शतरंज के बिसात पर धोनी बैठ चुके हैं. अब उन्हें अपने उन मोहरों का सही तरीके से इस्तेमाल करना है जो ना सिर्फ टीम को जीत दिलाए बल्कि टीम की ताकत को दोगुना कर दे. अब कमजोर कड़ियों को एक एक कर जोड़ने की बारी है.