रूस में चार दिन बाद शुरू होने जा रहे फीफा विश्व कप-2018 में इंग्लिश प्रीमियर लीग क्लबों का बोलबाला है. इंग्लैंड के क्लबों के लिए खेलने वाले 38 खिलाड़ी इस साल फीफा विश्व कप में अपनी-अपनी राष्ट्रीय टीमों का प्रतिनिधित्व करेंगे.
इसके बाद स्पेनिश लीग का स्थान आता है, जहां से खेलने वाले 29 खिलाड़ी अपने-अपने देशों के लिए खेलेंगे. इसी तरह इटालियन लीग से 11, फ्रेंच लीग से 12 और जर्मन लीग से पांच खिलाड़ी अपने-अपने देशों के लिए विश्व कप खेलते दिखेंगे.
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विश्व कप में खेलने वाले खिलाड़ियों की संख्या के लिहाज से क्लबों की रैंकिंग की बात की जाए तो इंग्लिश क्लब मैनचेस्टर सिटी के सबसे अधिक 16 खिलाड़ी इस साल फीफा विश्व कप में अपना फन दिखाएंगे.
इसके बाद स्पेनिश क्लब रियल मैड्रिड का स्थान आता है, जिसके 15 खिलाड़ी विश्व कप में हिस्सा ले रहे हैं. इसके बाद स्पेनिश क्लब एफसी बार्सिलोना (14), फ्रेंच क्लब पेरिस सेंट जर्मेन (12), इटालियन क्लब युवेंतस (11), ईपीएल क्लब चेल्सी (9), ईपीएल क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड (7), ईपीएल क्लब टॉटेनहम हॉस्टपर (6) और जर्मन लीग चैंपियन बायर्न म्यूनिख (5) का नंबर आता है.
ईपीएल क्लबों का विश्व कप में प्रतिनिधित्व सबसे अधिक 38 खिलाड़ियों का है. ये खिलाड़ी अर्जेंटीना, बेल्जियम, ब्राजील, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, पुर्तगाल, स्पेन, सर्बिया, स्वीडन, कोलंबिया, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया और नाइजीरिया के लिए खेल रहे हैं.
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मैनचेस्टर सिटी के लिए खेलने वाले 16 खिलाड़ी आठ देशों के लिए खेल रहे हैं, जबकि रियल के लिए खेलने वाले 15 खिलाड़ी भी आठ अलग-अलग देशों के लिए खेल रहे हैं. इसी तरह बार्सिलोना के लिए खेलने वाले 14 खिलाड़ी नौ अलग-अलग देशों से हैं.
पेरिस सेंट जर्मेन की बात की जाए, तो इसके लिए खेलने वाले 12 खिलाड़ी छह देशों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जुवेंतस के 11 खिलाड़ी 10 देशों से ताल्लुक रखते हैं।
ईपीएल क्लबों मैनचेस्टर सिटी, मैनचेस्टर यूनाइटेड, चेल्सी और टॉटेनहम हॉट्सपर के कुल खिलाड़ियों को मिला दिया जाए, तो यह संख्या 38 हो जाती है. इस तरह फीफा विश्व कप में प्रतिनिधित्व के मामले में ईपीएल क्लबों ने स्पेन या फिर दूसरे अन्य क्लबों को काफी पीछे छोड़ दिया है.