युया ओसाको के गोल की मदद से जापान ने फीफा विश्व कप में कोलंबिया को 2-1 से हरा दिया और टूर्नामेंट में किसी दक्षिण अमेरिकी टीम को हराने वाली पहली एशियाई टीम बन गई. ओसाको ने 73वें मिनट में विजयी गोल दागा. कोलंबिया ने 86 मिनट तक दस खिलाड़ियों के साथ खेला. इसके साथ ही जापान ने ब्राजील में 2014 में हुए विश्व कप में कोलंबिया के हाथों ग्रुप चरण में 1-4 से मिली हार का बदला भी चुकता कर लिया.
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मोरडोविया एरीना में खेले गए ग्रुप-एच के मैच में जापान ने पेनल्टी पर शिंजी कगावा (छठे मिनट) के गोल से खाता खोला था. कोलंबिया के लिए इस मैच में एकमात्र गोल जुआन क्विनटेरो ने (39वें मिनट) में किया.
अच्छी किस्मत के साथ उतरी जापान की टीम को तीसरे ही मिनट में पेनल्टी पर गोल करने का अवसर मिला. जापान के खिलाड़ियों से मिले पास को रोकने की कोशिश कर रहे कोलंबिया के खिलाड़ी कार्लोस सांचेज के हाथ से गेंद टकरा गई. ऐसे में जापान को पेनल्टी और सांचेज को रेड कार्ड दिया गया. बोरूसिया डार्टमंड क्लब के मिडफील्डर कगावा ने छठे मिनट में गोल कर जापान का खाता खोला.
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इतनी कोशिशों के बाद आखिरकार 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रही कोलंबिया को सफलता हाथ लगी. उसने फ्री किक पर मिले अवसर को भुनाया. जुआन क्विनटेरो ने स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया. बराबरी के साथ ही पहले हाफ का समापन हो गया.
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अपने नए कोच अकिरा निशिनो के साथ इतिहास बदलने के इरादे से उतरी एशियाई टीम के लिए 70वें मिनट में कगावा के स्थान पर सब्स्टीट्यूट बनकर आए किउस्के होंडा ने 73वें मिनट में कॉर्नर से शॉट मारा, जिसे युया ओसाको ने हेडर से कोलंबिया के गोल पोस्ट तक पहुंचाकर जापान को 2-1 की बढ़त दिला दी, जो निर्णायक साबित हुई.
2014 में गोल्डन बूट के विजेता जेम्स रोड्रिगेज ने दूसरे हाफ में इस मैच में कदम रखा और गोल करने का अवसर भी हासिल किया, लेकिन कावाशीमा ने एक बार फिर 78वें मिनट में कोलंबिया के गोल करने की एक और कोशिश को नाकाम कर दिया.