फीफा वर्ल्ड कप के तीसरे प्री-क्वार्टर फाइनल में मेजबान रूस ने स्पेन को पेनल्टी शूटआउट में 4-3 से मात दे दी है. इसी के साथ ही रूस ने फुटबॉल वर्ल्ड कप के क्वाटर फाइनल में जगह बना ली, जबकि साल 2010 का वर्ल्ड चैंपियन स्पेन टूर्नामेंट से नॉकआउट हो गया है.
इससे पहले निर्धारित समय तक स्पेन और रूस 1-1 की बराबरी पर रहा और यह मैच एक्स्ट्रा टाइम में चला गया लेकिन फिर भी मुकाबला बराबरी पर रहा. निर्धारित समय तक स्कोर 1-1 रहने के बाद मैच पेनल्टी शूटआउट में चला गया जहां मेजबान टीम ने 4-3 से बाजी मारी.
रूस ने 48 साल बाद फीफा वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया. रूस की इस जीत के नायक निश्चित तौर पर उसके गोलकीपर इगोर अकीनफीव रहे जिन्होंने मैच के दौरान कई शानदार बचाव किए और फिर पेनल्टी शूटआउट में भी दो बचाव करके लुजनिकी स्टेडियम में जश्न में डुबो दिया.It's going to be quite the Sunday night in Moscow! 🎉#ESPRUS pic.twitter.com/aKenFJR0Ud
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नियमित और अतिरिक्त समय तक मैच 1-1 से बराबरी पर था.स्पेन ने नियमित और अतिरिक्त समय में गेंद को 79 प्रतिशत समय तक अपने कब्जे में रखा, लेकिन वह रूसी रक्षापंक्ति विशेषकर गोलकीपर अकीनफीव को भेदने में नाकाम रहे. उसने 11वें मिनट में सर्गेई इग्नाशेविच के आत्मघाती गोल से बढ़त बनाई. रूस को 41वें मिनट में पेनल्टी मिली जिस पर आर्टम दजयुबा ने बराबरी का गोल किया.#RUS live on!
The Luzhniki has exploded into a sea of celebrations. The hosts are into the quarter-finals!#ESPRUS pic.twitter.com/tXt1IvxVdN
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आखिर में विजेता का फैसला पेनल्टी शूटआउट से हुआ. रूस के लिए फेडोर समोलोव, इग्नाशेविच, अलेक्सांद्र गोलोविन और डेनिस चेरीशेव गोल करने में सफल रहे. स्पेन की तरफ से आंद्रेई इनिस्टा, गेर्राड पिक और सर्गियो रामोस ने गोल किए लेकिन कोके और इयगो एस्पास दोनों के शॉट अकीनफीव ने बड़ी खूबसूरती से रोक दिए.
रूस (सोवियत संघ) ने इससे पहले 1970 में अंतिम आठ में जगह बनाई थी. वह अब क्वार्टर फाइनल में सात जुलाई को क्रोएशिया और डेनमार्क के बीच होने वाले मैच के विजेता से भिड़ेगा.
लीग चरण में अजेय रहे स्पेन ने रूस के खिलाफ सतर्क शुरुआत की. शुरू में लग रहा था कि दोनों टीमें एक दूसरे को परखने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन 11वें मिनट में इग्नाशेविच के आत्मघाती गोल से रूस बैकफुट पर चला गया.
यूरी झिरिकोव ने रूसी गोल के बायीं तरफ नाचो को गिरा दिया जिसके कारण स्पेन को फ्री किक मिली. इस्को की फ्रीकिक ने रूसी डिफेंडर इग्नाशेविच को परेशानी में डाल दिया.
उन्होंने गोल बचाने के लिए सर्गियो रामोस को भी नीचे गिरा दिया लेकिन गेंद उनकी एड़ी से लगकर गोल में समा गई. रूसी गोलकीपर इगोर अकीनफीव के पास उसे रोकने का कोई मौका नहीं था.
स्पेन के कप्तान को लगा कि गोल उन्होंने किया है. वह जश्न भी मनाने लगे लेकिन जल्द ही साफ हो गया कि गेंद रामोस नहीं, बल्कि इग्नाशेविच के पांव से लगकर गयी है. इस गोल से इग्नासेविच (38 साल 252 दिन) वर्ल्ड कप में सबसे अधिक उम्र में आत्मघाती गोल करने वाली खिलाड़ी भी बन गए. इससे पहले रिकॉर्ड हांडुरास के नियोल वालाडर्स (37 साल 43 दिन) के नाम पर था जिन्होंने फ्रांस के खिलाफ 2014 में यह गोल किया था.
Love him or hate him, that aerial back-heel pass to Pique, after almost 110 minutes of football, was coolness personified from Ramos 😎#ESPRUS pic.twitter.com/6ltEfQC3YQ
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रूस ने इसके बाद दबाव भी बनाया. खेल के 26वें मिनट में इग्नाशेविच ने गलती की भरपाई करने की अच्छी कोशिश की. उन्होंने गोलोविन को अच्छा पास दिया जो उसे अच्छी तरह से नहीं संभाल पाए और रूस ने मौका गंवा दिया.
गोलोविन के पास 36वें मिनट में भी मौका था, लेकिन दो रक्षकों को छकाने के प्रयास में उनका शाट गोल पोस्ट के करीब से बाहर चला गया. इसके बाद हालांकि जल्द ही रूस ने बराबरी कर दी.
कार्नर किक पर आर्टम दजयुबा का हेडर गेर्राड पिक के हाथ से टकरा गया जिससे रूस को पेनल्टी मिली. स्पेन ने इसका विरोध किया लेकिन रेफरी टस से मस नहीं हुए. दजयुबा ने इसे आसानी से गोल में बदलकर लुज्निकी स्टेडियम में नई जान भर दी. मध्यांतर तक दोनों टीमें 1-1 से बराबरी पर थी.
स्पेन की टीम अकीनफीव को पहले हाफ में ज्यादा परेशान नहीं कर पाई. दूसरे हाफ में 59वें मिनट में डियगो कोस्टा ने इस्को के साथ मिलकर मूव बनाया, लेकिन पूरी रूसी टीम गोल बचाने के लिए आ गई. इसके बाद 74वें मिनट में भी रूस ने गोल बचाने की अपनी काबिलियत का अच्छा परिचय दिया, जब इस्को के शाट को फेडोर कुद्रयासोव ने बचाया.
रूस ने चेरीशेव और समोलोव को दूसरे हाफ में उतारा. इन दोनों के अलावा गोलोविन ने जवाबी हमले पर निगाहें टिकी थी. दूसरी तरफ कोस्टा की जगह आंद्रेस इनिस्टा मैदान पर उतर चुके थे. उन्होंने लगातार हमले किए. इनिएस्ता ने 85वें मिनट में गोल की तरफ करारा शॉट भी जमाया, लेकिन अकीनफीव ने बड़ी खूबसूरती से इसका बचाव कर दिया.
दूसरे हाफ में कोई भी गोल नहीं कर पाई और मैच अतिरिक्त समय तक खिंच गया जिसमें स्पेन की टीम अधिक संयोजित और प्रतिबद्ध दिखी. नियमित खेल की तरह अतिरिक्त समय में भी गेंद रूसी पाले में ही मंडराती रही, जिसके खिलाड़ियों ने फिर से अपनी ताकत गोल बचाने पर लगाई.
अकीनफीव ने 109वें मिनट में फिर से बेहतरीन बचाव करके रूसी समर्थकों को राहत पहुंचाई. उन्होंने रोड्रिगो का शॉट गोल में जाने से बचाया. रिबाउंड पर गेंद दानी कार्वाजल के पास पहुंची लेकिन इलिया कुतेपोव ने उनका शॉट रोक दिया.