड़ी को तोड़ा गया और इसके पीछे क्या वजह रही, इसका खुलासा चहल ने 'स्पोर्ट्स तक' पर किया है.
चहल ने कहा, '2018 तक टीम में मैं और कुलदीप यादव लगातार साथ खेले. उसकी वजह थे हार्दिक पंड्या. हार्दिक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर थे. वह जब बोलिंग करते थे तो दो स्पिनर साथ खेलते थे, लेकिन उनके चोटिल होने के बाद रवींद्र जडेजा टीम में आए. यहीं से सब बदला.'
चहल ने आगे कहा कि जडेजा स्पिन ऑलराउंडर हैं. हार्दिक पंड्या के चोटिल होने के बाद उनकी जगह टीम में ऑलराउडर की जरूरत थी, क्योंकि यह टीम कॉम्बिनेशन के लिए जरूरी था कि 7 नंबर तक कोई बैटिंग कर सके. जडेजा स्पिनर हैं तो ऐसे में कुलदीप या मुझे किसी एक को ही अंतिम ग्यारह में चुना जाना था.
चहल ने कहा कि टीम जब तक टीम जीत रही है उन्हें बाहर बैठने में कोई दिक्कत नहीं है. अगर मैं नहीं खेल रहा हूं और टीम जीत रही है, फिर भी मैं खुश रहूंगा. चहल ने कहा कि मैंने पिछले साल 6 महीने बाद न्यूजीलैंड में वनडे सीरीज खेली थी. मुझे विश्वास था कि मैं अच्छा करूंगा, क्योंकि नेट्स में मैं अच्छी गेंदबाजी कर रहा था. मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि मैं टीम का हिस्सा नहीं हूं. ये सभी चीजें आपको विश्वास बनाए रखने में मदद करती हैं.
युजवेंद्र चहल ने आखिरी अंतरराष्ट्रीय सीरीज इंग्लैंड के खिलाफ खेली थी. उन्होंने टी20 सीरीज में 3 मैच खेले और सिर्फ तीन विकेट लेने में ही कामयाब रहे. इसके बाद आईपीएल-14 में भी चहल का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा. चहल ने आईपीएल टलने तक 7 मैच खेले और 4 विकेट ही ले पाए.