महत्वपूर्ण मौकों पर स्कोर करने की अपनी काबिलियत और भाग्य के दम पर फ्रांस ने फीफा विश्व कप के रोमांचक फाइनल में दमदार क्रोएशिया को 4-2 से हराकर दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया.
लगातार तीन मैच अतिरिक्त समय में जीत फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण के फाइनल में पहुंची क्रोएशिया पहली बार फाइनल में जाने के मौके को जीत में नहीं बदल सकी.
क्रोएशिया पहली बार फाइनल में पहुंचा था. उसने अपनी तरफ से हर संभव प्रयास किए और अपने कौशल और चपलता से दर्शकों का दिल भी जीता, लेकिन आखिर में जालटको डालिच की टीम को उप विजेता बनकर ही संतोष करना पड़ा.
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चार मैचों में एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करने वाली क्रोएशिया रविवार को कहीं न कहीं किस्मत की मारी रही. मैच का पहला गोल फ्रांस के हिस्से आया, लेकिन यह आत्मघाती गोल था जो क्रोएशिया के मारियो मांडजुकिक ने किया. यह विश्व कप के फाइनल में हुआ पहला आत्मघाती गोल था, जिसने क्रोएशिया को निराश कर दिया.
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इसी गोल से क्रोएशिया की उल्टी गिनती शुरू हो गई. हालांकि इवान पेरिसिक ने उसे बराबर कर दिया था, लेकिन फ्रांस को 38वें मिनट में मिली पेनल्टी ने कहीं न कहीं यह बता दिया था कि यह दिन क्रोएशिया का नहीं है. और अंत भी यही हुआ.
पहले हाफ में जबरदस्त खेलने वाली क्रोएशिया की टीम दूसरे हाफ में फ्रांस द्वारा किए गए दो गोल के सामने बिखर गई और पहले खिताब से चूक गई. क्रोएशिया ने बेशक हार झेली हो, लेकिन वह दुनियाभर के फुटबॉल प्रेमियों का दिल जीतने में सफल रही है.