विवादास्पद वीडियो असिस्टेंट रेफरी टेक्नोलॉजी (VAR) रूस में 2018 वर्ल्ड कप के दौरान डेब्यू करेगी, जिसमें रेफरी अपनी उंगुलियों से स्क्रीन का संकेत बनाकर वीडियो रेफरी से सलाह ले सकते हैं. विभिन्न फीफा टूर्नामेंटों, इटली के सिरी ए और जर्मनी की बुंदेसलीगा में प्रयोग के बाद अधिकांश देश सैद्धांतिक रूप से वीएआर से वाकिफ हैं.
क्या है VAR टेक्नोलॉजी?
वीएआर का इस्तेमाल चार स्थितियों में किया जा सकता है- गोल होने के बाद, पेनल्टी से जुड़े फैसलों पर, रेड कार्ड से जुड़े फैसलों पर या फिर कार्ड दिखाए जाने के दौरान खिलाड़ी की गलत पहचान के मामले में.
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ये है VAR के फायदे
फ्लोरेंस के समीप कोवसियानो में इतालवी राष्ट्रीय ट्रेनिंग केंद्र में वीएआर ट्रेनिंग कार्यक्रम के दौरान फीफा रेफरी समिति के अध्यक्ष पीयरलुइगी कोलिना ने कहा, ‘इसका उद्देश्य बड़ी और सामान्य गलतियों से बचना है, इसका लक्ष्य कभी प्रत्येक छोटी घटना को देखना नहीं है.’
रूस में 13 रेफरी सिर्फ ‘कंट्रोल स्क्रीन’ को देखने का काम करेंगे और पिच पर अधिकारी की भूमिका निभाने के लिए चुने गए लगभग 35 रेफरी में से प्रत्येक को एक या इससे अधिक मैच में वीडियो रेफरी की भूमिका निभानी होगी. नीदरलैंड के रेफरी ब्योर्न कुइपर्स ने कहा, ‘वीएआर हमारा सबसे अच्छा मित्र हो सकता है, अब बड़ी गलती करना संभव नहीं है.’